Janhvi kapoor: डायरेक्टर सुधांशु सरिया ने जाह्नवी की डेडिकेशन की तारीफ की, कहा…

सुधांशु सरिया ने जाह्नवी कपूर की मेहनत और डेडिकेशन की तारीफ की. उन्होंने बताया कि जाह्नवी हर लाइन में गहराई से जाती हैं और हर आइडिया को चुनौती देती हैं. और वह केवल ऑडियंस, फिल्म और कैरेक्टर के बारे में सोचती हैं.

By Sahil Sharma | August 8, 2024 7:59 PM

फिल्म ‘उलझ’ की चर्चा

Janhvi kapoor: बॉलीवुड एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर की फिल्म ‘उलझ’ हाल ही में रिलीज हुई है. इसमें जाह्नवी ने लीड रोल निभाया है और इसे सुधांशु सरिया ने डायरेक्ट किया है. सुधांशु ने नवभारत टाइम्स से बातचीत में जाह्नवी की खूब तारीफ की.

सुधांशु सरिया की तारीफ

सुधांशु सरिया ने कहा, “मैंने जाह्नवी (कपूर) से ज्यादा मेहनती एक्टर कभी नहीं देखा. वह हर काम को बहुत ईमानदारी और डेडिकेशन से करती हैं, जो वाकई काबिल-ए-तारीफ है.” सुधांशु ने सीरीज ‘बिग गर्ल्स डोंट क्राई’ और फिल्मों ‘लव’ और ‘सना’ को भी डायरेक्ट किया है. जाह्नवी उनकी नई फिल्म ‘उलझ’ की हीरोइन हैं. सुधांशु के मुताबिक, जाह्नवी ने सिर्फ एक्टर की भूमिका नहीं निभाई बल्कि उनकी पार्टनर भी रहीं.

Janhvi kapoor

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जाह्नवी की क्यूरोसिटी

सुधांशु ने बताया, “अगर सेट पर डेमोक्रेटिक माहौल बनाया जाए, जैसा कि मैंने कोशिश की, तो जाह्नवी हर चीज पर सवाल करती हैं. वह हर लाइन में गहराई में जाती हैं, हर आइडिया को चुनौती देती हैं, हर मुद्दे पर सवाल करती हैं कि इसे इस तरह क्यों नहीं किया जाए. उनके इरादे हमेशा सही होते हैं. वह केवल ऑडियंस, फिल्म और कैरेक्टर के बारे में सोचती हैं.”

वोमेन सेंटेरिक स्टोरीज

सुधांशु की पिछली वेब सीरीज ‘बिग गर्ल्स डोंट क्राई’ और फिल्म ‘सना’ भी वोमेन सेंटेरिक प्रोजेक्ट रहे है . ‘उलझ’ में भी हीरोइन सेंट्रल रोल में है. सुधांशु ने कहा, एक वोमेन के पॉइंट आफ व्यू एसई स्टोरी बताना बेहद जरूरी है . हालांकि, मैं मानता हू कि सबसे महत्वपूर्ण चीज है कि आप फिल्म को पूरी ईमानदारी से बनाएं.

 महिला किरदारों की अनोखी पहचान

सुधांशु ने कहा, “मेरे लिए कोई भी किरदार उसके जेंडर से बहुत बड़ा होता है. उसकी पहचान केवल उसके जेंडर से नहीं होती. उसके किरदार में दस और चीजें होती हैं, जिन्हें मैं ला सकता हू ” सुधांशु ने आगे कहा कि जहा महिला दृष्टिकोण महत्वपूर्ण था, वहा जाह्नवी ने बहुत मदद की.

महिलाओं पर आधारित कहानियों की जरूरत

सुधांशु ने कहा, “मुझे लगता है कि ऑडियंस पुरानी क्लिशे फिल्मों से बोर हो चुकी है. उनके जेंडर के प्रति पॉइंट आफ व्यू  भी बदल चुका है. आज, जिस तरह से महिलाएं हर फील्ड में अच्छा प्रदर्शन कर रही है, उसे दिखाना हमारा फर्ज है.”

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