क्या आप जानते हैं #AbuDujana #OsamaBinLaden #ZeroDarkThirty का क्या है कनेक्शन…?

कश्मीर में आतंकी गतिविधियों की वजह से अशांति की खबरें लंबे समय से आती रही हैं. लेकिन धीरे-धीरे हमारी सेना और राज्य सरकार स्थिति को काबू में करने में जुटी है. इसके लिए हमारे सुरक्षाबल आतंकियों से सामना होने पर उनका एनकाउंटर करने से भी नहीं चूक रहे. अभी हाल ही में सेना ने लश्कर-ए-तैयबा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2017 5:26 PM

कश्मीर में आतंकी गतिविधियों की वजह से अशांति की खबरें लंबे समय से आती रही हैं. लेकिन धीरे-धीरे हमारी सेना और राज्य सरकार स्थिति को काबू में करने में जुटी है. इसके लिए हमारे सुरक्षाबल आतंकियों से सामना होने पर उनका एनकाउंटर करने से भी नहीं चूक रहे.

अभी हाल ही में सेना ने लश्कर-ए-तैयबा के कश्मीर सरगना अबु दुजाना को सुबह होने से पहले अंधेरीरात में ढेर कर दिया गया और उत्तरी कश्मीर में कहीं जाकर दफन कर दिया गया.

देशभर की मीडिया मेंयहखबर सुर्खियों में रही. लेकिन कम ही लोगों को यह पता होगा कि इस पूरे ऑपरेशन को एक हॉलीवुड मूवी की तर्ज पर अंजाम दिया था. यह फिल्म थी – जीरो डार्क थर्टी.

जी हां, यह हॉलीवुड की वही मशहूर फिल्म है जो मई, 2011 में पाकिस्तान के ऐबटाबाद में अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मार गिराने के अभियान पर आधारित है.

ऑपरेशन दुजाना को अंजाम देनेवाले सुरक्षा अधिकारियों के दिमाग में हॉलीवुड यही मशहूर फिल्म थी और इससे उन्हें अंधेरे में अभियान को अंजाम तक पहुंचाने की तरकीब मिली.

इस पूरे ऑपरेशन में शामिल रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम सामने न आने देने की शर्त पर इंडिया टुडे को बताया कि दुजाना के पुलवामा में एक दुकान पर होने की खबर पाकर हमने आपस में यह फैसला किया कि रात को ही ऑपरेशन चलाने सेआम जनता को कोई नुकसान नहीं होगा और सैन्य कार्रवाई की गोपनीयता भी बरकरार रहेगी.

अधिकारी ने बताया, फिल्म और ओसामा को पकड़े जाने की बात हमारे दिमाग में आयी और हमनेसुबह होने का इंतजार नहीं किया.और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विमर्श करने के बाद रात में ही अभियान चलाने का फैसला किया गया और जवानों को तैनात कर दिया गया.

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जानें क्या हुआ था उस रात…

दर्जनों बार सुरक्षाबलों की घेराबंदी तोड़कर भाग चुके दुजाना को लेकर सुरक्षा एजेंसियां कोई कोताही नहीं चाहती थीं. उन्होंने छह माह में उन सभी घटनाओं का अध्ययन किया, जिनमें दुजाना शामिल था. उससे अलग हो चुके कुछ साथियों को मिलाया और उसके कुछ खास लोगों के फोन नंबर भी सर्विलांस पर रखे.

सुरक्षाबलों को जब यह पता चला कि दुजाना हकरीपोरा (पुलवामा) पहुंच गया है, तो उनकी टीम हकरीपोरा पहुंची. वाहनों को गांव के बाहर ही छोड़ कर सीआरपीएफ ने घेराबंदी की. दूसरा घेरा अंदर बनाया गया, ताकि आतंकियों के समर्थकों को मुठभेड़ स्थल से दूर रखा जा सके.

आधी रात के बाद जब दुजाना साथी के साथ कथित ससुराल में आश्वस्त होकर सोने चला गया, तो मकान की घेराबंदी की गयी. यह सब इतनी गोपनीयता के साथ किया गया कि आसपास के लोगों को भी नहीं पता चल पाया कि उनके घर के बाहर क्या हो रहा है.

दुजाना और उसके साथी आतंकी आरिफ के अलावा घर में उसकी पत्नी और ससुराल के कुछ सदस्य थे. इसलिए दुजाना को पहलेसरेंडर करने को कहा गया,लेकिन वह नहीं माना और जवाब गोलियों से मिला. फायरिंग के बीच जेएंडके पुलिस कीटीम मकान में घुसी और उसने दुजाना की पत्नी और अन्य रिश्तेदारों को बाहर निकाला.

इसके बाद एक धमाके के साथ मकान उड़ गया और अंदर छिपे दोनों आतंकी भागने लगे़ थोड़ी ही देर में वे सुरक्षाबलों की गोलियों का शिकार हो गये. आतंकी आरिफ का शव उसके परिजन को सौंप दिया गया, लेकिन दुजाना का शव किसी को नहीं दिखाया गया. इसके बाद कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे उत्तरी कश्मीर में किसी गुमनाम जगह पर दफना दिया गया.

बताते चलें कि दुजाना के शव को अज्ञात जगह दफनाने में भी ठीक वैसी गोपनीयता बरती गयी, जैसी अमेरिकी नेवी सील ने ओसामा की लाश को ठिकाने लगाने में बरती थी.

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