लॉस एंजिलिस: दिग्गज गायक-गीतकार लियोनार्ड कोहेन का निधन हो गया है. वह 82 वर्ष के थे. कोहेन के लेबल ‘सोनी म्यूजिक कनाडा’ ने गायक के फेसबुक पेज पर उनके निधन की पुष्टि की. इस बारे में जानकारी नहीं दी गई कि कोहेन का निधन किस तारीख को और किस कारण हुआ.
जारी बयान में कहा गया, ‘हमें अत्यंत दुख के साथ यह सूचित करना पड रहा है कि प्रसिद्ध कवि, गीतकार एवं कलाकार लियोनार्ड कोहेन का निधन हो गया है. हमने संगीत जगत के सबसे सम्माननीय एवं सफल कलाकारों में से एक को खो दिया. बाद में उनकी याद में लॉस एंजिलिस में एक प्रार्थना सभा आयोजित की जाएगी. परिवार अनुरोध करता है कि दुख की इस घडी में उसकी निजता का सम्मान किया जाए.’
कोहेन ने अपना आखिरी एलबम ‘यू वांट इट डार्कर’ पिछले माह ही जारी किया था जिसमें नश्वरता के बारे में बात की गई थी. उन्होंने अपने छह दशक के संगीत करियर में जिन गीतों को लिखा, उसके लिए उनकी तुलना उनके दौर के बॉब डायलन एवं पॉल सिमोन जैसे उनकी तरह के अन्य गीतकारों से की जाती है.
कोहेन ने प्रेम एवं विश्वास, निराशा एवं उत्साह, अकेलेपन एवं जुडाव, युद्ध एवं राजनीति जैसी विषयवस्तुओं पर गीत लिखे. उनके गीतों की 2000 से अधिक रिकॉर्डिंग की गई हैं. शुरुआत में जूडी कोलिन्स एवं टिम हार्डिन जैसे लोक-पॉप गायकों और बाद में यू2, अरेथा फ्रैंकलिन, आर.ई.एम., जेफ बकले, तृषा ईयरवुड और एल्टन जॉन ने रिकार्डिंग की.
उन्होंने 1984 की एक एलबम के लिए प्रसिद्ध गीत ‘हैललूय’ लिखा था जिसे उनकी रिकॉर्ड कंपनी ने यह कहकर खारिज कर दिया था कि वह कारोबारी लिहाज से उतना अच्छा नहीं है. इसके एक दशक बाद जेफ बकले ने इसे लोकप्रिय बनाया. इसके बाद से बॉब डायलन से लेकर जस्टिन टिम्बरलेक तक करीब 200 कलाकारों ने इसे गाया या रिकॉर्ड किया है.
मांट्रियल में जन्मे कोहेन को 2008 में ‘रॉक एंड रॉल हॉल ऑफ फेम’ में शामिल किया गया था. उन्हें 2010 में ग्रैमी के समूह नेशनल अकेडमी ऑफ रिकॉर्डिंग आर्ट्स एंड साइसेंज ने लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया था. वह हिंदू शिक्षक रमेश बालशेखर के साथ अध्ययन के लिए मुंबई भी आए थे. कोहेन के परिवार में एक बेटा एवं बेटी है.