G-20 Film Festival: सत्यजीत रे की ‘पाथेर पांचाली’ के साथ जी-20 फिल्म महोत्सव की शुरुआत, जानें कैसे जा सकते हैं
जी20 फिल्म फेस्टिवल की धमाकेदार शुरुआत हो गई है. 16 अगस्त से शुरू हुआ यह फेस्टिवल 2 सितंबर तक चलेगा. इसमें 16 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फीचर फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी. पहले दिन सत्यजीत रे की 'पाथेर पांचाली' दिखाई गई. सभी शोज हाउसफुल थे.
G 20 Film Festival: जी20 फिल्म महोत्सव 16 अगस्त से नई दिल्ली में शुरू हुआ. भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने महोत्सव का उद्घाटन किया. सत्यजीत रे की पाथेर पांचाली शुरुआती फिल्म थी. महोत्सव का उद्देश्य सिनेमा के क्षेत्र में जी20 और आमंत्रित देशों के बीच मौजूद जीवंत और सहयोगात्मक साझेदारी का जश्न मनाना और प्रदर्शित करना है. इस महोत्सव का आयोजन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) और विदेश मंत्रालय के जी20 सचिवालय द्वारा किया जाता है. यह आयोजन 2 सितंबर तक चलेगा. इसमें देश-विदेश से कई लोग शिरकत करेंगे.
सत्यजीत रे की पाथेर पांचाली की हुई स्क्रीनिंग
जी-20 फिल्म महोत्सव की शुरुआत सत्यजीत रे की पाथेर पांचाली फिल्म के साथ की गई. पहले ही दिन शो फूल रहा है. देश-विदेश से आए लोग महोत्सव में शामिल हुए. सत्यजीत रे की ग्रामीण भारत की सादगी को दर्शाने वाली श्वेत-श्याम फिल्म “पाथेर पांचाली” बड़े पर्दे पर प्रदर्शित की गई, जिससे फिल्म प्रेमियों को बहुत खुशी हुई जो इस दुर्लभ अनुभव के लिए हॉल में जुटे थे. बुधवार की शाम जब फिल्म खत्म हुई तो ज्यादातर युवा इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के सी.डी. देशमुख ऑडिटोरियम से बाहर निकल आए वहीं कई फिल्म प्रेमी विशिष्ट दृष्टिकोण वाले राय के 1955 के पहले काम के 112 मिनट का आनंद लेने के लिए परिसर में रुके रहे.
पाथेर पांचाली को देखकर खुश हुए दर्शक
अंग्रेजी में “सॉन्ग ऑफ द लिटिल रोड” शीर्षक से बनी “पाथेर पांचाली” जी20 फिल्म महोत्सव की शुरुआती फिल्म थी, जिसे विदेश मंत्रालय के जी20 सचिवालय के सहयोग से इंडिया इंटरनेशनल सेंटर द्वारा आयोजित किया गया था. अनुभवी फोटोग्राफर अविनाश पसरीचा, जिन्होंने लखनऊ में राय की एकमात्र हिंदी फिल्म “शतरंज के खिलाड़ी” के सेट पर रे की तस्वीरें खींची थीं, ने इस अवसर पर महान फिल्म निर्माता को याद किया. फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद पसरीचा ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “मैं खुद सत्यजीत रे को जानता हूं. मैंने कई साल पहले कलकत्ता में जाकर उनकी तस्वीरें खींची थीं और मैंने इस (फिल्म) के बारे में सुना था… दरअसल, मैं बांग्ला नहीं समझता. सौभाग्य से, इसे अंग्रेजी उपशीर्षक के साथ रखा गया था”.
पाथेर पांचाली को मर्मस्पर्शी फिल्म मानते हैं आज के युवा
उन्होंने कहा, “लेकिन ये बहुत ही मर्मस्पर्शी फिल्म है. श्वेत-श्याम में एक अविश्वसनीय कैप्चर। यह अद्भुत था, इस महोत्सव ने मुझे वास्तव में इस जीवन में इसे फिर से देखने पर मजबूर कर दिया. मुझे खुशी है कि उन्होंने फिल्म (महोत्सव) की शुरुआत इसी से की.” कल शाम बड़े पर्दे पर “पाथेर पांचाली” देखने के लिए 300 से अधिक दर्शक पहुंचे। कुछ लोगों को फिल्म देखे बिना ही वापस लौटना पड़ा क्योंकि 230 सीटों वाला सभागार जल्दी ही भर गया. सभी स्क्रीनिंग में प्रवेश सभी के लिए खुला है और निःशुल्क है, लेकिन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर. जी20 फिल्म महोत्सव में 16 मौलिक पुरस्कार विजेता अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्में प्रस्तुत की जाएंगी जो प्रत्येक देश के मुद्दों और चिंताओं को दर्शाती हैं. बता दें कि यह महोत्सव 16 अगस्त से तीन सितंबर तक चलेगा.
इन फिल्मों की भी होगी स्क्रीनिंग
सोलह अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फीचर फिल्में, जिनमें ऑस्ट्रेलिया की “वी आर स्टिल हियर”, “एना” शामिल हैं. उत्सव के दौरान ब्राज़ील की ‘अनटाइटल्ड’, जापान की ‘एरिस्टोक्रेट्स’, मैक्सिको की ‘मेज़क्विट्स हार्ट’ और दक्षिण कोरिया की ‘डिसीजन टू लीव’ प्रदर्शित की जाएंगी. कई उपाधियां G20 देशों के राजदूतों/उच्चायुक्तों द्वारा प्रस्तुत की जाएंगी. सभी स्क्रीनिंग में प्रवेश सभी के लिए खुला है और निःशुल्क है. स्क्रीनिंग आईआईसी के सीडी देशमुख ऑडिटोरियम में आयोजित की जाएगी.
पाथेर पांचाली के बारे में
सत्यजीत रे की पहली फीचर फिल्म ‘पाथेर पांचाली’ 1929 में विभूतिभूषण बंद्योपाध्याय की इसी नाम की बंगाली किताब का रूपांतरण थी. व्यापक पहचान पाने वाली पहली भारतीय फिल्मों में से एक, ‘पाथेर पांचाली’ समानांतर सिनेमा सांस्कृतिक आंदोलन के निर्माण में भी महत्वपूर्ण थी. तीसरे वार्षिक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में, इसने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म की ट्रॉफी अपने नाम की. इसे कान्स में पाल्मे डी’ओर के लिए नामांकित किया गया था और 2005 में टाइम पत्रिका की सर्वकालिक 100 बेहतरीन फिल्मों में स्थान दिया गया था. (भाषा इनपुट के साथ)