Exclusive : स्पेशल ऑप्स 1.5 पिछले सीजन से डेढ़ गुना अच्छा होगा- के के मेनन
डिज्नी प्लस हॉटस्टार की लोकप्रिय वेब सीरीज स्पेशल ऑप्स का दूसरा सीजन स्पेशल ऑप्स 1.5 कल यानी 12 नवंबर को दस्तक देने वाला है. पिछले सीजन की तरह इस सीजन का चेहरा भी अभिनेता के के मेनन होंगे.
डिज्नी प्लस हॉटस्टार की लोकप्रिय वेब सीरीज स्पेशल ऑप्स का दूसरा सीजन स्पेशल ऑप्स 1.5 कल यानी 12 नवंबर को दस्तक देने वाला है. पिछले सीजन की तरह इस सीजन का चेहरा भी अभिनेता के के मेनन होंगे. इस बार सीरीज की कहानी हिम्मत सिंह के 17 साल पीछे की जर्नी को दर्शाएगी. इस सीरीज और उससे जुड़े दूसरे पहलुओं पर के के मेनन से हुई बातचीत के प्रमुख अंश…
स्पेशल ऑप्स की जबरदस्त कामयाबी की वजह से ही क्या दूसरा सीजन मात्र डेढ़ साल में दस्तक दे रहा है या फिर ये पहले से तय था?
मुझे लगता है कि ये नीरज पाांडे के दिमाग की उपज है. कब कहाँ से इसका बीज बोया गया।ये नीरज ही बता सकते हैं. एक्टर के तौर पर मैं सिर्फ काम कर सकता हूं.
स्पेशल ऑप्स इतना कामयाब होगा क्या आपको इसकी उम्मीद पहले से थी?
मैं ऐसी उम्मीदें रखता नहीं हूं. काम करता हूं तो मेरी कोशिश होती है कि ईमानदारी से काम करूं. उसके बाद जो भी नतीजा निकलता है. मैं उस पर ज़्यादा ध्यान नहीं देता हूं. इसके साथ ही ये भी कहूंगा कि अच्छी लगती है तो ज़्यादा खुशी होती है बुरी लगती है तो और मेहनत करने की अगली बार कोशिश करता हूं क्योंकि मेरे हाथ में वही रहता है.
इस बार कहानी में क्या खास होगा?
इस बार कहानी नयी है। काफी अच्छे तरीके से लिखी गयी है . वो परिपूर्ण है इसलिए मुझे अपने किरदार को परफॉर्म करने में ज़्यादा दिक्कत नहीं हुई. मुझे लगता है कि सीरीज का यह दूसरा भाग पहले वाले से डेढ़ गुना अच्छा है. हिम्मत सिंह के युवा दिनों की जर्नी इसमें दिखायी जाएगी. पिछले सीजन में हिम्मत सिंह के एक्शन से लेकर जो भी पहलू दर्शकों को मिसिंग लगा था.वो सब इस सीजन में होगा.
युवा हिम्मत सिंह के किरदार ने क्या चुनौतियां आपके सामने रखीं?
जैसे मैं हूं. वैसे मैंने प्ले कर दिया.उसमें मुझे खास दिक्कत नहीं हुई.ओल्ड एज वाले हिम्मत सिंह के किरदार में थोड़ी मेहनत करनी पड़ी थी. यंग एज के लिए कुछ नहीं करना पड़ा.
इंटेलिजेंस विभाग पर लगातार शो बन रहे हैं ऐसे में क्या आपके जेहन में होता है कि दर्शकों को क्या नया दे पाएंगे?
स्पेशल ऑप्स की तुलना शुरुआत में फैमिली मैन से हो रही थी लेकिन जैसे ही शो आया।दोनों की तुलना खत्म हो गयी. दोनों काफी अलग शो हैं. दोनों शो इंटेलिजेंस ब्यूरो पर नहीं बल्कि इंसानों की कहानी हैं जो इंटेलिजेंस ब्यूरो में काम करते हैं. दो लोग एक जगह काम करते हुए भी काफी अलग अलग होते हैं. दो लोग एक से नहीं होते हैं इसलिए कहानी में भी नयापन आ जाता है.
निर्माता निर्देशक नीरज पांडे के साथ अनुभव को किस तरह से परिभाषित करेंगे?
18 साल से हमारी दोस्ती है. बेबी फ़िल्म के पहले से हम एक दूसरे को जानते हैं. बढ़ते साल के साथ दोस्ती सुदृढ होती गयी है. प्रोफेशनल फ्रंट पर बात करूं तो वो लिखते बहुत अच्छा है. स्क्रीनप्ले हो डायलॉग हो वो काफी महीन तरीके से काफी सोचकर फिर लिखते हैं. ऐसे में एक्टर के तौर पर आपको ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है।निर्देशक के तौर पर भी उनका विजन बहुत क्लियर होता है. ऐसे में आपको ज़्यादा सोचना नहीं पड़ता है बस उनको फॉलो करना पड़ता है.
इस सीरीज में भारत के साथ साथ विदेश भी कहानी का अहम हिस्सा होते हैं पेंडेमिक के हालात में शूटिंग करना कितना मुश्किल था?
प्रोडक्शन यूनिट ने बहुत ही बेहतरीन काम किया है. हमलोग एक जगह शूट नहीं कर रहे थे बल्कि भारत के बाहर अलग अलग जगहों पर . यूक्रेन,मॉरीशस इन जगहों पर शूटिंग हुई है. बहुत मेहनत प्रॉडक्शन टीम ने की. कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शूट करना आसान नहीं था. प्रोडक्शन टीम की वजह से ही यह सीरीज साकार हो पाया.
ओटीटी ने क्या सुपरस्टार्स के तिलिस्म को तोड़ दिया है?
इसके बारे में कुछ भी कहना मुश्किल होगा क्योंकि दोनों माध्यम काफी अलग हैं. ये ज़रूर कहूंगा कि ओटीटी की वजह से कंटेंट पर फिर से फोकस आ गया है.
चर्चाएं हैं कि थिएटर में अब सुपरस्टार्स की फिल्में रिलीज होंगी और छोटे बजट की फिल्में ओटीटी पर?
अगर मैं भविष्यवाणी कर पाता तो फिर बहुत सारी चीज़ें सही हो जाती थी जो होगा उस वक़्त देख लेंगे.