Akshay kumar:अक्षय कुमार के लिए सिंगिग करने वाले सागर,कभी डांस बार में बजाया करते थे गिटार 

अक्षय कुमार के लिए प्लेबैक सिंगिंग कर चुके सागर भाटिया बताते हैं कि खुदाया सांग सुनने के बाद अक्षय कुमार ने खुद उनकी आवाज की तारीफ की थी.

By Urmila Kori | August 25, 2024 9:40 AM

Akshay Kumar:अक्षय कुमार की फिल्म सरफिरा के लिए प्लेबैक सिंगिंग करने वाले सिंगर सागर भाटिया अपने स्टेज शोज में कव्वाली गाने के लिए जाने जाते हैं.हैं. इनदिनों वह हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के म्यूजिक में भी अपनी एक खास मुकाम बनाने में जुटे हैं.वह सरफिरा को एक शुरुआत बताते हैं. सिंगर के साथ – साथ वह म्यूजिक कंपोजर और गीतकार भी हैं.संगीत से जुड़ाव और आनेवाले प्रोजेक्ट्स पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत

सरफिरा के प्लेबैक सिंगिंग का अनुभव कैसा था ?

मेरा डेब्यू सांग था. मेरे लिए बहुत खुशी की बात थी कि  खुदाया गीत यह मेरे ही जॉनर का था. यह बहुत ही अच्छी तरह से शूट किया गया था और अक्षय कुमार तो थे ही. श्रोताओं से  मुझे बहुत ही अच्छे रिव्यूज मिले. अक्षय कुमार सर ने भी कहा था कि तुम्हारी आवाज बहुत अच्छी इस गाने में साउंड कर रही है.

यह गाना किस तरह से आप तक पहुंचा था? 

मैं धर्मा प्रोडक्शन हाउस के टैलेंट टीम का हिस्सा हूं. उनके ही जरिये मैं इस गाने से जुड़ पाया. करण सर भी  हमेशा चाहते थे कि मेरा बॉलीवुड डेब्यू इसी तरह के किसी गाने से हो. तो फिर उनके यहां पर जो म्यूजिक सुपरवाइजर है अजीम और मेघा उन्होंने मुझे इस गाने के लिए चुना.


आपके आने वाले और प्रोजेक्ट्स क्या है ?

प्राजक्ता कोली के साथ एक म्यूजिक वीडियो कर रहा हूं.इसके अलावा सोनी के सुपरहिट पुराने 10 गानों को हमने सूफी के अंदाज में रीमिक्स किया है. जिसमें कैलाश खेर का तेरी दीवानी, अरिजीत सिंह का चन्ना में, सुलेमान का शुक्राना अल्लाह का रीमिक्स, मुस्कुराने की वजह तुम हो शामिल है. वो भी शायरी और सूफी टच के साथ. और गानों को कव्वाली की तरह पेश करने की कोशिश किया कुछ नया करने की. इसके अलावा हर गाने में आपको एक शायरी जरूर मिलेगी. मैंने कंपोज करने के साथ -साथ गाया भी है.इसके अलावा प्राजक्ता कोली के साथ एक म्यूजिक वीडियो भी कर रहा हूं.दो फिल्मों के लिए भी गाने रिकॉर्ड कर चुका हूं.


 आमतौर पर लोग रीमिक्स को जायज नहीं ठहराते हैं,आपकी इस पर क्या हैं?

 इस रिमिक्स में आपने शिद्दत से मोहब्बत दिखाई है.  मुझे लगता है कि जो गाने हमने चुने हैं.वह सदाबहार  हैं. आप जब भी गाना सुनते हैं,तो आपके सामने किसी की  इमेज आती है. आपके सामने कोई शख्स आता है.आपके सामने कोई मोहब्बत आती है.आपके सामने कोई दर्द आता है.कलाकार की नजर में कुछ शायरी आती है ,कुछ लिखा हुआ आता है. मैं शायरी करने का बहुत शौकीन हूं, तो मेरे आंखों के सामने वह आ रहा था तो मैंने लिख दिया. मैं ओरिजिनल गानों के साथ कोई भी ना इंसाफ़ी की हैं.


