IPL 2020: जिस तरह से आम आदमी अपने बिजनेस की सफलता के लिए तरह तरह के टोटके आजमाता है वैसे ही आईपीएल टीम (IPL Team) के मालिक भी अपनी टीम की जीत के लिए तरह तरह के टोटके अपनाते हैं. खास बात है कि कल से आईपीएल मैच (IPL 2020) शुरू हो रहे हैं. इस बार मैच दुबई हो रहे हैं जिससे आईपीएल के इन मालिकों को अपने टोटकों को दोहराने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है. आइए जानते हैं उन टोटकों और उनके मालिकों के बारे में…
जूही चावला हर मैच से पहले जाती हैं कालीघाट
2012 में जब कोलकाता नाईट राइडर्स आईपीएल चैंपियन बनी थी. उस वक़्त के के आर की टीम की जीत को को ओनर जूही चावला ने काली मां का आशीर्वाद कहा था. जूही चावला ने इस बात को कई बार स्वीकार किया है कि वे कोलकाता नाईट राइडर्स के कोलकाता में हुए हर मैच के पहले कालीघाट मंदिर जाकर पूजा ज़रूर करती हैं. उसके बाद ही वह मैदान में आती हैं. इस बार सभी मैच यूएई में हैं. इसके साथ ही मौजूदा जो हालात हैं उसमें जूही चावला चाहकर भी कोलकाता के कालीघाट मंदिर नहीं जा पाएंगी.
नीता अंबानी की सफलता का मंत्र चंडी पाठ
बीते साल मुम्बई इंडियंस जब आईपीएल चैंपियन बनी तो मुम्बई इंडियंस टीम की मालकिन नीता अंबानी के आध्यात्मिक गुरु पंडित चंद्र शेखर शर्मा ने कहा था कि टीम के हर मैच के पहले नीता अंबानी चंडी पाठ करती हैं. उसके बाद ही वह मैदान जाती है. पंडित शेखर शर्मा ने ये भी बताया था कि वे पूरे मैच के दौरान चंडी पाठ करते रहते हैं. जब तक आखिरी गेंद नहीं हो जाती हैं. चंडी पाठ ऊर्जा और शक्ति देने के साथ साथ किस्मत भी देता है. नीता अंबानी यूएई में हो रहे आईपीएल मैचों का हिस्सा बनेगी. ऐसी चर्चा तो है लेकिन वे इस बार खिलाड़ियों के साथ नहीं उनसे दूर बैठ सकती हैं. इसके साथ ही वह अपने पंडित जी के साथ दुबई में चंडी पाठ कर पाएगी या नहीं. ये भी सवाल बरकरार है. हां वो दर्शक दीर्घा में बैठे हुए मन ही मन मंत्र पढ़ते हुए नज़र ज़रूर आएंगी.
प्रीति जिंटा का होम ग्राउंड पर हवन
किंग्स 11 पंजाब की मालकिन अभिनेत्री प्रीति जिंटा आईपीएल के हर सीजन की शुरुआत में अपने होम ग्राउंड पर हवन करवाती रही हैं. उसके बाद ही उनकी टीम अभ्यास मैच शुरू करती है. इस बार दुबई के मैदान में हवन करना कराना लगभग नामुमकिन ही है. इसके साथ ही प्रीति जिंटा हर मैच के पहले मंदिर ज़रूर जाती हैं और मैच शुरू होने से पहले टीम में प्रसाद भी बांटती थी. इस बार प्रीति अपना ये टोटका भी शायद ही आज़मा पाएं.
Posted By: Budhmani Minj