युद्धक्षेत्र में महिलाओं से होनेवाली बर्बरता से लड़ने के लिए जॉली ने खोला ब्रिटिश केंद्र
लंदन : हॉलीवुड की जानीमानी अदाकारा-निर्देशक एंजेलीना जोली ने युद्धक्षेत्र में महिलाओं के साथ होने वाली बर्बरता से निबटने के लिए यूरोप का पहला अकादमिक केंद्र खोला है. गार्डियन ऑनलाइन के अनुसार संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) के लिए विशेष दूत 39 वर्षीया जॉली हाल ही में उत्तर इराक से लौटी हैं. जॉली ने इराक […]
लंदन : हॉलीवुड की जानीमानी अदाकारा-निर्देशक एंजेलीना जोली ने युद्धक्षेत्र में महिलाओं के साथ होने वाली बर्बरता से निबटने के लिए यूरोप का पहला अकादमिक केंद्र खोला है. गार्डियन ऑनलाइन के अनुसार संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) के लिए विशेष दूत 39 वर्षीया जॉली हाल ही में उत्तर इराक से लौटी हैं.
जॉली ने इराक में इस्लामिक स्टेट की हिंसा के चलते अपने घर-बार छोडने को विवश हुए लाखों लोगों में से कुछ से मुलाकात की. छह बच्चों की मां जॉली ने कहा कि लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स (एलएसई) में महिलाओं, शांति एवं सुरक्षा से संबद्ध केंद्र के विद्यार्थियों के पास विश्व को बदलने का मौका है.
उन्होंने कहा,’ यदि आप मुझसे पूछें कि मैं क्या सोचती हूं कि यह केंद्र किसके लिए है, तो मन में एक बात आती है कि यह उनके लिए है जो आज इस कमरे में नहीं हैं. मैं एक लडकी के बारे में सोचती हूं जिससे मैं इराक में तीन हफ्ते पहले मिली. वह 13 साल की है, लेकिन स्कूल जाने की बजाय वह एक अस्थाई तंबू में जमीन पर बैठती है.’
जोली ने आगे कहा कि इस लडकी को आईएसआईएस ने उसे गुलाम बना लिया था और बार-बार उससे बलात्कार किया था. जॉली का कहना है कि,’ अब वह कभी अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर सकती या कभी उसकी शादी नहीं हो सकती या कभी उसका परिवार नहीं हो सकता क्योंकि उसके समाज में बलात्कार पीडि़तों को त्याग दिया जाता है, और शर्मनाक माना जाता है. मेरे मन में बात आती है कि हमने एलएसई में जो शुरु किया है, वह उस इराकी लडकी और उसके जैसे अन्य लोगों के लिए है.’
नया केंद्र यौन हिंसा निवारण पहल (पीवीएसआई) के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए काम करेगा जिसकी स्थापना 2012 में जोली और ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री विलियम हेग ने की थी.