Prabhat Special: 2025 तक 35 अरब डॉलर का हो जायेगा भारत का मीडिया और मनोरंजन उद्योग
पिछले कुछ वर्षों में बढ़त का आनंद लेने के बाद, भारत में 60 से अधिक ओटीटी प्लेटफार्मों को अब चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. चुनौती यह कि वे भारतीय बाजार में अपने महंगे कंटेंट व्यवसाय को किस तरह आगे बढ़ाएं
आरती श्रीवास्तव :
टेलीविजन, फिल्म, आउट ऑफ होम (ओओएच), रेडियो, एनिमेशन और विजुअल इफेक्ट (वीएफएक्स), संगीत, गेमिंग, डिजिटल विज्ञापन, लाइव इवेंट, फिल्म्ड एंटरटेनमेंट और प्रिंट जैसे विभिन्न क्षेत्रों के माध्यम से लोग भिन्न-भिन्न स्तरों पर मनोरंजन व मीडिया जगत से जुड़ते हैं. इन माध्यमों से लोगों का यही जुड़ाव एंटरटेनमेंट व मीडिया इंडस्ट्री के विकास को गति देता है. इन्वेस्ट इंडिया की वेबसाइट के अनुसार,
– 35.4 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है भारत के मीडिया व मनोरंजन उद्योग के, 2025 तक.
– 6.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया डिजिटल मीडिया सेगमेंट 30 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2022 में. यह देश के मीडिया व मनोरंजन उद्योग का दूसरा सबसे बड़ा सेगमेंट है.
– 1.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया 34 प्रतिशत की वृद्धि के साथ ऑनलाइन गेमिंग और 2025 तक इसके 2.8 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है.
– 85 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई 2022 में फिल्म्ड एंटरटेनमेंट सेगमेंट में. वर्ष 2022 में 1600 से अधिक फिल्में रिलीज हुईं, जिससे 1.2 अरब डॉलर का थिएटर राजस्व उत्पन्न हुआ.
– 1.3 अरब डॉलर पर पहुंच गया 29 प्रतिशत की बढ़त के साथ एनिमेशन और वीएफएक्स सेगमेंट और 2025 तक इसके 2.3 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
– 58 प्रतिशत का योगदान देता है परंपरागत मीडिया कुल मीडिया व मनोरंजन के राजस्व में.
– 27 प्रतिशत की हिस्सेदारी है डिजिटल मीडिया की कुल मीडिया व मनोरंजन के राजस्व में.
– 4था स्थान है भारत का आईसीटी सेवा (इनफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी) के निर्यात में.
– 55 से 70 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है भारतीय मीडिया व मनोरंजन उद्योग के 2030 तक, 10-12 प्रतिशत सीएजीआर के साथ. ओटीटी, गेमिंग और एनिमेशन व वीएफएक्स के बढ़ते उपयोग के संग
– 93 प्रतिशत यूट्यूब दर्शक हिंदी या अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेंट देखते हैं.
– 1.9 अरब से अधिक घंटे ऑनलाइन स्पोर्ट्स पर बिताये हैं भारतीयों ने.
– 50 प्रतिशत पहुंच गयी टीवी और ओटीटी पर क्षेत्रीय भाषाओं के कंटेंट के उपभोग की हिस्सेदारी, 2022 में.
– 6.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया डिजिटल विज्ञापन 30 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2022 में, जो विज्ञापन पर हुए कुल खर्च का लगभग आधा है.
– 12.2 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है डिजिटल विज्ञापन के 2027-28 तक.
– 25 प्रतिशत भारत के ऑनलाइन गेमर्स, पेड गेमर्स हैं.
– ओटीटी प्लेटफॉर्म और बच्चों के चैनल पर एनिमेशन सेगमेंट की भारी मांग रही बीते वर्ष.
– भारत अपना 82 प्रतिशत समय मीडिया और मनोरंजन से जुड़े मोबाइल फोन एप पर बीता रहा है. वीडियो स्ट्रीमिंग एप पर घंटे बिताने (194 अरब घंटे) के मामले में भारत सबसे बड़ा बाजार है.
