Jalsa Review: सस्पेंस, थ्रिल, जिंदगी का सबक सिखाती है ‘जलसा’, एक्टिंग में विद्या बालन पर पड़ी भारी शेफाली
Jalsa Movie Review: बॉक्स ऑफिस पर इन-दिनों द कश्मीर फाइल्स अच्छा बिजनेस कर रही है. ऐसे में आज अमेजन प्राइम पर विद्या बालन स्टारर फिल्म जलसा रिलीज हो गई है. कैसी है ये फिल्म आइये जानते हैं.
फिल्म: जलसा
निर्देशक: सुरेश त्रिवेणी
कलाकार: विद्या बालन, शेफाली शाह, रोहिणी हट्टंगड़ी, इकबाल खान, श्रीकांत यादव, विधात्री बंदी, सूर्य काशीभटला
रिलीज: अमेजन प्राइम
रेटिंग: 3.5/5
Jalsa Movie Review: द कश्मीर फाइल्स इन-दिनों बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार कमाई कर रही है. दर्शकों में फिल्म का क्रेज कुछ इस तरह है कि सारे शो हाउसफुल जा रहे हैं. ऐसे में आज सिनेमाघरों में बच्चन पांडे रिलीज हुआ है. वहीं सुरेश त्रिवेणी ने अपनी फिल्म जलसा को लंबे इंतजार के बाद अमेजन प्राइम पर रिलीज किया है. इस फिल्म के ट्रेलर को दर्शकों ने काफी पसंद किया था. आइये जानते है कैसी है ये फिल्म…
कैसी है कहानी
जलसा फिल्म में विद्या बालन (माया मेनन) एक स्टार पत्रकार हैं, जो अपनी मां (रोहिणी हट्टंगडी) और शारीरिक रूप से विकलांग बेटे के साथ रहती हैं. रुखसाना (शेफाली शाह) उसकी रसोइया है. कठोर, अप्रत्याशित परिस्थितियां उनके जीवन को बेकाबू तरीकों से सर्पिल और टकराव की ओर ले जाती हैं. फिल्म में नया मोड़ तब आता है, जब हिट एंड रन मामले में एक एक्सीडेंट होता है. जिस लड़की का एक्सीडेंट होता है, वह रुकसाना (शेफाली शाह) की बेटी होती है. ये लड़की माया मेनन के घर पर खाना बनाती है. सभी के संबंध काफी अच्छे है. लेकिन रुकसाना की बेटी का ये एक्सीडेंट माया की जिंदगी को उथल पुथल से भर देता है.
जलसा में क्या है खास
विद्या बालन और शेफाली शाह ने इस फिल्म में जबरदस्त एक्टिंग की है. दोनों के डायलॉग, फेस के एक्सप्रेशन, बॉडी पोस्चर मास्टरक्लास प्रदर्शित कर रहे हैं. रोहिणी हट्टंगड़ी, इकबाल खान और टाई के बाकी सपोर्टिंग कास्ट भी अच्छा काम करते हैं. फिल्म के कलाकार दर्शकों को 126 मिनट तक बांधे रखने में कामयाब हो गए. वहीं बात करे विद्या बालन की तो उन्होंने हमेशा की तरह, बेहतरीन अदाकारी का नमूना पेश किया है. उनकी यह छवि दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ जाती है. एक पत्रकार की भूमिका में विद्या बालन ने कमाल की एक्टिंग की है. उनकी बोल्डनेस ने हर किसी को हैरान किया है. वहीं दूसरी ओर मेड के किरदार के साथ ही एक मां की भावनाओं को भी शेफाली ने बखूबी तरह से पर्दे पर उतारा है. फिल्म देखने के बाद ये कहना भी गलत नहीं होगा कि शेफाली शाह, विद्या के भी आगे निकल गई हैं.
जलसा में क्या नहीं है
जलसा का ट्रेलर बेहद भ्रामक है, जिससे यह आभास होता है कि वे एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर देखने वाले हैं, जबकि फिल्म एक अस्पष्ट मानवीय ड्रामा है. कई बार यह फिल्म, बहुत धीमी हो जाती है, जबकि कहानी कई असमान धक्कों से टकराती है. फिल्म का अंत बताता है कि जिंदगी हमेशा हमें ऑप्शन देती है, हम क्या चुनते हैं, ये हम पर निर्भर करता है. इस ही सोच के साथ फिल्म हमें सोचने पर मजबूर कर देती है. विद्या बालन और शेफाली शाह “अभिनय के बिना अभिनय की कला” में एक मास्टरक्लास प्रदान करते हैं, जिससे जलसा के असमान क्रीज और पेसिंग मुद्दों को काफी हद तक दूर करने में मदद मिलती है.
इन फिल्मों में किया है काम
विद्या बालन ने बॉलीवुड में 2010 के बाद से महिला केंद्रित फिल्मों पर ही ज्यादा काम किया है. इनमें ‘द डर्टी पिक्चर’, ‘कहानी’, ‘इश्किया’, ‘नो वन किल्ड जेसिका’, ‘तुम्हारी सुलु’ शामिल है. इसी तरह, शेफाली शाह ने दिल धड़कने दो, दिल्ली क्राइम, ह्यूमन जैसे फिल्मों में काम किया है.