15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Exclusive: बिहारी गर्ल बनने के लिए भाषा पर काम करना पड़ा- कृतिका देसाई

अभिनेत्री कृतिका देसाई सीरियल गौना एक प्रथा में नजर आएगी. शो को लेकर उन्होंने कहा, मैं मुंबई से ही हूं, तो हमारी गुजराती मुम्बइया हिंदी टाइप ही है. बिहारी गर्ल बनने के लिए मुझे अपनी भाषा पर काफी मेहनत करना पड़ा. हिंदी ही बोलना था, लेकिन उसमें फ्लेवर बिहार का आना था.

शेमारू उमंग पर इनदिनों धारावाहिक गौना एक प्रथा ऑन एयर है. इस शो में लीड भूमिका अभिनेत्री कृतिका देसाई निभा रही हैं. कृतिका कहती हैं कि टीवी हर दौर में बना रहेगा, क्योंकि यह रिश्तों को बांधे रखता है, जो ओटीटी कभी नहीं कर सकता है. इस शो और उनके करियर पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत.

गौना प्रथा से आप पहले से वाकिफ थी?

नाम से भले ही परिचित नहीं थी,लेकिन गौर करें तो यह प्रथा पूरे भारत में रही है. बस अलग – अलग नामों से इसे जानते है. गुजरात में अलग नाम से राजस्थान में अलग नाम से. बिहार में इस प्रथा को गौना बोलते है.

गुजराती गर्ल से बिहारी गर्ल बनने की क्या तैयारियां थी?

मैं मुंबई से ही हूं, तो हमारी गुजराती मुम्बइया हिंदी टाइप ही है. बिहारी गर्ल बनने के लिए मुझे अपनी भाषा पर काफी मेहनत करना पड़ा. हिंदी ही बोलना था, लेकिन उसमें फ्लेवर बिहार का आना था. मैंने उस लहजे को अपनी भाषा में लाने के लिए सबसे पहले अपने एक दोस्त की मदद ली, जो बिहार से है, तो उसने इसमें मेरी काफी मदद की. स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले दोनों के साथ हम बैठे और उसने मुझे गाइड किया. सेट पर भी हमारे लिए एक डायलेक्ट कोच था तो इतनी मेहनत के बाद मैंने किरदार को आत्मसात कर लिया. अब ये दर्शक ही बता पाएंगे कि मैं बिहारी गर्ल बन पायी हूं या नहीं. वैसे अपने किरदार के लिए मैंने नथनी भी पहनी है. वहां की लड़कियों में नथनी बहुत फेमस है.

पटना में कहानी बेस्ड है, क्या शुरूआती शूटिंग वहां हुई है?

प्रोडक्शन हाउस की शुरुआत में प्लानिंग तो थी, लेकिन बारिश की वजह से हमने मुंबई में ही शूट करने का फैसला किया. इतनी बारिश में पूरे क्रू को ले जाकर वहां शूट करना आसान नहीं होता था. मुंबई में ही बारिश में दिक्कतें बढ़ जाती है, तो वहां तो और बढ़ जाती थी.

शो के शुरू होने के साथ यह चर्चा भी शुरू हो जाती है कि इस तरह के शोज इन प्रथाओं को बढ़ावा देते हैं?

ये कुप्रथा है या सही प्रथा है. मुझे नहीं पता है. हर इंसान का एक माइंड सेट होता है. उस ज़माने के हिसाब से शायद वो सही था. बचपन में शादी यह प्रथा शायद आज के जमाने में ना चले क्योंकि समय के साथ इंसान को बदलना पड़ता है. परिवर्तन लाना पड़ता है. मुझे जानकारी मिली है कि मौजूदा दौर में यह प्रथा है, लेकिन अब युवा होने के बाद शादी होती है फिर कुछ सालों का ब्रेक देकर गौना होता है. जहां तक बढ़ावा देने की बात है, तो हम हमारे शो के माध्यम से ऐसा कोई बढ़ावा नहीं दे रहा है. हम हमारे शो के माध्यम से ऐसा नहीं बोल रहे हैं कि गौना होना चाहिए या नहीं होना चाहिए. हम तो जो प्रथा है, उससे हमारी ज़िन्दगी में क्या बदलाव आते हैं. एक इंसान पर.हम हमारी जर्नी में कितना मैच्योर होते हैं , क्या लेयर्स हैं. हम बस उसे दर्शा रहे हैं. वैसे इस सीरियल में मेरा किरदार बहुत सशक्त है, जब मेरा पति मेरा गौना लेने नहीं आते हैं, तो मैं खुद उन्हें लेने जाती हूं.

अब तक छोटे परदे पर आप नेगेटिव भूमिका में ही नजर आयी हैं, ऐसे में पॉजिटिव किरदार वो भी लीड मिलने का सफऱ कितना मुश्किलों भरा था?

आमतौर पर लोगों को लगता है कि नेगेटिव रोल का ठप्पा लगने के बाद पॉजिटिव किरदार मिलना मुश्किल होता है, लेकिन मैं खुद खुशकिस्मत कहूंगी कि इतने नेगेटिव किरदारों को करने के बावजूद पॉजिटिव मिला है. मैं इस मौके का काफी सालों से इंतज़ार कर रही थी कि पॉजिटिव लीड करना है. वो कहते हैं ना जब सब सही होता है , तो सब सही हो जाता है. मैंने एक साल का टेलीविज़न से ब्रेक लिया था. इसकी यही वजह थी. मैं बताना चाहूंगी कि इससे पहले मैं तीन और शो में लीड भूमिका के लिए चुनी गयी थी, लेकिन किसी कारण वह नहीं हो पाए. मैं खुश हूं कि आखिर मुझे यह मौका मिल ही गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें