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Exclusive: ठगी के नये तरीकों और पुरानी दुश्मनी से सजी है ‘जामताड़ा 2’, सनी और रॉकी ने कही बड़ी बात

जामताड़ा 2' नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है. इसमें स्पर्श श्रीवास्तव और अंशुमान पुष्कर के अलावा अमित स्याल, सीमा पहवा, रवि चहल और मोनिका पवार अहम भूमिकाओं में हैं. इस वेब सीरीज को राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त सौमेंद्र पढ़ी ने निर्देशित किया है और तृषांत श्रीवास्तव ने लिखा है.

‘जामताड़ा 2 सबका नंबर आयेगा….’ अपने पहले सीजन में धूम मचाने के बाद वेब सीरीज ‘जामताड़ा सीजन 2’ नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम कर रही है. इस नये सीजन में भी मंडल ब्रदर्स यानी सनी और रॉकी (स्पर्श श्रीवास्तव और अंशुमान पुष्कर) कहानी की अहम धुरी हैं, जो एक बार से साइबर अपराध को नये तरीके से अंजाम देते दिख रहे हैं. इस सीरीज में नये चेहरों की बेहतरीन अदाकारी ने सबको अपना दीवाना बना लिया है. दोनों कलाकारों से बातचीत के प्रमुख अंश.

जामताड़ा का दूसरा सीजन आने में ढाई साल का लंबा वक्त लग गया?

स्पर्श श्रीवास्तव : लॉकडाउन ने हमें कुछ समय के लिए दूर कर दिया था, मगर जामताड़ा की पूरी टीम साथ में ही थी. हम साथ में पार्टी कर रहे हैं, क्रिकेट खेल रहे हैं, तो जामताड़ा हमारे जीवन से कभी गया ही नहीं. वैसे हमसे ज्यादा हमारे दर्शक इसके नये सीजन को लेकर उत्साहित हैं कि अब क्या होगा सनी और रॉकी के साथ? उम्मीद है कि नया सीजन दर्शकों को और पसंद आयेगा.

अंशुमान पुष्कर : सभी को पता है कि दूसरे सीजन में जो गैप आया है, वो कोविड की वजह से. हम भी चाहते थे कि जल्द-से-जल्द दूसरा सीजन आये. पहले सीजन की सफलता ने हमें बहुत कुछ दिया. हम चाहते थे कि उसको और बड़ा करें. यह वक्त मुश्किल भरा था. वैसे इंतजार जितना लंबा होता है, मिलने की खुशी उतनी ही ज्यादा होती है.

बीते सीजन में आप अंडर डॉग थे, इस बार अचीवर. एक बार फिर से उसी किरदार में जाना कितना मुश्किल था?

स्पर्श : मैं प्रेशर एकदम नहीं लेता हूं. जब आप प्रेशर लेते हैं, तो आप खराब परफॉर्म करने लगते हैं. निर्देशक सौमेंद्र सर ने मुझे परफॉर्म करने के लिए पूरा प्लेग्राउंड दिया था कि आप गलत कीजिए कोई नहीं, फिर हम सही कर लेंगे. हां, जब तक वे राइट टेक नहीं पा लेते हैं, तब तक चैन से बैठते नहीं हैं. पिछले सीजन में मुझे गोली लगी थी, जिस वजह से इस सीजन चल नहीं पा रहा हूं, तो डॉक्टर्स तक की सलाह ली. वीडियो फुटेज भी देखा, तब चलने की कोशिश की है. इस शो का रिसर्च वर्क कमाल का है. बहुत डिटेलिंग के साथ काम होता है. इसमें सनी का किरदार पिछले सीजन के मुकाबले एकदम अलग है. इस सीजन में कई लेयर्स आ गये हैं.

