टीवी की ‘अंगूरी भाभीजी’ यानी शिल्पा शिंदे जल्द ही शो ‘गैंग्स ऑफ फिल्मिस्तान’ में नज़र आनेवाली हैं. बिग बॉस की विनर यह अभिनेत्री खुद को चूजी करार देती हैं. वह साफतौर पर कहती हैं कि वे धारावाहिकों का हिस्सा नहीं बनेंगी. उर्मिला कोरी से हुई खास बातचीत…
गैंग्स ऑफ फिल्मिस्तान में आपको क्या अपील कर गया?
कॉमेडी में आपको एक्सप्लोर करने का मौका मिलता है. यहां पर आप रोज एक ही कपड़े पहनकर रोज़ एक ही चीज़ करना नहीं करना हैं.वैसे वो भी खाने का काम नहीं है करना. रोजी रोटी के लिए करना पड़ता है.ये नॉन फिक्शन है तीन महीने का ही शो है.ये मैं स्पेशली इसलिए बता रही हूं कि शो बंद होने के बाद लोग शुरू हो जाते हैं कि अरे चला नहीं इसलिए बंद हो गया. हम फिर ब्रेक के बाद तीसरा सीजन लेकर आएंगे. आज जैसा सिचुएशन है लग रहा हंसाना बहुत ज़रूरी है.
आप बहुत कम प्रोजेक्ट्स में नज़र आती हैं इसकी वजह?
मैं कभी किसी के साथ कॉम्पिटिशन नहीं करती हूं. मैं बस इसके बाद क्या अच्छा कर सकती हूं. इस पर फोकस करती हूं. यही वजह है कि मैंने इतने साल काम ही नहीं किया. मैं सिर्फ पैसों के लिए काम नहीं करना चाहती हूं. खुद के नज़रों में नहीं गिरना चाहती कि ये मैंने क्या कर लिया. मैं आज में जीती हूं मुझे कल का नहीं पता है. कल का दिन निकला तो देख लेंगे.
आपने कहा कि आप पैसों के लिए काम नहीं करती हैं लेकिन ग्लैमर इंडस्ट्री का भरोसा नहीं है ऐसे में भविष्य को सुरक्षित करने की आपकी क्या प्लानिंग है?
भविष्य तो वैसे भी सुरक्षित नहीं है. आपकी ज़िंदगी अभी सुरक्षित नहीं है तो भविष्य कैसे होगा. मैं बहुत ही मिडिल क्लास परिवार से आती हूं. मेरे पापा हाई कोर्ट में जज थे. उन्होंने कभी पैसे कमाने पर फोकस नहीं किया. आज तो लोग छोटा सा काम करवाने के लिए पैसे मांगते हैं. हमने ऐसा कभी नहीं देखा. पापा ने कई बार लेटर देकर लोगों की मदद की. हमेशा सम्मान और नाम कमाने पर ही उनका फोकस होता था इसलिए मैंने भी उसी पर फोकस किया. मुझे लगता है कि पैसा आता ही है खत्म होने के लिए?
एक्टर्स अक्सर दूसरे साइड बिजनेस के ज़रिए खुद के भविष्य को सुरक्षित बनाते हैं.
मैंने भी कुछ दुकानें खरीदी हैं लेकिन आज जो हालात है. दुकानें बंद हैं. कोई भाड़ा नहीं आ रहा है. लोग बोलते हैं प्रॉपर्टी में पैसे डालो. मैंने कमर्शियल प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट किया लेकिन देखिए वह भी अभी फायदे का सौदा नहीं. मैंने सोचा था कि मैं खुद उसमें पार्लर ,रेस्टोरेंट या फिर छोटा मोटा स्लिम ट्रिम सेन्टर शुरू करेंगे. सभी को पतला बनना है इसलिए अच्छे पैसे कमा सकते हैं. अच्छा हुआ मैंने शुरू नहीं किया था वरना और नुकसान होता था. कुलमिलकर ज़्यादा केलकुलेटिव बनने में भी कोई फायदा नहीं है.
लॉकडाउन का पीरियड कैसा बीता?
लॉकडाउन में बहुत कुछ देखा।मां गिर गयी तो उनका हिप बोन्स और शोल्डर फ्रैक्चरड हो गया था. हॉस्पिटल्स के भी चक्कर लगाए. बाहर हालात बहुत खराब थे. इसके अलावा फैमिली के साथ एन्जॉय किया. टीवी देखा, लूडो खेला,पत्ते खेलें,खाना बनाया. घर के अंदर झगड़े भी किए.
खुद का ख्याल कैसे रखा?