यह आदत बन रही ओटीटी के लिए चुनौती
पिछले कुछ वर्षों में बढ़त का आनंद लेने के बाद, भारत में 60 से अधिक ओटीटी प्लेटफार्मों को अब चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. चुनौती यह कि वे भारतीय बाजार में अपने महंगे कंटेंट व्यवसाय को किस तरह आगे बढ़ाएं. यह सच है कि भारत के लोग मनोरंजन के प्रति दीवानगी रखते हैं, पर कीमतों को लेकर सतर्क रहते हैं. वे या तो बिना पैसा दिये विज्ञापन सहित कंटेंट देखना पसंद करते हैं या इसके लिए कम रकम चुकाना पसंद करते हैं.
मीडिया पार्टनर्स एशिया के अनुमान के अनुसार, भारतीयों ने जनवरी 2022 से मार्च 2023 के बीच (15 महीनों की अवधि में) वीडियो देखने में 6.1 ट्रिलियन मिनट या 11 मिलियन वर्ष से अधिक का समय खर्च किया है. इसी दौरान पता चला कि यहां लोगों को निशुल्क सामग्री देखना भी पसंद है. इस अवधि में देश के लोगों ने अपना 88 प्रतिशत समय यूट्यूब पर, जबकि बाकी समय ओटीटी वीडियो स्ट्रीमिंग एप्स पर बिताया.
राजस्व मॉडलों की बात करें, तो वीडियो ओटीटी सेगमेंट में राजस्व का मॉडल एडवर्टाइजिंग वीडियो ऑन डिमांड यानी एवीओडी और सब्सक्रिशन वीडियो ऑन डिमांड, यानी एसवीओडी में बंटा है. मार्केट वाच के अनुसार, 2021 में देश में वीडियो ओटीटी प्लेयर्स के लिए कुल बाजार राजस्व में एवीओडी मॉडल का हिस्सा लगभग 63 प्रतिशत था, जिसके 2026 तक राजस्व के मामले में प्रमुख सेगमेंट बने रहने की उम्मीद है. हालांकि, एसवीओडी मॉडल भी तेजी से बढ़ रहा है और कुल वीडियो ओटीटी राजस्व में इसके अधिक योगदान की उम्मीद है.
ओटीटी प्लेटफार्मों को यदि प्रमुख एप्स की बाजार हिस्सेदारी के आधार पर देखें, तो वीडियो ओटीटी मार्केट में हॉटस्टार की हिस्सेदारी सबसे अधिक और ऑडियो ओटीटी मार्केट में गाना की हिस्सेदारी सबसे अधिक है. तो जो प्लेटफॉर्म महंगे कंटेंट देने के बावजूद ज्यादा दर्शक या श्रोता नहीं जोड़ पा रहे हैं, उनके लिए ओटीटी बाजार में बने रहना मुश्किल होता जा रहा है.
भारत के कुछ प्रसिद्ध ओटीटी प्लेटफॉर्म
यूट्यूब, अमेजन प्राइम, नेटफ्लिक्स, जी5, वूट, अल्ट बालाजी, हॉटस्टार, गाना, विंक, वायकॉम 18, डिस्कवरी+, डिज्नी, जियो टीवी, जियो सिनेमा, मैक्स प्लेयर, सोनी लिव, उलु, जियो सावन, स्पॉटिफाई आदि.
424 मिलियन ओटीटी यूजर हैं भारत में, जिनमें 49 मिलियन एसवीओडी देखते हैं, ओमैक्स मीडिया के दिसंबर, 2022 के आंकड़ों के अनुसार.
नियमों के उल्लंघन पर ओटीटी पर होगी कार्रवाई
बीते सप्ताह केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ओटीटी प्लेटफॉर्म के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. केंद्रीय मंत्री ने ओटीटी पर बढ़ती अश्लीलता, हिंसा, गैरजरूरी कंटेंट, पूर्वाग्रह और भारतीय धर्मों और परंपराओं के नकारात्मक चित्रण वाले कंटेंट पर चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि यदि कोई भी ओटीटी प्लेटफॉर्म देश की संस्कृति या धर्म का अपमान करने वाले कंटेट परोसता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
उन्होंने कंटेंट रेगुलेशन पर जोर दिया और ओटीटी प्लेटफॉर्मों से कहा कि वे अपने एप पर दिखाई जा रही वेब सीरीज और फिल्मों को लेकर सतर्क रहें. मंत्री ने 15 दिनों के भीतर ओटीटी अधिकारियों को दो मुख्य बिंदुओं पर समाधान लाने को कहा है. पहला, रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर अश्लीलता नहीं डाल सकते. दूसरा, ओटीटी के जरिये दुष्प्रचार और वैचारिक पूर्वाग्रह की आवश्यकता नहीं है.
