शर्मिला टैगोर और मनोज बाजपेयी अभिनीत फिल्म ‘गुलमोहर’ और शेफाली शाह की ‘द थ्री ऑफ अस’ को इस साल ‘न्यूयॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल’ में प्रदर्शित किया जाएगा. न्यूयॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल (एनवाईआईएफएफ) 2023 का आयोजन 11 से 14 मई के बीच किया जाएगा. इसमें 20 से अधिक फीचर फिल्म, वृत्तचित्र और ‘शॉर्ट्स’ को दिखाया जाएगा. उत्तरी अमेरिका के सबसे प्रतिष्ठित भारतीय फिल्म समारोह माने जाने वाले इस फिल्मोत्सव में निर्देशक राहुल चित्तेला की फिल्म ‘गुलमोहर’ की विशेष ‘स्क्रीनिंग’ की जाएगी.
फिल्म की समीक्षकों ने काफी सराहना की है. अविनाश अरुण के निर्देशन में बनी ‘द थ्री ऑफ अस’ को भी उत्सव के दौरान प्रदर्शित किया जाएगा. फिल्म में जयदीप अहलावत और स्वानंद किरकिरे भी हैं. इस फिल्मोत्सव की शुरुआत दीप्ति नवल और कल्कि कोचलिन अभिनीत ‘गोल्डफिश’ के साथ होगी. इसका निर्देशन पुषन कृपलानी ने किया है. शर्मिला टैगोर, मनोज बाजपेयी और कल्कि कोचलिन इस फिल्मोत्सव में शिरकत करेंगे. एनवाईआईएफएफ के आयोजक ‘इंडो-अमेरिकन आर्ट्स काउंसिल’ (आईएएसी) के कार्यकारी निदेशक सुमन गोलामुंडी ने एक बयान में कहा, हम न्यूयॉर्क भारतीय फिल्म महोत्सव के 23वें वर्ष का जश्न मना रहे हैं. हम भारतीय सिनेमा को विश्वभर में मिल रही पहचान से बेहद खुश हैं, एक नहीं बल्कि तीन फिल्मों को ऑस्कर में सराहा गया.
तेलुगु फिल्म ‘आरआरआर’ के गीत ‘नाटु नाटु’ ने 95वें अकादमी पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ मूल (ओरिजनल) गीत की श्रेणी में ऑस्कर जीता है. वहीं तमिल भाषा के वृत्तचित्र ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ ने ‘डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट’ श्रेणी में ऑस्कर जीता. हालांकि जलवायु परिवर्तन पर आधारित भारतीय वृत्तचित्र ‘ऑल दैट ब्रीथ्स’ सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र फीचर श्रेणी में पुरस्कार जीतने से चूक गई. एनवाईआईएफएफ के निदेशक असीम छाबड़ा ने कहा कि वैश्विक महामारी के बाद फिल्मोत्सव का ऑनलाइन की बजाए इस साल पहले की तरह आयोजन किया जा रहा है.
छाबड़ा ने कहा, एनवाईआईएफएफ का मकसद हमेशा भारत और उसकी संस्कृति दिखाने वाले बेहतरीन फिल्म निर्माताओं और कथावाचकों को आगे बढ़ाना है. आईएएसी के अध्यक्ष डॉ. निर्मल मट्टू ने कहा कि संगठन विभिन्न पहलों और कार्यक्रमों के माध्यम से भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के अपने मकसद को लेकर प्रतिबद्ध है. आईएएसी के उपाध्यक्ष राकेश कॉल ने कहा, न्यूयॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल के माध्यम से हम न केवल भारतीय सिनेमा में नवीनतम रुझानों को प्रदर्शित करने का प्रयास करते हैं, बल्कि उन परंपराओं को भी प्रदर्शित करते हैं, जिन्होंने सदियों से हमारी संस्कृति को समृद्ध बनाया है.