कुंभ के मेले के अनुभव से जेनिफर बैचवाल अभिभूत
फिल्मकार जेनिफर बैचवाल इलाहाबाद में कुंभ के मेले की खूबसूरत तस्वीरें देखकर भावविभोर हो गईं. इन तस्वीरों का इस्तेमाल जेनिफर ने अपने वृत्तचित्र ‘वॉटरमार्क’ में किया है.जेनिफर के इस वृत्तचित्र का अंतर्राष्टरीय प्रीमियर धर्मशाला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया. हालांकि जेनिफर उस समय शूटिंग के लिए भारत वापस नहीं आ सकी थीं लेकिन वह […]
फिल्मकार जेनिफर बैचवाल इलाहाबाद में कुंभ के मेले की खूबसूरत तस्वीरें देखकर भावविभोर हो गईं. इन तस्वीरों का इस्तेमाल जेनिफर ने अपने वृत्तचित्र ‘वॉटरमार्क’ में किया है.जेनिफर के इस वृत्तचित्र का अंतर्राष्टरीय प्रीमियर धर्मशाला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया.
हालांकि जेनिफर उस समय शूटिंग के लिए भारत वापस नहीं आ सकी थीं लेकिन वह कहती हैं कि उनके पति निक डे पेन्सियर और सहनिर्देशक एडवर्ड बर्टीन्सकी तीन सप्ताह के लिए मेले में रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘न जाने का फैसला करना काफी मुश्किल था. डीआईएफएफ में फिल्म देने के लिए हमारी समयसीमा बहुत कड़ी थी. इसे करना ही था क्योंकि इसके अलावा कोई रास्ता नहीं था. मैं संपादन में फंसी थी लेकिन निक के लिए यह बहुत अभिभूत करने वाला अनुभव था. यह बहुत सुंदर आध्यात्मिक अनुभव था क्योंकि वहां पर बहुत सारे लोग थे.’’
डीआईएफएफ से इतर जेनिफर ने प्रेस ट्रस्ट को बताया, ‘‘वहां लोगों का सैलाब था. इतने लोग तो कनाडा की पूरी आबादी में हैं. इन सभी ने वैयक्तिक तौर पर एक आध्यात्मिक निजी क्षण महसूस किया. जब मैंने ये सारी फुटेज देखी तो मैं इससे काफी द्रवित हो गई.’’ ‘वॉटरमार्क’ पानी के साथ हमारे संबंधों से जुड़ी दुनिया भर की कहानियों को साथ में पिरोती है. इसका फिल्मांकन चीन के तैरते उद्यान, कोलोरेडो के बंजर रेगिस्तानी डेल्टा से लेकर ढाका में पानी बहुल चमड़ा शोधन शालाओं तक में किया गया है.