जिब्रान खान ‘कभी खुशी कभी गम’ में बतौर बाल कलाकार के रूप में जाने जाते हैं, ने हाल ही में बताया कि उन्होंने अपने डेब्यू में इतनी देर क्यों लगा दी. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे उन्होंने ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2’ के लिए ऑडिशन दिया था. हालांकि उस वक्त बात नहीं बन पाई और उन्हें वो रोल नहीं मिला था.
क्यों फिल्मी दुनिया से लम्बे समय तक गायब रहें जिब्रान.
हाल ही में फ्री प्रेस जर्नल के साथ बातचीत के दौरान, जिब्रान खान ने ‘कभी खुशी कभी गम’ के बाद बड़े पर्दे पर अपनी शुरुआत में लंबे इंतजार के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि पिछले 5-6 सालों से लोग उनकी डेब्यू के बारे में पूछ रहे थे. जिब्रान ने स्वीकार किया कि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, और सही प्रोजेक्ट को ढूंढने की अहमियत पर जोर दिया.उन्होंने यह भी बताया कि खुद को अलग पहचान देने और मेन स्ट्रीम हीरो के के रूप में पूरी तरह से तैयार होने की जरुरत पर ध्यान फोकस किया.
टाइगर के रोल के लिए दिया था ऑडिशन.
जिब्रान ने बताया कि उन्होंने एक अछे रोल की तलाश थी. जिसके लिये वो काफी समय से तलाश कर रहें थे और पॉजिटिव एटीट्यूड मी थे.मइसके लिए उन्होंने निर्देशकों और निर्माताओं से संपर्क किया और ऐक्टिव रूप से ऑडिशन दिए.उन्होंने करण जौहर की ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2’ के लिए ऑडिशन देने का जिक्र किया, लेकिन उन्हें वह रोल नहीं मिला क्योंकि वह टाइगर श्रॉफ से छोटे दिखते थे.
वेटरन एक्टर अमरीश पूरी से मिली थी ये सलाह.
एनआई के साथ बातचीत में, जिब्रान खान ने याद किया कि दिवंगत दिग्गज अभिनेता अमरीश पुरी ने उनके माता-पिता को सलाह दी थी कि वे उन्हें पब्लिक आई दूर रखें. हालांकि, अपनी तीसरी फिल्म ‘रिश्ते’ के बाद, जिब्रान ने अभिनय से दूर होने का फैसला किया. उन्होंने बताया कि उस समय एक मान्यता थी कि नए अभिनेता को ताजगी बनाए रखने के लिए ज्यादा ध्यान से बचना चाहिए. अमरीश पुरी ने यही प्रोस्पेक्टिव उनके माता-पिता के साथ साझा किया था, जिसने उनके फैसले को प्रभावित किया.