हॉलीवुड अभिनेत्री लॉरेन बकाल का निधन
लॉस एंजिलिस : हॉलीवुड स्टार अभिनेत्री लॉरेन बकाल का आज निधन हो गया. ‘टू हैव एंड हैव नॉट’ और ‘की लार्गो’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से पहचाने जाने वाली मशहुर अदाकारा 89 वर्षीय थी. बकाल की कल सुबह जबर्दस्त स्ट्रोक की वजह से न्यूयॉर्क स्थित उनके घर में मौत हो गई. उनके पहले पति […]
लॉस एंजिलिस : हॉलीवुड स्टार अभिनेत्री लॉरेन बकाल का आज निधन हो गया. ‘टू हैव एंड हैव नॉट’ और ‘की लार्गो’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से पहचाने जाने वाली मशहुर अदाकारा 89 वर्षीय थी.
बकाल की कल सुबह जबर्दस्त स्ट्रोक की वजह से न्यूयॉर्क स्थित उनके घर में मौत हो गई. उनके पहले पति हंफ्री बोगार्ट के एस्टेट ने कल ट्विटर पर एक संक्षिप्त बयान में लॉरेन के निधन की पुष्टि की. लॉरेन ने बडे पर्दे पर कई शानदार फिल्मों में अपने पति हंफ्री बोगार्ट के साथ भी काम किया था.
बोगार्ट एस्टेट ने ट्वीट किया, ‘‘अत्यंत दुख लेकिन उनके शानदार जीवन के लिए आभार व्यक्त करते हुए हम लॉरेन बकाल के निधन की पुष्टि करते हैं.’’ अभिनेत्री की बेहद आकर्षक छवि, आकर्षक आवाज और उत्तेजक भूमिकाओं ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई और वह आने वाली कई पीढियों की अभिनेत्रियों को प्रेरित करती रहेंगी.
बकाल और बोगार्ट वर्ष 1944 की ‘टू हैव एंड हैव नॉट’ के फिल्मांकन के दौरान मिले थे. यह उनकी एकसाथ पहली फिल्म थी. इस जोडे ने वर्ष 1945 में शादी कर ली. इनके दो बच्चे हुए. वर्ष 1957 में बोगार्ट के निधन तक यह जोडा एक दूसरे के साथ ही रहा.
इसके बाद उन्होंने अभिनेता जैसन रोबार्डस जूनियर से शादी की. उनसे लॉरेन को एक बच्चा हुआ. रोबार्डस जूनियर का निधन 2000 में हो गया था.
16 सितंबर 1924 को ब्रोंक्स में बेटी जोन पर्सके के रुप में जन्मीं बकाल के नाम 72 फिल्में दर्ज हैं. उन्होंने किशोरावस्था में ही मॉडलिंग और अभिनय की कक्षाएं लेनी शुरु कर दी थीं. उन्होंने थिएटर में भी कई भूमिकाएं कीं.
बकाल को एकाडमी अवॉर्ड के लिए सिर्फ एक ही बार नामित किया गया था. यह नामांकन वर्ष 1996 की फिल्म ‘द मिरर हैस टू फेसेज’ में सहायक भूमिका के लिए था. इसमें उन्होंने बारबरा स्टरीसेंड की मां की भूमिका निभाई थी.
उन्हें अपनी मंच प्रस्तुतियों के लिए दो टोनी अवॉर्ड मिले. उन्हें हॉलीवुड फॉरेन प्रेस एसोसिएशन की ओर से वर्ष 1992 में सम्मानित किया गया था. बकाल ने दो संस्मरण लिखे थे. इनमें एक ‘‘लॉरेन बकाल:बाई मायसेल्फ’’ भी था, जिसे 1980 में नेशनल बुक अवॉर्ड मिला.