दृश्यम 2 इस शुक्रवार सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है. अभिनेत्री इशिता दत्ता एक बार फिर इस फ्रेंचाइजी में भी अंजू सालगांवकर के किरदार में नजर आनेवाली हैं. वह इस फ्रेंचाइजी फिल्म का लगातार हिस्सा बनकर खुश हैं, क्योंकि दर्शकों को इस फ़िल्म का बेसब्री से इंतज़ार रहता है. वे बताती हैं कि दृश्यम 3 भी पाइपलाइन में है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.
एक ही किरदार को फिर से निभाना कितना आसान रहता है?
इस फ़िल्म में सात सालों क़ा अंतराल आया है. जो कहानी में भी दिखाया गया है.जो बहुत अच्छी बात है. हम भी बड़े हुए हैं और हमारे साथ किरदार भी.हम अपनी परिपक्वता भी किरदार में डाल सकते हैं, अगर एक साल बाद ही दृश्यम 2 बन जाती तो आप किरदार में वह मच्योरोटी नहीं ला सकते थे, क्यूंकि आपने खुद कुछ देखा नहीं है. मुश्किलें भी थी क्यूंकि किरदार में नयी लेयरिंग आ गयी है.वो ट्रामा भी उसके साथ इन सात सालों में रहा है.वो बहुत सारी मेंटल हेल्थ से जुडी समस्यायों से जूझ रही है. उसकी बॉडी लैंग्वेज बहुत बदल गयी है. वों खुश भी है, तो पूरी तरह से नहीं है.उसके अंदर यें गिल्ट है कि उसके वजह से किसी की जान चली गयी है.
आपने जैसे बताया कि आपके किरदार में बहुत सारे लेयर्स आ गए हैं, किसी खास दृश्य को दर्शाना बहुत मुश्किल था?
मेरा किरदार सात सालों से ट्रामा से गुज़र रहा है, इसकी वजह से उसे दौरे पड़ते हैं. परदे पर उसे दर्शाना आसान नहीं था. निर्देशक अभिषेक उसे असल फील के साथ शूट करना चाहते थे. रेफ़्रेन्स के लिए मैंने कई वीडियोज भी देखें, लेकिन शूटिंग के कुछ दिनों पहले से ही मैं स्ट्रेस में थी क़ि मैं कर पाउंगी या नहीं. इस फ़िल्म की शूटिंग के साथ -साथ मैं उस वक़्त कलर्स क़ा भी एक शो कर रही थी और मेरे सेट पर ही किसी को फिट्स आए. उस दौरान उसकी मदद की, तो बहुत कुछ उस दर्द के बारे में और करीब से समझा.
दृश्यम के मीम्स को आप कितना एन्जॉय करते हो?
मीम्स को मैं बहुत एन्जॉय करती हूं. मीम्स का मतलब आप पॉपुलर हैं. उम्मीद है कि यह सीजन भी लोगों को ढेर सारे मीम्स बनाने क़ा मौका दे.
अजय सर के साथ एक बार फिर स्क्रीन शेयर करने का अनुभव कैसा रहा?
बहुत ही अच्छा रहा है. वे ऐसे एक्टर हैं, जो आपको सेट पर बहुत सहज महसूस करवाते हैं. सात साल पहले जब दृश्यम के सेट पर मेरा पहला शॉट था, तो मैं बहुत नर्वस थी. इतने बड़े एक्टर के साथ काम कर रहे हैं, तो एक डर रहता है कि कहीं आप डायलॉग गलत ना बोल दें. कहीं आपकी वजह से रिटेक ना हो, तो मैंने फटाफट अपना टेक दे दिया था, उस वक़्त निशि सर ने मुझे कहा कि तुम आराम से टेक दो, अगर तुम पांच टेक भी लोगे, तो भी अजय को कोई परेशानी नहीं होगी. अजय सर ने भी कहा कि हां आराम से अपना टेक दो. सात साल बाद जब दृश्यम 2 क़ा पहला शूट हुआ, तो हम सबने बस एक दूसरे को हाय -हैल्लो किया और शूट शुरू कर दिया. ऐसा लगा ही नहीं क़ि हम सात साल बाद शूट कर रहे हैं, लगा कि कल ही की,तो बात थी.
निशिकांत कामत को आपने कितना मिस किया?
बहुत ज़्यादा, हमने उसी घर में शूट किया था, जहाँ पहले वाली फ़िल्म शूट हुई थी, हां सात सालों को देखते हुए घर के लुक को काफी बदला गया है, लेकिन घर वही है. आप हर पॉइंट पर उनको याद करते हैं. वैसे वो मेरे पहले निर्देशक थे, जिन्होंने मुझे फ़िल्म में कास्ट किया था. मुझे बहुत गाइड किया था. वे दृश्यम को स्क्रीन पर लेकर आए थे, तो कहीं ना कहीं हम सब उनको मिस करेंगे हमेशा ही. वैसे वो जहां भी होंगे कि उनकी फ्रेंचाइजी फ़िल्म इतनी बड़ी हो गयी है क़ि इसका दूसरा पार्ट आ रहा है. उसके बाद तीसरा भी ज़रूर आएगा.
