Garbe Ki Raat Controversy: राहुल वैद्य और भूमि के खिलाफ सूरत में FIR दर्ज, जानें क्या है मामला?
Garbe Ki Raat Controversy: सिंगर राहुल वैद्य और भूमि त्रिवेदी का गाना 'गरबे की रात' रिलीज होने के बाद से लगातार विवादों में है. लेटेस्ट रिलीज इस सॉन्ग ने विशेष रूप से गुजराती दर्शकों के बीच काफी हलचल पैदा कर दी है
Garbe Ki Raat Controversy: सिंगर राहुल वैद्य और भूमि त्रिवेदी का गाना ‘गरबे की रात’ रिलीज होने के बाद से लगातार विवादों में है. लेटेस्ट रिलीज इस सॉन्ग ने विशेष रूप से गुजराती दर्शकों के बीच काफी हलचल पैदा कर दी है, जिसमें कई लोगों का कहना है कि यह गाना धार्मिक भावनाओं को आहत करता है. इस गाने के वीडियो में राहुल और टीवी एक्ट्रेस निया शर्मा मुख्य भूमिका में हैं और इसे राहुल शेट्टी द्वारा निर्देशित और कोरियोग्राफ किया गया है.
इस हिंदी गाने के बीच गुजराती लोकगीत ‘रामवा आओ माडी’ का एक हिस्सा जोड़ा गया है, जो गुजराती दर्शकों को पसंद नहीं आ रहा है. अब ईटाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जे.के. राजपूत ने इस संबंध में अमरोली थाना सूरत में धार्मिक आस्था का अपमान करने और गलत बयानी के जरिए लोगों को आहत करने के आरोप में मामला दर्ज कराया है.
इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि भूमि त्रिवेदी वीडियो की विजुअल कॉन्सेप्ट से अनजान थीं और उन्होंने समुदाय से माफी भी मांगी. हालांकि, प्राथमिकी इस बात पर जोर देती है और मांग करती है कि या तो YouTube चैनल से वीडियो सॉन्ग को हटा दिया जाए या चैनल को मंच से प्रतिबंधित कर दिया जाए.
ईटाइम्स से बात करते हुए भूमि त्रिवेदी ने इस विवादा को लेकर कहा, “एक गायक के रूप में, मैंने इस गाने की अपनी ऑडियो रिकॉर्डिंग पूरी की और अपने दूसरे कामों में बिजी हो गई. मेरा वीडियो से कोई लेना-देना नहीं है. जैसे ही मैंने इसका लोकगीत का हिस्सा देखा, मैंने तुरंत अपने सोशल मीडिया से सभी प्र्रमोशनल वीडियो को हटा दिया. मैं खुद इस तरह के प्रतिनिधित्व की निंदा करती हूं. मैं अच्छी तरह से जानती हूं और गुजरात में हमारे द्वारा गाए जाने वाले गीतों की गरिमा और सार का सम्मान करती हूं.”
वहीं हाल ही में राहुल वैद्य की टीम ने खुलासा किया था कि राहुल वैद्य को इस गाने के लिए जान से मारने की धमकी मिल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि गाने में आई समस्या को जल्द ही ठीक कर दिया जाएगा. सिंगर की टीम ने एक बयान जारी किया जिसमें लिखा था, हम यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि देवी मां का उल्लेख सम्मान के साथ किया गया और इसका मतलब किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था.”