इंडिपेंडेंट म्यूजिक के लिए बहुत अच्छा वक्त है: Gourov Dasgupta
अजय देवगन की फिल्म भुज द प्राइड जल्द ही ओटीटी पर स्ट्रीम होने वाली हैं. इस फिल्म के गीत हंजूगम के कम्पोजर गौरव दासगुप्ता से इस गीत और ओटीटी प्लेटफार्म की फिल्मों में गीत संगीत के महत्व पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत
खबरें आ रही हैं कि बिग बुल के लिए पहले हंजुगम गीत था बाद में यह भुज से जुड़ा ?
बिग बुल के लिए ये गाना नहीं था दरअसल जब मैं बिग बुल में कुकी गुलाटी के साथ काम कर रहा था तो ये गाना मैंने सुनाया था. उन्होंने अजय सर को ये गाना सुनाया. अजय सर की फ़िल्म टोटल धमाल के लिए मैंने म्यूजिक दिया था तो वो मुझसे परिचित थे. उन्हें गाना अच्छा लगा तो उन्होंने ले लिया. उस वक्त मुझे पता नहीं था कि किस फिल्म में ये इस्तेमाल होगा। बाद में मुझे मालूम हुआ कि ये गाना भुज द प्राइड में इस्तेमाल हो रहा है. ये भी मालूम हुआ कि भुज में इस सीक्वेंस के लिए कोई और गीत था जिसकी शूटिंग भी हो गयी थी. पूरी फिल्म की शूटिंग खत्म हो गयी थी. मुझे लग रहा था कि अब कैसे शामिल होगा लेकिन हंजुगम गाने को फिल्म में शामिल करने के लिए फिर से शूटिंग हुई.
आपकी पिछली फिल्म द बिग बुल भी ओटीटी पर रिलीज हुई थी एक कम्पोजर के तौर पर फिल्मों की ओटीटी रिलीज पर क्या कहेंगे ?
मुझे बहुत बुरा लगता है।कुछ फिल्में थिएटर के लिए बनी होती है. भुज भी थिएटर वाली फिल्म है. बिग बुल के गीत इश्क़ नमाजा मेरे दिल के बेहद करीब था जिस तरह से उस गाने को प्रमोट किया गया. वो बेहद बुरा था. मुझे ये बात ऑन रिकॉर्ड कहने में कोई हिचक नहीं है।हेल्लो चार्ली फ़िल्म में तो मेरा गाना ही ओटीटी में फिल्म से ही हटा दिया गया था. अब तो मैंने तय कर लिया है कि अपने बेस्ट सांग ओटीटी पर रिलीज होने वाली फिल्मों को दूंगा ही नहीं.
एक ही फिल्म में कई सारे कंपोजर इस ट्रेंड पर क्या कहना है ?
बहुत गलत है कंपोजर पूरी फिल्म से जुड़ता है तो उसकी जवाबदेही बढ़ती है. कोई दिल टूटने के गाने बनाने में माहिर है तो कोई पार्टी सांग और हमारे निर्माता शॉपिंग की तरह एक एक गाना सभी से लेते हैं. गाने का बैंक सब बनाकर रखते हैं।उसमें से प्रोड्यूसर डायरेक्टर गाने ले लेते हैं।पहले म्यूजिक का बकायदा सेशन होता था. फिल्म के हर सिचुएशन सांग पर बात होती थी।अब ऐसा नहीं है. रेडीमेड सब परोस दो.
अमिताभ बच्चन की चेहरे में भी आपका म्यूजिक है कौन सा गाना है ?
चेहरे का जो गाना है उस गाने का नाम रंग दरिया है. बहुत ही खूबसूरत गाना है. इमरान हाशमी का आप जब भी नाम लेते हो सुपरहिट गाने आपके जेहन में आ जाते हैं इसलिए उनके साथ गाना करना बहुत बड़ी चुनौती थी. इमरान को म्यूजिक की समझ है इसलिए आप उन्हें औसत गाने नहीं दे सकते हैं. बहुत मेहनत की उसके बाद रंग दरिया बना. बच्चन साहब ने जब गाने को सुना तो उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में उन्होंने इतना बेहतरीन गाना नहीं सुना. इमरान हाशमी ने मुझे खुद ये बताया. मेरा तो दिन बन गया था. इस गाने की दिलचस्प बात ये है कि पहले ये गाना अभिषेक बच्चन की द बुल में इस्तेमाल होने वाला था.
आप म्यूजिक इंडस्ट्री में किस तरह का बदलाव चाहते हैं ?
मैं क्या मेरा भगवान भी चाहेगा तो चेंज नहीं हो सकता है. कुर्सी पर सब भगवान लोग ही बैठे हैं. बस एक अच्छी बात हुई है कि इंडिपेंडेंट म्यूजिक अब बहुत आ रहा है. एक फिल्टर आ जाए तो अच्छा है. क्या गाना अच्छा है क्या बुरा।ये साफ हो जाए. आर्टिस्ट को एक स्पेस मिले. कई रिकार्ड लेबल की कुर्सी पर ऐसे लोग बैठे हैं जिन्हें म्यूजिक की समझ नहीं है. वे आर्टिस्ट को भी सम्मान नहीं देते हैं. जो बहुत ही गलत है.