G P Sippy Birth Anniversary: जी.पी. सिप्पी, भारतीय सिनेमा के एक ऐसे नाम हैं, जिनकी फिल्मों ने बॉलीवुड को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. उनका जन्म 14 सितंबर 1914 को हुआ था और वे एक सफल निर्माता और निर्देशक थे. उनके बेटे रमेश सिप्पी भी फिल्म जगत के एक बड़े निर्देशक हैं. जी.पी. सिप्पी ने हिंदी सिनेमा को कई यादगार फिल्में दीं, जिनमें शोलय, सीता और गीता, शान, सागर और ब्रह्मचारी शामिल हैं. आइए, उनके जन्मदिन पर उनकी 5 बेहतरीन फिल्मों पर नजर डालते हैं.
शोले (1975)
शोले भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी और सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक है. इस फिल्म का निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया और इसे जी.पी. सिप्पी ने प्रोड्यूस किया. इसमें धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, और जया बच्चन जैसे बड़े सितारों ने अभिनय किया. फिल्म की कहानी दो चोरों पर आधारित थी, जिन्हें एक पुलिस अधिकारी ने खतरनाक डाकू गब्बर सिंह को पकड़ने का काम सौंपा था. शोले आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई है।
सीता और गीता (1972)
सीता और गीता एक मजेदार कॉमेडी-ड्रामा फिल्म है, जिसे रमेश सिप्पी ने निर्देशित किया और इसे सलिम-जावेद ने लिखा था. इस फिल्म में हेमा मालिनी ने जुड़वां बहनों की भूमिका निभाई, जो जन्म के बाद बिछड़ जाती हैं और फिर बड़ी होकर एक-दूसरे से मिलती हैं. फिल्म में धर्मेंद्र और संजीव कुमार ने अहम किरदार निभाए. इस फिल्म का म्यूजिक आर.डी. बर्मन ने दिया था और यह फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही.
सागर (1985)
सागर फिल्म को भी जी.पी. सिप्पी ने प्रोड्यूस किया था और इसे रमेश सिप्पी ने निर्देशित किया था. इस फिल्म में ऋषि कपूर, कमल हासन और डिंपल कपाड़िया ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं. सागर को भारत की तरफ से 1985 में ऑस्कर में विदेशी भाषा फिल्म के लिए नॉमिनेट किया गया था. यह फिल्म अपने समय में काफी चर्चा में रही थी.
शान (1980)
शान एक एक्शन-थ्रिलर फिल्म थी, जिसे रमेश सिप्पी ने निर्देशित किया था. इसमें शशि कपूर और अमिताभ बच्चन ने भाइयों की भूमिका निभाई, जो एक अंतरराष्ट्रीय माफिया डॉन से अपने भाई की मौत का बदला लेते हैं. इस फिल्म का भी म्यूजिक आर.डी. बर्मन ने दिया था और यह अपने समय की सबसे महंगी फिल्मों में से एक थी.
ब्रह्मचारी (1968)
जी.पी. सिप्पी की यह फिल्म उनके बेटे रमेश सिप्पी के साथ प्रोड्यूस की गई थी. इसमें शम्मी कपूर, राजश्री, और प्राण ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं. इस फिल्म की कहानी एक अनाथालय के संचालक पर आधारित थी. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई और इसे कई पुरस्कार भी मिले.
जी.पी. सिप्पी का योगदान
जी.पी. सिप्पी का बॉलीवुड में योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता. उनकी फिल्मों ने न केवल मनोरंजन किया बल्कि सिनेमा की दुनिया को नई दिशा भी दी. उनकी फिल्मों ने समाज में प्रेम, दोस्ती, और साहस की भावनाओं को उजागर किया. 25 दिसंबर 2007 को मुंबई में उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी बनाई फिल्में आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा हैं.
आज जी. पी. सिप्पी जी हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके द्वारा किया गया काम आज भी हमारे साथ है, जो उन्हें सिनेमा के दुनिया में अमर बनता है, आज उनके जन्मदिन पर प्रभात खबर की टीम उन्हें दिल से याद करती हैं.
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