आप स्टेज शो से बहुत जुड़ते हैं ,अक्सर कहा जाता है कि ज्यादा स्टेज शो करने से आवाज ख़राब हो जाती है ?

जब आप बहुत ज्यादा ट्रैवल करते हो. अलग-अलग शहरों में जाते हो. अलग-अलग शहरों में मौसम अलग-अलग होते हैं. कोई मौसम आपको शूट करता है तो कोई नहीं करता है. मैं महीने में 20 से 22 दिन ट्रैवल करता हूं.इसका असर मेरी आवाज पर भी होता है, लेकिन जब रात को स्टेज शो करने जाता हूं, तो उसका जो  जुनून रहता है.उसमें मेरी आवाज अपने आप ठीक हो जाती है. जहां तक खराब होने की बात है. मुझे लगता है कि  एक सिंगर रियाज नहीं करता तो ही उसका गला खराब हो सकता है. ज्यादा स्टेज शो करने से गला खराब नहीं होता है. जिम जाने से भी कोई गले पर असर नहीं होता,हां आपकी डाइट मायने रखती है.मुझे ठण्डा पानी और बर्फ शूट नहीं करता है.


कभी ऐसा नहीं सोचते कि स्टेज शो छोड़कर पूरा फोकस प्लेबैक सिंगिंग पर करूं? 

जो मेरे पास है उसे छोड़कर ,जो मेरे पास नहीं है उसके पीछे भागना. यह मेरी सोच नहीं है.मैंने बहुत मुश्किलों के बाद यहाँ तक का सफर तय किया है. मेरा कोई भी फैमिली बैकग्राउंड म्यूजिक में  नहीं था. मैं गिटार सीखने का शौकीन था.मां ने साफ़ कह दिया था कि हम दो महीने से ज्यादा की फीस अफोर्ड नहीं कर सकते हैं, तो दो महीने में जितना हो सके. मैंने सीखा। मैं दिल्ली से हूं और नॉर्थ दिल्ली में सबसे ज्यादा जागरण चलते हैं. उसमें मैंने शुरुआत की. आगे चलकर मुझे नरेंद्र चंचल जी के साथ भी गिटार बजाने का मौका मिला है. 8 से 9 महीने मैंने उनके साथ काम किया फिर मैं आर्केस्ट्रा में गिटार बजाया. मैं डांस बार में भी गिटार बजाता था.मैं लोअर मिडिल क्लास परिवार से आता हूं.आपको पैसे के लिए सबसे पहले काम करने पड़ते हैं तो मैंने जमकर हर छोटा बड़ा काम किया लेकिन म्यूजिक से जुड़ा हुआ.जब थोड़े पैसे आये तो फिर अपना बैंड बनाया।मेरी जर्नी आसान नहीं थी. 2007 में 12वीं पास करने के बाद मेरी पहली इनकम जगराते में 20 रुपये थी. अभी मेरे स्टेज शो  फुल रहते हैं.धनबाद से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक में मेरे शो होते हैं.वहां से लेकर यहां तक की जर्नी मैंने तय की.अभी यहाँ से भी आगे का सफर तय करना है.


संगीत में आपकी प्रेरणा कौन रहे हैं ?

 मेरे इंस्पिरेशन बदलते रहे हैं,क्योंकि मैंने कभी संगीत सीखा नहीं है, तो जिनको सुनता गया उनसे सीखता गया.कभी हिमेश रेशमिया तो कभी आतिफ़ असलम मेरी प्रेरणा थे.थोड़ा बड़ा हुआ. गुरदास मान और नुसरत साहब को सुनने लगा. उनको सुनने के बाद मैं उनका मुरीद बन . मेरे घर पर इन दोनों की फोटो सामने ही रहती है.मैं हर दिन इनके गाने सुनता ही हूं.

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