Badshah के बाद सिंगर Payal Dev ने ‘Genda Phool’ विवाद पर तोड़ी चुप्पी
Payal Dev on Genda Phool: रैपर बादशाह का हाल ही में रिलीज हुए म्यूजिक वीडियो सॉन्ग 'गेंदा फूल' सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है. बादशाह और जैकलीन फर्नांडीज का यह वीडियो जल्द ही 100 मिलियन व्यूज पार करने की राह पर है. लेकिन इस वीडियो के साथ एक विवाद भी जुड़ गया है.
रैपर बादशाह का हाल ही में रिलीज हुए म्यूजिक वीडियो सॉन्ग ‘गेंदा फूल’ सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है. बादशाह और जैकलीन फर्नांडीज का यह वीडियो जल्द ही 100 मिलियन व्यूज पार करने की राह पर है. लेकिन इस वीडियो के साथ एक विवाद भी जुड़ गया है. इस गाने के कुछ बोल बांग्ला ओरिजनल फोक सॉन्ग ‘बौडोलोकेर बेटीलो’ से मिलते हैं जिसे रतन कहर ने लिखा है और उन्हें इस वीडियो में क्रेडिट दिया है. अब इस विवाद पर गायिका पायल देव ने प्रतिक्रिया दी है.
इस गाने को बादशाह और पायल देव ने मिलकर गाया है. गायिका पायल देव ने इस गाने पर लग रहे कॉपीराइट उल्लंघन के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि, बंगाली पंक्तियां केवल एक लोक गीत से ली गई हैं.
बॉलीवुडलाईफ को दिये एक इंटरव्यू में पायल देव ने कहा,’ बात ये है कि उनके पास सबूत नहीं है. कंपनी और उनके बीच बातचीत चल रही है. लेकिन जहां तक मुझे सूत्रों से पता है, उनके पास सबूत नहीं है. यदि आप Youtube पर जाते हैं, तो आप देख सकते हैं कि एक ही गीत को छह से सात बार इस्तेमाल किया गया है. बंगाल में भी उन्हें क्रेडिट नहीं दिया गया है. उनके नाम का कहीं उल्लेख नहीं है.’
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उन्होंने आगे कहा,’ बचपन से हम जानते हैं कि यह एक लोक गीत है, और तदनुसार, हमने इसका उपयोग किया है. YouTube पर भी इसका उल्लेख है. मूल रूप से, लोक गीतों पर किसी का कोई अधिकार नहीं होता. जहां तक मुझे सूत्रों से पता है, उनका नाम IPRS में भी दर्ज नहीं है, तो वे क्यों दावा कर रहे हैं?’
क्या है पूरा मामला?
दरअसल बादशाह के ‘गेंदा फूल’ गाने में कुछ अंश बांग्ला भाषा के भी हैं. जो बंगाल के चर्चित लोकगीत ‘गेंदा फूल’ से लिये गये हैं. सोशल मीडिया पर इस गाने की जमकर तारीफ हो रही है लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है जो इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहा है कि बादशाह ने इस गाने के ओरिजनल लिरिसिस्ट को क्रेडिट क्यों नहीं दिया. इस गाने को बीरभूम (पश्चिम बंगाल) के एक छोटे से गांव में रहने वाले रतन कहर ने लिखा है.
रतन कहर ने क्या कहा था?
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, रतन कहर ने कहा है कि,’ मैंने इस गीत को काफी पहले बनाया था. इस गीत के बोल मैंने लिखे थे और संगीत रचना भी मेरी थी. लेकिन मुझे इस गाने के लिए कभी कोई क्रेडिट नहीं मिला और इसने मुझे बहुत परेशान किया है. मैं रतन कहर हूं, जिसे गीत के लिए कभी पहचान नहीं मिली. आप ही जज करें यह कैसा न्याय है. हमारे आसपास बहुत सारे लेखक और अच्छे लोग हैं, लेकिन किसी ने विरोध नहीं किया. गाना गाने वालों ने इसकी भावना को नहीं समझा और इसकी गहराई को बर्बाद कर दिया.”