ख्याल तो ऐसा रखा कि लॉकडाउन में सभी की तरह मेरा भी वजन बढ़ गया है. एक बार लगा कि वजन कम करने के बाद काम शुरू करते हैं लेकिन फिर लगा कि कल कभी नहीं आता है. आज से ही काम कर लो तो काम शुरू कर दिया. हो सकता है कि शो के लास्ट एपिसोड तक पतली हो जाऊं. वैसे मैं कभी पतली दुबली नहीं थी. मैंने देखा है कि कई एक्ट्रेसेज को ये नहीं खाना वो खाना.इसमें वो अपना हेल्थ खराब कर लेती हैं. अरे यार अब नहीं खाओगे तो कब खाओगे. बुड्ढे होने पर बच्चे खाने नहीं देंगे तो अभी जी लो.
बिग बॉस जितने के बावजूद आपने उस जीत को उस तरह से नहीं भुना पाया जैसे भुनाना था?
बिग बॉस जीतने के बाद मैंने कसम खायी थी कि अब इसके बाद जो काम देगा.उसके साथ काम नहीं करना है.भाई पहले क्यों नहीं आए तब मुझ पर बैन लगा दिया गया था तो सबके लिए मैं अछूत हो गयी थी. जा तेरी ऐसी की तैसी.अब करना ही नहीं है. बहुत सारे ऑफर्स मैंने ठुकराए थे. आज दो साल के बाद भी कोई मुझे पूछ रहा है तो मुझे पूछ रहा है. बिग बॉस की ट्रॉफी या मेरे जीते फेम को नहीं पूछ रहा है. मेरे टैलेंट को पूछ रहा है. दो साल पहले मुझे किसी ने वेब सीरीज के लिए पूछा था.अभी फिर वो पूछ रहे हैं तो मैं उनके साथ काम करना चाहूंगी. मैं एक वेब सीरीज कर रही हूं. मार्च में ही फ्लोर पर जाने वाला था लेकिन लॉकडाउन आ गया.उम्मीद है कि जल्द ही हम फ्लोर पर जाएंगे.
क्या आप टीवी सीरियल्स को अब नहीं करेंगी?
मुझे नहीं जमता.रोज़ सेट पर जाना और वही काम करना. टीवी के मेकर्स बहुत ऑर्थोडॉक्स हैं.वे अपने दायरे से बाहर ही नहीं आते हैं. अंगूरी भाभी के बाद मुझे वैसा ही किरदार आफर होता रहता है. टीवी इसलिए बड़ा नहीं बन पाता क्योंकि एक ही किरदार में एक्टर को फिट मानकर चलते हैं. भाभीजी वाला मैटर नहीं हुआ होता तो 60 साल तक भाबीजी ही होती थी. मैं बहुत खुश हूं कि मैंने वो शो छोड़ दिया. अंगूरी भाभी में सिर्फ वही करती थी. गैंग्स में 50 तरह का किरदार एक ही शो में करूंगी.
बॉलीवुड नेपोटिज्म और गुटबाज़ी के सवालों में है क्या टीवी इंडस्ट्री इससे अछूती है?
टीवी में भी गुटबाज़ी है.उसका शिकार मैं खुद हुई हूं. मैं ये भी कहूंगी कि हम कितना भी बोले इसका कुछ हल नहीं निकल सकता है. हां सुशांत के केस में मैं उनके फैंस को हैट्स ऑफ कहूंगी जिन्होंने गौर किया ये सुसाइड नहीं मर्डर है और जो लोग भाग रहे हैं या डर है इसके बाद वही बहुत बड़ा न्याय है.बाकी आगे क्या होना है हम सबको पता है.जिसके हाथ में पावर है.वो कुछ भी कर सकता है लेकिन जो कुछ भी अभी हो रहा है वो बहुत है. शुरुआत में सुशांत के केस को नेपोटिज्म पर डालकर मेन चीज़ पर गौर ही नहीं किया गया. वो सबसे बड़ी बेवकूफी थी.
सुशांत सिंह राजपूत से आप कभी मिली थी?
मैं उनसे मिली तो नहीं थी लेकिन हां चिड़ियाघर के दौरान देबिना मेरी को एक्ट्रेस थी और वो गुरमीत सुशांत के दोस्तों में से थे. हमेशा फ़ोन आते रहते थे तो एक दो बार मेरी भी बात हुई.जब सुशांत ने पवित्र रिश्ता छोड़ा था तो मुझे उनपर बहुत प्राउड हुआ था चलता शो छोड़ना आसान बात नहीं होती है. जब सुना था तो मैं बोली भी ये हुई ना बात चलता शो छोड़ा और एक हम हैं इतने इनसिक्योर हैं कि हाथ का काम कैसे छोड़े.उसी बात से मालूम होता है कि वो कितने बड़े फाइटर थे।सुशांत ने मुझे इंस्पायर किया है. एक सीख दी है जो मन आए फैसला कर लो. मुझे याद है जब सुशांत ने घर के बजाय कार खरीदी थी तो कई लोग बातें बना रहे थे लेकिन उसने फिल्मों में संघर्ष करने के लिए कार खरीदी ताकि वो हर जगह आसानी से पहुँच पाए.घर तो वो कभी भी ले सकता था लेकिन अपने मन का काम उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण था. वो अलग ही किस्म का बंदा था.
Posted By: Budhmani Minj