Exclusive : मेरी राजनीतिक विचारधारा की वजह से मुझसे दो तीन ब्रांड्स की डील छिनी हैं- नकुल मेहता
टीवी एक्टर नकुल मेहता इनदिनों सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले सीरियल बड़े अच्छे लगते हैं 2 को लेकर सुर्खियों में हैं. ढाई साल बाद वह टीवी पर इस शो से वापसी कर रहे हैं. वह खुश हैं कि टीवी के इस आइकॉनिक सीरियल के लिए उन्हें चुना गया है.
टीवी एक्टर नकुल मेहता इनदिनों सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले सीरियल बड़े अच्छे लगते हैं 2 को लेकर सुर्खियों में हैं. ढाई साल बाद वह टीवी पर इस शो से वापसी कर रहे हैं. वह खुश हैं कि टीवी के इस आइकॉनिक सीरियल के लिए उन्हें चुना गया है. शो में उनके साथ दिशा परमार नजर आनेवाली हैं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत…
आपको जब बड़े अच्छे लगते हैं 2 का आफर आया तो आपका क्या रिएक्शन था?
ये शो का जैसे आफर आया. मैंने तय कर लिया कि मुझे करना है. इसके दो तीन वजहें थी. मेरी माँ जो हैं वो इस शो की बहुत बड़ी वाली फैन रही हैं. 2011 में मैं भी अपनी माँ के साथ ये शो देखा करता था तो हमारी यादें जुड़ी हैं. दूसरा इश्कबाज करें मुझे ढाई साल हो गए थे मुझे लगा कि अपने उन दर्शकों के लिए कुछ करना चाहिए. जो आपका कार्यक्रम निर्धारित समय पर देखती है और आपको याद करती है. तीसरा एकता कपूर इस शो की क्रिएटर और प्रोड्यूसर हैं. उनके साथ काम करने की चाह हमेशा से रही हैं. एक दो प्रोजेक्ट्स हम साथ करने वाले थे लेकिन कुछ ना कुछ वजहों से वो अटक गए.
बड़े अच्छे लगते हैं टीवी का पॉपुलर शो रहा है कितना प्रेशर महसूस कर रहे हैं?
मैं हमेशा उन चीजों पर काम करता हूं. जिसमें मुझे कुछ नया करने का मौका है. बड़े अच्छे लगते हैं एक आइकॉनिक शो रहा है हम सभी इसके दर्शक रहे हैं. दस साल बाद फिर वही कहानी कही जा रही है. मेरे लिए यह एक नया किरदार है. मेरे लिए प्रेशर ये नहीं है कि ऑडियंस को कैसा लगेगा. मेरे लिए प्रेशर ये है कि मैं इसमें एक आर्टिस्ट कितना रस भर सकूं. मुझे उम्मीद है कि नयी पीढ़ी के साथ साथ पुरानी पीढ़ी जो ये शो देख चुकी है. वो भी इस बार ये शो पसंद करें यही चाहत है.
इस सीजन का राम कपूर दस साल पुराने राम कपूर के किरदार से कितना अलग होगा?
दोनों का जो दिल है वो एक जैसा ही है. हां एक दशक की वजह से आदतें बदल गयी हैं. दोनों कलाकार अलग हैं इसलिए परफॉरमेंस के लिहाज से भी अलग होगा क्योंकि हम अपने ज़िन्दगी के अनुभव और नज़रिए से किसी किरदार में रंग भरते हैं. वैसे राम कपूर मेरे लिए टेलीविज़न के सबसे बड़े स्टार हैं. हम अलग पीढ़ी के एक्टर हैं वो अलग. मुझे खुशी होगी अगर साक्षी मैम मेरे परफॉरमेंस को देखें और कहें कि अच्छा ही करता है.
एक दशक बाद भी बड़े अच्छे लगते हैं की कहानी को आप किस तरह से सामयिक पाते हैं?