बिगफ्लिक्स से शुरू हुई भारत में ओवर द टॉप की यात्रा
भारत का पहला ओटीटी प्लेटफॉर्म बिगफ्लिक्स था, जिसे 2008 में रिलायंस एंटरटेनमेंट ने शुरू किया था. वर्ष 2010 में डिजीवाइव ने भारत का पहला ओटीटी मोबाइल एप, ‘नेक्सजीटीवी’ शुरू किया जो लाइव टीवी और ऑन डिमांड कंटेंट, दोनों उपलब्ध कराता था. यह पहला एप था जिसने स्मार्टफोन पर आईपीएल को लाइव स्ट्रीम किया था.
पर 2013 के आसपास डिट्टो टीवी (जी) और सोनी लिव के शुरू होने के बाद देश में ओटीटी प्लेटफॉर्म को लोकप्रियता मिलनी आरंभ हुई. वर्ष 2015 में, देश में डिज्नी हॉटस्टार की शुरुआत हुई और देखते-देखते इसके दर्शकों की संख्या बढ़ती चली गयी. जनवरी 2016) में नेटफ्लिक्स ने भारत में अपना कामकाज शुरू किया.
ओटीटी प्लेटफॉर्म के प्रकार
ओटीटी प्लेटफॉर्म को दो भागों में बांटा जा सकता है- ऑडियो ओटीटी और वीडियो ओटीटी. जब हम ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कोई गाना, कहानी, भजन गजल आदि सुनते हैं, तो यह सब कंटेंट ऑडियो ओटीटी कहलाता है. इसमें आप इमेज या फोटो तो देख सकते हैं, पर वीडियो नहीं. इस प्लेटफॉर्म को एओडी यानी ऑडियो ऑन डिमांड कहा जाता है. जबकि वीडियो ओटीटी में ऑडियों के अतिरिक्त वीडियो भी होता है, जिसके जरिये हम आवाज सुनने के साथ कंटेट भी देख सकते हैं. इस वीडियो को वीओडी, यानी वीडियो ऑन डिमांड कहा जाता है.
ऑडियो ओटीटी :
यह दो तरह का होता है जिन्हें फ्री या पेड कहा जा सकता है. फ्री ऑडियो को एएओडी, यानी एड बेस्ड ऑडियो ऑन डिमांड और पेड ऑडियो को एसएओडी, यानी सब्सक्रिप्शन ऑडियो ऑन डिमांड कहा जाता है. एएओडी पर आप संगीत या जो भी कंटेंट सुनते हैं, उसके लिए कोई शुल्क नहीं चुकाना होता है, पर बीच-बीच में विज्ञापन देखते रहना पड़ता है. एसएओडी पेड प्लेटफॉर्म है. यहां आपको ऑडियो कंटेंट सुनने के लिए निर्धारित शुल्क चुका कर सब्सक्रिप्शन लेना पड़ता है. यहां विज्ञापन देखने की मजबूरी नहीं होती है.
वीडियो ओटीटी :
वीडियो प्लेटफॉर्म तीन तरह के होते हैं- एवीओडी, यानी एड बेस्ड वीडियो ऑन डिमांड, एसवीओडी, यानी सब्सक्रिप्शन बेस्ड वीडियो ऑन डिमांड और टीवीओडी, यानी ट्रांजैक्शन वीडियो ऑन डिमांड. एवीओडी निशुल्क वीडियो उपलब्ध कराता है और वीडियो के बीच-बीच में विज्ञापन देखना पड़ता है. एसवीओडी में आप एक तय राशि लेकर निर्धारित समय के लिए एप का सब्सक्रिप्शन खरीद सकते हैं और अपनी मनपसंद मूवी, सीरीज या शोज देख सकते हैं. टीवीओडी एक ऐसा वीडियो प्लेटफॉर्म है, जहां आप एक बार शुल्क देकर किसी डिजिटल कंटेंट को केवल एक बार ही देख सकते हैं.