Amitabh Bachchan Birthday: ऐसे ही अमिताभ बच्चन नहीं बन गए शहंशाह, इस शख्स को कहा जाता है उनका गॉडफादर
#80saalbemisaalbachchan अमिताभ बच्चन 11 अक्टूबर को 80 साल के हो जाएंगे. एक समय था जब बिग बी भी भारतीय सिनेमा में स्ट्रगल कर रहे थे. उस समय महमूद अली ने एक्टर की खूब मदद की थी. उन्होंने एक्टिंग के वक्त बिग बी की खूब मदद की. हालांकि बाद में सक्सेसफुल होने के बाद एक्टर उन्हें इग्नोर करने लगे थे.
#80saalbemisaalbachchan: बॉलीवुड के ‘शहंशाह’ अमिताभ बच्चन का जन्मदिन आने वाला है. एक्टर 11 अक्टूबर को पूरे 80 साल के हो जाएंगे. आज भी उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाती है. हाल ही में उनकी फिल्म गुडबाय बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई है. इस फिल्म में उनकी एक्टिंग की सभी तरफ तारीफ हो रही है. महानायक ने पांच दशकों से अधिक समय तक 190 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है, लेकिन उन्हें अपने करियर के पहले चरण में सफलता नहीं मिली. लगातार 12 तस्वीरें फ्लॉप होने के बाद उन्हें काफी कठानाईयों का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद एक्टर के एक और अभिनेता महमूद अली ने उनका हाथ थाम लिया. उन्हें अमिताभ बच्चन का गॉडफादर भी कहा जाता है.
ये हैं अमिताभ बच्चन के गॉडफादर
महमूद 1940 और 1950 के बीच हिंदी फिल्म में बेहतरीन एक्टर के साथ-साथ कॉमेडियन भी थे. उन्होंने चार दशकों तक लगातार 300 हिंदी फिल्मों में अभिनय किया. महमूद को कॉमेडियन के रूप में उनके प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कार भी मिले, लेकिन उनकी वजह से एक स्टार ने मनोरंजन की दुनिया में कदम रखा, जिसके लिए बी-टाउन उनका हमेशा आभारी रहेगा. वह कोई और नहीं बल्कि अमिताभ बच्चन हैं. जब महमूद से बच्चन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बिग बी बॉलीवुड में सबसे लंबे घुड़दौड़ का घोड़ा हैं और यह घोड़ा बहुत तेज दौड़ सकता है.
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महमूद को ‘गॉडफादर’ मानते थे अमिताभ बच्चन
अमिताभ बच्चन भी कभी उन्हें ‘गॉडफादर‘ मानते थे. सुनने में तो यह भी आया है कि बिग बी उनसे कार उधार लेकर घूमने जाया करते थे. महमूद ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जब वह अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जाते थे, तो अमिताभ उनके कलेक्शन से उनकी पसंद की कार लेते थे. अमिताभ जब अपने करियर में संघर्ष कर रहे थे, तो महमूद ने उन्हें सही राह दिखाई. ‘बॉम्बे टू गोवा’ में अमिताभ लीड रोल में नजर आए थे. इस काम को करने का मौका खुद महमूद ने दिया था. उन्हें सलीम-जावेद की जोड़ी से बात करने का भी मौका मिला. 1973 की फिल्म ‘जंजीर’ में अभिनय करने के बाद अमिताभ को पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा. सुनने में आता है कि एक जमाने में इतनी नजदीकियां होने के बाद भी अमिताभ महमूद को सफलता का स्वाद चखने के बाद भूल गए थे.