अंशुमान : सौमेंद्र सर (निर्देशक) के साथ कुछ भी आसान नहीं हो सकता है. वह बहुत सख्त टीचर हैं. आप अगर 98 नंबर भी लाते हैं, तो वे यही पूछेंगे कि मेरे दो नंबर कहां हैं? 100 नंबर से नीचे वे नहीं मानेंगे. (हंसते हुए) 100 नंबर लाने पर भी वह कह सकते हैं कि कहां आपके अतिरिक्त 10 प्रतिशत. वैसे जिंदगी में कभी मैं फर्स्ट बेंचर नहीं रहा हूं, लेकिन इस बार यह दबाव महसूस हो रहा है ,क्योंकि मोनिका और स्पर्श फर्स्ट बेंच पर पहले सीजन में ही आ चुके थे और मैं सेकेंड बेंच पर ही था. मैंने भी इस बार फर्स्ट बेंच पर आने की कोशिश की है. इसके लिए कड़ी मेहनत की है.

जामताड़ा में आपके लिए सबसे मुश्किल सीन क्या रहा?

स्पर्श : फर्स्ट सीजन के बारे में बात करूं, तो सबसे मुश्किल वह सीन था, जहां मैं मोनिका को कन्फेस करता हूं कि ‘मैंने तेरे भाई को नहीं मारा है’. गन्ने के खेत में उसकी शूटिंग हुई थी. मुझे याद है कि मोनिका ने मुझे कुछ बातें बोली थीं, जिसने उस सीन को करने में मेरी बहुत मदद की. मैं उस सीन को करते हुए नर्वस था. मुझे पहले से ही मालूम था कि यह सीन मुश्किल होगा, लेकिन हमने तीन टेक में उस सीन को कर लिया. सीजन 2 में ऐसे ढेरों सीन हैं, क्योंकि बहुत ड्रामा है.

अंशुमान : मेरे और रिंकू के बीच में इस सीजन में एक सीन है, जिसे करने में ढाई दिन लगा. ढाई दिन में अगर तीन मिनट का सीन शूट हो रहा है, तो आप समझ सकते हैं कि किस परफेक्शन की तलाश इस सीरीज के टीम को थी. जबकि फर्स्ट सीजन में जो हमारे ग्रुप सीन थे, वो आसानी से हो गये थे, कहीं भी हम फंसे नहीं.

आपदोनों का किरदार शो में बहुत ग्रे है. अक्सर कहा जाता है कि ऐसे शोज से युवाओं में गलत संदेश जाता है?

स्पर्श : मुझे लगता है कि हमलोग लोगों को सीखा रहे हैं कि आपकी जिंदगी में जो गलत हो रहा है, उससे बचो.

अंशुमान : देखिए, कहानी रखने के लिए किसी ना किसी चीज को ग्लैमराइज ही किया जायेगा. हम डॉक्युमेंट्री तो बना नहीं रहे हैं, इस वजह से डार्क और ग्रे चीजों को भी इस तरह से रखते हैं, ताकि एंटरटेनमेंट बना रहे. इसका मतलब ये कहीं नहीं है कि हम लोगों को कह रहे हैं कि आप वह किरदार बन जायें. मुझे लगता है कि ये शो कहता है कि आपको ऐसा नहीं बनना है. जो भी समझदार बंदा है, वो इसे समझ सकता है.

निजी जिंदगी में आप कभी ठगी का शिकार हुए हैं?

स्पर्श : मैं ठगा तो नहीं गया (हंसते हुए), लेकिन अब हम इतने प्रशिक्षित हो गये हैं कि लोगों को ठग लें! वैसे ये हकीकत है कि जैसे-जैसे पुलिस स्मार्ट हो रही है, वैसे-वैसे अपराधी भी स्मार्ट हो रहे हैं. इसकी कोई गारंटी नहीं है कि आप आगे ठगे नहीं जाओगे.

अंशुमान : मैं एक बार ठगी का शिकार हुआ हूं, लेकिन इस तरह की ठगी का नहीं. इस सीरीज ने हमें अच्छी तरह पढ़ा दिया है कि ‘बेटा इस तरह से बेवकूफ नहीं बनना है’.

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