हर हर महादेव फिल्म को लेकर मचा है बवाल? लोगों को थियेटर से निकालकर पीटा, जानें पूरा मामला
Har Har Mahadev Movie Controversy: मराठी फिल्म 'हर हर महादेव' को लेकर देश में एक बार फिर बवाल शुरू हो गया है. फिल्म में छत्रपति शिवाजी महाराज के सेनापति बाजी प्रभु देशपांडे की कहानी दिखाई गई है. लोगों का आरोप है कि फिल्म के मेकर्स ने "तथ्यों से छेड़छाड़" की है.
Har Har Mahadev Controversy: मराठी फिल्म ‘हर हर महादेव’ के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. स्वराज्य संगठन के कार्यकर्ताओं ने बीते दिनों महाराष्ट्र के एक सिनेमाघर में मराठी फिल्म ‘हर हर महादेव’ के प्रदर्शन को बाधित करते हुए दावा किया. उनका कहना है कि फिल्म के निर्माताओं ने “तथ्यों से छेड़छाड़” की है. शहर के एक अन्य सिनेमाघर में राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस (एनवाईसी) ने फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन भी किया.
स्वराज्य संगठन ने जताई नाराजगी
स्वराज्य संगठन (एसएस) की स्थापना छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी छत्रपति ने की थी. संभाजी ने ‘हर हर महादेव’ और ‘वेदत मराठे वीर दौडले सात’ (आगामी फिल्म) पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यदि महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज पर आधारित किसी भी आगामी फिल्म में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है, तो वह ऐसी फिल्मों का विरोध करेंगे और उनकी रिलीज को रोकने के लिए सभी प्रयास करेंगे.
दर्शकों को पीटने वालों पर होगी कार्रवाई
स्वराज्य संगठन के कार्यकर्ता नासिक-पुणे राजमार्ग पर स्थित सिनेमाघर पहुंचे और प्रबंधन को जबरदस्ती फिल्म की स्क्रीनिंग रोकनी पड़ी. महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ऐतिहासिक मराठी फिल्म ‘हर हर महादेव’ देखने गए दर्शकों की पिटाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. फडणवीस ने कहा कि लोग लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध व्यक्त कर सकते थे. उन्होंने कहा एक सिनेमाघर में प्रवेश करना और फिल्म देखने वालों की पिटाई करना… बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. षड्यंत्रकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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फिल्म को लेकर विरोध-प्रदर्शन जारी
उन्होंने कहा, लोगों को लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध दर्ज कराने की अनुमति है. मैंने फिल्म नहीं देखी है और मुझे विवाद की जानकारी नहीं है. राकांपा के आक्रामक विरोध-प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भाजपा की महाराष्ट्र महिला शाखा की प्रमुख चित्रा वाघ ने कहा, ”अगर आव्हाड को यह एहसास नहीं है कि वह अब सत्ता में नहीं हैं, तो कानून को उन्हें इस बात का एहसास कराना चाहिए.” (भाषा इनपुट के साथ)