2015 में ज़ब पहला पार्ट आया था, तो लोग उस वक़्त साउथ सिनेमा के दर्शक नहीं थे , लेकिन अब वक़्त पूरी तरह से बदल गया है?
मुझे भी यही लगा था क़ि ऐसा कुछ होगा, सबने मलयालम वाली दृश्यम 2 देख ली होगी, लेकिन मुझे अलग तरह का रिस्पांस मिल रहा है,बहुत सारे लोगों ने फ़िल्म नहीं देखी है, उन्होंने तय किया कि वे सब टाइटलस में नहीं, बल्कि हिंदी में इस फ़िल्म के आने पर देखेंगे.अच्छी बात यें भी है कि जैसी मलयालम वाली आयी, वैसे ही हिंदी वर्जन की शूटिंग शुरू हो गयी. तीन -चार साल के अंतराल के बाद आता, तो भले ही इतना लोग इंतज़ार नहीं करते हैं.इसके अलावा अजय सर की जबरदस्त फैन फ़ॉलोइंग भी है.
आपने मलयालम वर्जन देखा है?
हां, मैंने देखा है लेकिन पहले वाले की शूटिंग के वक़्त नहीं देखा था. उसके बाद देखा था, क्यूंकि मेकर्स नहीं चाहते थे कि मैं किसी भी तरह प्रभावित होऊं.
मलयालम वर्जन से कितनी अलग हिंदी दृश्यम 2 है?
काफी कुछ बदलाव है. जैसे अक्षय खन्ना का किरदार इसी दृश्यम 2 में आपको दिखेगा, ऐसा किरदार मलयालम दृश्यम 2 में नहीं है. इसके अलावा दृश्यम में जो गायतोंडे क़ा जो किरदार था,उसे हमारी फ़िल्म दृश्यम 2 में रिपीट किया गया है, जब मुझे मालूम पड़ा, तो मुझे ख़ुशी हुई क्यूंकि एक दर्शक के तौर पर मैं उस किरदार को देखना चाहती थी, जबकि मलयालम वाली दृश्यम 2 में वह किरदार नहीं है.
आमतौर पर फ़िल्में करने के बाद एक्ट्रेसेज टीवी नहीं करती हैं, लेकिन आपने टीवी के साथ बैलेंस बनाया है?
मैं प्रोजेक्ट के अनुसार तय करती हूं, मीडियम के अनुसार नहीं. फ़िल्म क़ा चार्म सबसे अलग होता है, इससे इंकार नहीं है लेकिन अगर फ़िल्म में कुछ करने को नहीं है जबकि टीवी शो क़ा मैं चेहरा हूं, तो मैं टीवी को ही चुनूंगी.
कभी अफ़सोस होता है कि दृश्यम फ़िल्म की सफलता क़ा आपको वों फायदा नहीं मिल पाया?
उस वक़्त कई लोगों ने कहा था कि तुम कोई टिपिकल हीरोइन वाली फ़िल्म करो, दृश्यम क्यों कर रही हो, उसमे किरदार अलग है लेकिन मैं बहुत खुश थी कि इतने दिग्गज एक्टर्स के साथ मुझे काम करने क़ा मौका मिल रहा है. मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा. मुझे आज भी अपने फैसले पर अफ़सोस नहीं है. फ़िल्म की रिलीज के बाद मुझे एक ही टाइप के रोल मिलने लगे थे.टीवी से अच्छे ऑफर्स मिल रहे थे.फिल्मों के वो किरदार मेरे करियर को नहीं ले जाएंगे, यें भी समझ आ गया था, इसलिए मैंने टीवी की ओर रुख किया.
ओटीटी से दूरी की क्या वजह है?
निश्चिततौर पर बोल्ड कंटेंट, मैं बोल्ड दृश्यों को करने में सहज नहीं हूं. मेरे लिए मेरा कम्फर्ट जोन बहुत अहम है और अगर किसी सीन को करते हुए, मैं सहज नहीं हूं, तो मैं उस प्रोजेक्ट्स से नहीं जुडूंगी फिर चाहे वह कितना भी बड़ा प्रोजेक्ट हो. वैसे मैं एक वेब शो की शूटिंग जनवरी से करुंगी. उम्मीद करती हूं कि दृश्यम 2 की रिलीज के बाद मुझे और अच्छे ऑफर्स फिल्मों से मिलेंगे.