बड़े अच्छे लगते हैं उन लोगों की कहानी है. जिनको देखकर समाज को लगता है कि आपने शादी के लिए देर कर दी.अब आपको एक साथी मिलना मुश्किल है . अकेलेपन का जो कांसेप्ट है. मुझे लगता है कि दस साल से ज़्यादा वो अभी है खासकर शहरों के लोग इससे ज़्यादा कनेक्ट करेंगे. मुझे लगता है कि ह्यूमन इमोशन कभी नहीं बदलता है. बस उसके कहने का तरीका बदल जाता है.
दिशा परमार के साथ आपने प्यार का दर्द है सीरियल किया था इन सालों में कितना फर्क और समानता पाते हैं?
दिशा को मैं दस सालों से जानता हूं।वो मेरी पहली को एक्टर हैं टीवी की। वो यंग एज वाली लव स्टोरी थी ये मैच्योर लव स्टोरी. हम दोनों इन सालों में एक्टर और इंसान दोनों के तौर पर मैच्योर हुए हैं. दोस्ती और सम्मान के साथ एक सहजता भी है इसलिए काम करना आसान हो जाता है. वो जानती है कि मेरे खराब जोक्स आएंगे मैं जानता हूं कि वो रिएक्टस नहीं करेगी.
इस सीरियल से शुरुआत में दिव्यंका का नाम जुड़ा था जिसे उन्होंने मना कर दिया था उस विवाद पर आपका क्या कहना है?
मुझे लगता है कि एकता कपूर इस सवाल का सही जवाब दे सकती हैं. मैंने अपने कैरियर में कभी नहीं कहा कि मेरा को एक्टर ये होना चाहिए या ये मुझे नहीं चाहिए. दिव्यंका बहुत अच्छी एक्टर हैं भविष्य में मौका मिलेगा मैं उनके साथ काम करना चाहूंगा.
राम कपूर और साक्षी तंवर बड़े अच्छे लगते हैं में अपने इंटिमेट दृश्यों को भी लेकर काफी सुर्खियों में था. ऑन स्क्रीन इंटीमेसी पर आपकी क्या राय है?
एक एक्टर के तौर पर मैं इन बातों के बारे में सोचता नहीं हूं क्योंकि इमोशन को दर्शाने के लिए हर एक्टर कैमरे के सामने नंगा ही होता है. आप अपने इमोशन छुपा के काम नहीं कर सकते वरना आप लोगों से कनेक्ट नहीं हो सकते हैं। कहानी की जो भी ज़रूरत होगी. मैं करुंगा.
आप उन चुनिंदा एक्टर में से हैं जो सामाजिक और राजनीतिक तौर पर भी अपने सशक्त विचार हमेशा रखते हैं उस वजह से कई बार ट्रॉल्लिंग का भी शिकार होते हैं उनके डील कैसे करते हैं?
एक्टिंग करना मेरा काम है ।एक्टर होने के साथ साथ इस देश का मैं नागरिक भी हूं. हम डेमोक्रेसी में रहते हैं तो मेरा धर्म है कि सच बात लोगों तक पहुंचाऊं. कभी अपनी बात से तो कभी अपनी कविताओं के ज़रिए. अगर इससे मेरे प्रसंशक कम होते हैं या मुझे ट्रोल करते हैं. मुझे फर्क नहीं पड़ता है। मेरी एक्टिंग अच्छी बुरी है आप उस पर कमेंट कर सकते हैं .
क्या कभी इस वजह से आपके प्रोफेशनल कैरियर में कोई परेशानी आयी है कोई प्रोजेक्ट आपसे छीन लिया गया हो?
अब तक मैंने जिन मेकर्स के साथ काम किया है।वो खुद भी काफी जागरूक और शिक्षित हैं इसलिए समझते हैं कि कलाकार और उसकी निजी सोच में फर्क होता है. इस बात के साथ मैं ये भी कहूंगा मेरी राजीनीतिक विचाधारा की वजह से दो तीन ब्रांड डील मुझसे छीन गयी. वैसे मैं खुद भी वैसे ब्रांड्स के साथ काम नहीं करना चाहूंगा जो सच को दिखाने से डरते हैं. कुलमिलाकर कुछ खोया है तो बहुत कुछ पाया है.