बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस मुश्किलों में घिर आई हैं. कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े 200 करोड़ रुपये के धन शोधन मामले में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर एक अनुपूरक आरोपपत्र में जैकलीन को आरोपी बनाया गया है. दिल्ली की एक अदालत इस मामले में 31 अगस्त को सुनवाई करेगी. ईडी जांच के लिए कई बार जैकलीन को तलब कर चुकी है. अब इसपर एक्ट्रेस ने प्रतिक्रिया दी है.
जैकलीन ने इस मामले पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी बात को साझा की. उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा, ‘‘मैं शक्तिशाली हूं, मैं खुद को स्वीकार करती हूं. सब ठीक हो जाएगा. मैं मजबूत हूं, मैं अपने लक्ष्यों और सपनों को हासिल करूंगी.”
इस मामले में 37 वर्षीय अभिनेत्री से ईडी ने कई बार पूछताछ की है और आखिरी बार जून में पूछताछ की गई थी. श्रीलंकाई नागरिक फर्नांडीस ने 2009 में हिंदी फिल्म उद्योग में अपने करियर की शुरुआत की थी. ईडी ने अप्रैल में पीएमएलए के तहत उनकी 7.27 करोड़ रुपये की निधि अस्थायी तौर पर कुर्क की थी तथा 15 लाख रुपये की नकदी जब्त की थी.
ईडी के अनुसार जैकलीन और नोरा फतेही से पूछताछ की गई है. दोनों अभिनेत्रियों को चंद्रशेखर से महंगी कारों समेत अन्य महंगे उपहार मिले थे. ईडी ने कहा कि जांच के दौरान 30 अगस्त और 20 अक्टूबर 2021 को जैकलीन के बयान दर्ज किए गए, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें चंद्रशेखर से उपहार मिले हैं. नोरा के बयान 13 सितंबर और 14 अक्टूबर, 2021 को दर्ज किए गए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें चंद्रशेखर और उनकी पत्नी तथा अभिनेत्री लीना पॉलोज से उपहार मिले थे.
वहीं जैकलीन के वकील प्रशांत पाटिल ने ईटाइम्स से इस बारे में कहा, “हमें केवल मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर की जा रही शिकायत के बारे में जानकारी मिली है. मेरे मुवक्किल को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर शिकायत की कोई प्रति प्राप्त नहीं हुई है. हालांकि अगर मीडिया रिपोर्ट्स सच हैं, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे मुवक्किल को उक्त मामले में एक आरोपी के रूप में पेश किया गया है.”
उनके वकील ने कहा कि, अभिनेत्री मामले की ईडी की जांच में बहुत सहयोग कर रही है और एक बड़ी साजिश की केवल “पीड़ित” है. उन्होंने कहा, “पूरे अभियोजन मामले को तर्क के लिए सच मान लेना, फिर भी जैकलीन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम या किसी अन्य कानून की योजना के तहत कोई मामला नहीं बनता है. यह दुर्भावनापूर्ण अभियोजन का मामला है और मेरी मुवक्किल उसकी गरिमा और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए कानून के तहत आवश्यक कदम उठाएगी.