Vignaharta Ganesh fame actor nirbhay wadhwa : कई धारावाहिकों का हिस्सा रहे अभिनेता निर्भय वाधवा (Nirbhay Wadhwa) इन दिनों सीरियल विघ्नहर्ता गणेश में हनुमान की भूमिका में नज़र आ रहे हैं. निर्भय खुश हैं कि इतने महीने घर पर बिना काम के बैठने के बाद उन्हें फिर से काम मिलना शुरू हुआ. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत
विघ्नहर्ता गणेश से कैसे जुड़ना हुआ?
सोनी चैनल के साथ मैंने पहले भी काम किया है. संकट मोचन महाबली हनुमान किया था. जो ढाई साल तक चला था. उन्ही के प्रोडक्शन हाउस का शो विघ्नहर्ता गणेश भी हैं और जब हनुमान की भूमिका करनी थी तो उन्होंने मुझे ही फिर से कांटेक्ट किया.
उस वक़्त का अनुभव इस वक़्त कितना काम आ रहा है?
बहुत आ रहा है सबसे पहले जो हार्नेस का था. मैंने सालों साल हार्नेस रस्सी से लटकने का काम किया है. फिर वो सब सेट में करने में मुझे परेशानी नहीं आयी. कपड़े, मुकुट पहनने में मैं सहज था. मेकअप इसका अलग होता है. दांतों के अंदर से डेन्चर लगता है सालों पहले ऊपर से होता था लेकिन अब दांतों के अंदर से होता है ताकि दरार का पता ना चलें कि क्या लगाया है. पहले मेकअप में दो घंटे जाते थे लेकिन अब 40 मिनट में हो जाता है. मुझे और मेरे मेकअप मैन को आदत हो गयी है.
आपको लगातार पौराणिक शो मिल रहे हैं एक एक्टर के तौर पर कितने संतुष्ट हैं?
मैं खुश हूं. मैं लगभग टीवी के हर मायथोलॉजी शो का हिस्सा रहा हूं. मैं इसे टैग की तरह नहीं लेता कि मेरी इमेज ऐसे किरदारों में बंध गयी है बल्कि मैं इसे सौभाग्य की तरह लेता हूं. जो मुझे ये भूमिकाएं करने को मिल रही हैं.
बीते डेढ़ साल से इंडस्ट्री कोरोना से जूझ रही है,आपको क्या आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा?
हां क्योंकि किसी को पता नहीं था कि ऐसा भी दिन आ जाएगा. जब इंडस्ट्री ही रुक जाएगी. मैंने जो भी पैसे शूटिंग से कमाए थे वो मैंने इन्वेस्ट कर दिए थे. मैंने जयपुर में बड़ा सा घर लिया था जिसकी ईएमआई डेढ़ लाख रुपये से ऊपर थी. मुम्बई में भाड़े पर थ्री बीएचके में रहता हूं. उसका भी लाख रुपए भाड़ा था. पूरे साल एक रुपया भी भाड़े में कम नहीं हुआ. दो बॉय थे जो घर संभालते हैं. उनका खर्चा और भी कई खर्चें होते हैं और कमाई जीरो हो रही थी. जिससे दिक्कत बहुत हुई.
किस तरह से खर्चों को मैनेज किया?
अपनी एक स्पोर्ट्स बाइक बेची. नयी ही थी लेकिन पैसों की ज़रूरत थी इसलिए सस्ते रेट में बेच दी. एक कार भी अपनी बेची. मेरे दोस्तों ने फिर मेरी मदद की. कोविड ने बताया असली दोस्त कौन हैं.
इंडस्ट्री का क्या कोई सपोर्ट मिला?
सपोर्ट के लिए बोल भी नहीं सकते थे. शो बंद थे. किसी के पास पैसे नहीं आ रहे थे. मेरे से बुरे हालात लोगों के थे. जो लोग पर डे वाले होते हैं. उनका सोचिए. वैसे लोगों की शुरुआत में मैंने मदद की थी. जितना भी मुझसे हो सका था.
क्या सीख इस परिस्थिति से आपने ली?
यही सीख ली कि बैंक बैलेंस स्ट्रांग रखना है. अचानक से कुछ भी हो सकता है. दस से पंद्रह लाख बैंक बैलेंस होने से कुछ नहीं होता है थोड़ा मोटा अमाउंट होना चाहिए. अब मैं इसी प्लानिंग के साथ काम कर रहा हूं.अब मैं फालतू के शौक नहीं रखूंगा. जयपुर मेरे घर में ना ना करके भी कम से कम 8 बाइक्स तो होंगी ही. शौक तब करूंगा जब एकाउंट में बैंक बैलेंस एक करोड़ का होगा क्योंकि मुसीबत में बाइक्स नहीं पैसा काम आता है.
आप आध्यात्मिक हैं या धार्मिक?
मैं धार्मिक इंसान हूं. भगवान में यकीन करता हूं. मैं हर दिन हनुमान चालीसा पढ़ता हूं. मुझे लगता है कि इससे बुरे हालात मेरे हो सकते थे लेकिन भगवान ने ही मुझे सपोर्ट किया और मुझे फिर से काम मिल गया.
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