Iconic Hindi Movie Dialogues :बॉलीवुड के टॉप 10 डायलॉग्स जो आज भी हैं हर दिल में बसे
बॉलीवुड के मशहूर डायलॉग्स हमेशा के लिए यादगार बन चुके हैं. ये डायलॉग्स फिल्मों के साथ हमारे जीवन का भी अहम हिस्सा बन गए हैं.आइये जानते है कुछ ऐसे ही डॉयलॉग्स के बारे में जो आज भी है मशहूर.
Iconic Hindi Movie Dialogues : बॉलीवुड सिर्फ फिल्मों, गानों या एक्टिंग के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि इसके दमदार डायलॉग्स भी लोगों के दिलों पर छाए रहते हैं. लाखों लोग इन फेमस बॉलीवुड डायलॉग्स के दीवाने हैं और आपने भी कभी न कभी दोस्तों, परिवार या को वर्कर्स के साथ मजाक में इन डायलॉग्स का इस्तेमाल किया होगा. और अगर आपको याद न हो तो सोशल मीडिया पर इन्हें मीम्स के रूप में जरूर देखा होगा, जहां लोग और कलाकार इन डायलॉग्स को अपनी ही शैली में पेश करते हैं.चलिए जानते हैं बॉलीवुड के कुछ ऐसे यादगार डायलॉग्स, जो हमेशा हमारे दिलों में बस गए हैं.
मेरे पास पैसा है, बंगला है, गाड़ी है, नौकर है, बैंक बैलेंस है, और तुम्हारे पास क्या है? मेरे पास मां है
फिल्म दीवार से है, जिसे शशि कपूर और अमिताभ बच्चन ने परफॉर्म किया था. ये डायलॉग दो भाइयों के बीच की बहस को दिखाता है और इसमें मां के महत्व को बखूबी दर्शाया गया है.
हम जहां खड़े होते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है
फिल्म शोले से है, जिसे अमिताभ बच्चन ने अपने अनोखे अंदाज में बोला था. लोग इसे अक्सर तब कहते हैं जब उन्हें लाइन में सबसे पहले आने का मजाक करना हो.
रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं, और नाम है शहंशाह” फिल्म शहंशाह से है, जिसे अमिताभ बच्चन ने बोला था. इस डायलॉग में अमिताभ ने अपने दमदार अंदाज में विलनों को चेतावनी दी और साबित किया कि सच और न्याय की हमेशा जीत होती है.
कितने आदमी थे? और मोगैंबो खुश हुआ
फिल्म शोले से गब्बर सिंह का डायलॉग है, जिसे अमजद खान ने परफॉर्म किया था. उनकी बेहतरीन टाइमिंग और डिलीवरी ने इस डायलॉग को भारतीय सिनेमा का एक अमर संवाद बना दिया. इसके अलावा, मोगैंबो खुश हुआ फिल्म मिस्टर इंडिया का वह डायलॉग है जिसे अमरीश पुरी ने कहा था और इसे लोग अपने जीवन के खुशियों भरे पलों में अक्सर दोहराते हैं.
खामोश!
फिल्म बदला से, जिसे शत्रुघ्न सिन्हा ने परफॉर्म किया था. इस साधारण से शब्द को शत्रुघ्न सिन्हा ने इतने दमदार अंदाज में बोला कि यह एक यादगार डायलॉग बन गया.
DDLJ का डायलॉग जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी
अमरीश पुरी का वह संवाद है, जो सच्चे प्यार की ताकत और अपने फैसलों की आजादी को दर्शाता है. वहीं, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख फिल्म दामिनीका डायलॉग है, जिसे सनी देओल ने अपनी दमदार आवाज में बोला और न्याय व्यवस्था में देरी को प्रदर्शित किया.
इसके अलावा, “ये ढाई किलो का हाथ जब किसी पर पड़ता है ना, तो आदमी उठता नहीं, उठ जाता है” भी फिल्म दामिनी से है, जिसे सनी देओल ने परफॉर्म किया था और ये अब तक के सबसे दमदार डायलॉग्स में से एक है.
फिल्म करण अर्जुन का डायलॉग “मेरे करण अर्जुन आएंगे”, जिसे राखी गुलजार ने कहा था, वह भी एक बेहद चर्चित संवाद है जिसे लोग आज भी अलग-अलग संदर्भों में कहते हैं.
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