janmashtami : राधाकृष्ण फेम सिद्धार्थ तिवारी ने जन्माष्टमी पर लांच किया ए आई टेक्नोलॉजी से बना कृष्ण भजन 

राधाकृष्ण शो के मेकर सिद्धार्थ कुमार तिवारी ने इस इंटरव्यू में बताया कि ए आई से बने भगवान कृष्ण के इस मोहक रूप को वह आगे भी स्वस्तिक के आध्यात्मिक म्यूजिक वीडियो में दर्शाएंगे 

By Urmila Kori | August 26, 2024 9:34 PM

janmashtami :छोटे परदे पर राधाकृष्ण शो अपने अनूठे कंटेंट और कलाकारों के अभिनय की वजह से आज भी दर्शकों के जेहन में रचा बसा है.इस शो को छोटे परदे पर साकार निर्माता, लेखक और निर्देशक सिद्धार्थ कुमार तिवारी ने किया था. जन्माष्टमी के खास मौके पर एक बार फिर उन्होंने भगवान कृष्ण के प्रति अपनी आस्था को गीत अच्युतम केशवम के ज़रिये दर्शाया है.इस पारंपरिक भक्तिमय गीत को उन्होंने ए आई की मदद से विजुवली क्रिएट किया है. उनके इस म्यूजिक वीडियो, शो श्रीमद रामायण पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत

एआई का इस्तेमाल इस म्यूजिक वीडियो की है खासियत

जैसे की सभी जानते हैं कि टेलीविज़न पर माइथोलॉजी शोज की मेरी लम्बी फेहरिश्त है, जो लोग मुझे जानते हैं। वे इस बात से परिचित हैं कि मैं हमेशा अलग तरह से मौजूदा दौर को ध्यान में  रखते हुए कहानियों को कहता हूँ, तो मैंने म्यूजिक वीडियो में भी इस बात को लाया है.इस गीत के कंपोजर और सिंगर हर्षित सक्सेना है लेकिन ए आई के ज़रिये हमने भगवान कृष्ण और इस गाने में उनकी दुनिया को रची है,जो इस गाने को यूथ के साथ जोड़ देता है.ए आई से क्रिएट कृष्ण के इस रूप को हम आगे भी बढ़ाएंगे.

स्वास्तिक प्रोडक्शन हाउस का फोकस अध्यात्म पर होगा

जन्माष्टमी शुरुआत है.स्वास्तिक प्रोडक्शन हाउस आगे भी भक्तिमय गानों को लाता रहेगा. स्वास्तिक की जर्नी  अभी तक बहुत अच्छी रही है. अब हम ज्यादा से ज्यादा अध्यात्म पर ही हमारा फोकस रहेगा. इसमें जितनी भी चीज आती है चाहे आयुर्वेद,वेदों सभी चीजों को स्वास्तिक लेकर आएगा.मेडिटेशन साथ म्यूजिक भी आएगा.वेदों में लिखा हुआ किस तरह का खाना खाना चाहिए.सिर्फ म्यूजिक ही नहीं बल्कि हम यह भी बता रहे हैं कि  जन्माष्टमी क्यों सेलिब्रेट किया जाना चाहिए. पूजा किस तरह से की जानी चाहिए. पूजा में भगवान को किस तरह के कपड़े पहनना चाहिए. क्या भोग लगाना चाहिए.

दीपिका चिखलिया जी की बात से सहमत नहीं हूँ
 सोनी सब पर इनदिनों मेरा शो श्रीमद रामायण टेलीकास्ट हो रहा है.अभिनेत्री  चिखलिया जी का कहना है कि देश में रामायण पर कहानियां बननी बंद हो जानी चाहिए।मैं इस बात को नहीं मानता हूँ. हमारे देश में हर 10 साल में एक पीढ़ी बदलती है. मुझे लगता है कि  जनरेशन बदलता है तो सोच भी बदलती है. आज से 20 साल पहले जैसे मेरे पिता और मेरे बीच में रिश्ता था वैसा मेरा और मेरे बेटे के बीच में नहीं है. रिश्ते का बेस वही है लेकिन उसका एक्सप्रेशन बदल चुका है.  पुरानी रामायण के साथ मेरी बहुत अच्छी मेमोरी है. महाभारत खत्म होने के बाद ही मेरे जेहन में चल रहा था कि काश में रामायण की कहानी भी एक नए तरीके से लोगों तक कह पाऊं. इस देश में रामायण और महाभारत दोनों ही कहानी कहने का मौका किसी एक को कभी नहीं मिला है. बस ऐसे ही थॉट आ गया था. यह वाली बात नहीं थी. मैं कई सालों से किताबें पढ़ रहा हूं. इसके साथ ही मैं आज के दर्शकों के लिए रामायण बना रहा हूं तो उसकी दुनिया क्या होगी क्या बात सामने आनी चाहिए. उसकी विजुअल प्रेजेंटेशन क्या होना चाहिए. उसके गाने कैसे होनी चाहिए.यह सब मेरे जेहन में चलता रहता है.

इस वजह से सोनी से सबटीवी पर हुआ शिफ्ट

मैंने महाभारत की  कहानी लिमिटेड एपिसोड में कही थी और मैं रामायण की कहानी भी लिमिटेड एपिसोड में ही कहना चाहता था. राम के वन आने के बाद राज्याभिषेक के साथ में कहानी खत्म करने वाला था,लेकिन कहानी लिखते -लिखते मैंने महसूस किया कि इसके बाद तो असल कहानी शुरू होती है. राम राजा बनते हैं.राम राज्य की शुरुआत होती है. राम और सीता का रिश्ता. मुझे लगा कि यह चीजें मौजूदा दौर के हिसाब से सामने ला सकते हैं.कहानी को आगे बढ़ने का सोच के साथ  मैं सोनी के पास गया लेकिन उन्होंने कहा कि इस स्लॉट में हर साल केबीसी आता है. मुझे सोनी सब पर श्रीमद रामायण को लाने को कहा. मैं राजी हो गया. कहानी कहना चाहता हूं मेरे लिए माध्यम ज्यादा मायने नहीं रखता है. 

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