Jhalak Dikhhla Jaa 11: झलक की ट्रॉफी लेकर बिहार जाना ही है- मनीषा रानी
Jhalak Dikhhla Jaa 11: डांस रियलिटी शो झलक दिखला जा 11 की ट्रॉफी मनीषा रानी ने अपने नाम कर ली है. अपने डांस परफॉरमेंस से मनीषा ने सबका दिल जीत लिया.
Jhalak Dikhhla Jaa 11: डांस रियलिटी शो झलक दिखला जा 11 की ट्रॉफी मनीषा रानी ने अपने नाम कर ली है. इस डांसिंग रियलिटी शो से मनीषा रानी की एंट्री वाइल्ड कार्ड प्रतियोगी के तौर पर हुई थी, लेकिन उन्होंने एक के बाद एक यादगार डांस परफॉरमेंस देकर जजेस के साथ – साथ दर्शकों का भी दिल जीत लिया. इस शो से जुड़ी उनकी जर्नी और संघर्ष पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत.
शो में जब वाइल्ड कार्ड में जुड़ी तो यकीन था कि आपकी शो की विनर बन जाएंगी?
उस वक्त तो विनर बनने तक का नहीं सोचे थे. मुझे पता था कि सब बड़े डांसर आए हुए हैं. ये लोग शुरुआत से कर रहे हैं. बहुत सारे प्रोफेशनल डांसर भी थे. मेरा थोड़ा था कि चलो फिनाले तक तो चल जाएंगे. जैसे – जैसे शो में आगे बढ़ते गए.य मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ता गया. परफॉरमेंस अच्छा देने लगे. आखिर के कुछ हफ्तों में लगने लगा कि हम जीत भी सकते हैं, अगर ऐसे ही परफॉर्म करते रहे तो.
आप अपने जीत की अहम यूएसपी क्या कहेंगी, डांस के साथ साथ आप शो का एक अहम एंटरटेनमेंट फैक्टर भी थी?
मुझे अभी भी याद है, जब हम वाइल्ड कार्ड में गए थे. उस वक्त हम इतना बोले थे कि सब लोग खूब हंसे थे. फराह मैम ने उस वक्त कहा कि इतना अच्छा बोलती हो. उसका 50 परसेंट भी डांस कर लोगी, तो बहुत होगा. उस वक्त हम थोड़ा डर गए थे, कितना भी हो ये डांसिंग का शो है. हम बातों से इंटरटेन करते हैं, तो वही जब हम हर हफ्ता अपना एफर्ट डालके डांस करने लगे क्योंकि हमको अंदर से ये था कि हम जीते तो हमको ये नहीं सुनना था कि ये जीत की हकदार नहीं थी. ये सिर्फ इंटरटेन करके जीती. आखिर ये है तो डांसिंग शो. मेरा तबीयत ठीक नहीं था. बुखार आया तो कई बार दर्द भी खूब हुआ. हम बाम लगाकर डांस करते थे, लेकिन अपना बेस्ट परफॉर्म करते थे.
कितने घंटे आपको रिहर्सल के लिए देने पड़ते थे?
हर हफ्ते हमको चार से पांच दिन एक डांस परफॉरमेंस के लिए देने पड़ते थे. दस से बारह घंटे तो हर दिन प्रैक्टिस करना ही पड़ता था. परफॉरमेंस के दो दिन पहले 14 घंटे प्रैक्टिस में चले जाते हैं.
सबसे मुश्किल कौन सा परफॉरमेंस था?
सबसे टफ जब हम ओडीसी डांस किए, वो ऐसा डांस फॉर्म है, जिसको सीखने के लिए सात से दस साल लगता है, लेकिन मुझे 5 दिनों की तैयारी के बाद उसे करना था, तो बहुत मेहनत किताब था.
क्या कभी शो मस्ट गो ऑन वाला मामला भी हुआ था?
दर्द से तो पूरे समय परेशान रही थी, लेकिन शो मस्ट गो ऑन ये तब हुआ था जब मेरा रोबोटिक परफॉरमेंस होने वाला था. उस वक्त हमको फ़ूड पॉइजन हो गया था, तो हम हॉस्पिटलाइज्ड भी हुए थे. डॉक्टर्स ने 24 घंटे के लिए एडमिट होने को कहा था, लेकिन हम. रात में ही घर आ गए. मेरा था कि रात को नहीं गए तो सुबह प्रैक्टिस में कैसे जाएंगे. आप किसी शो में जाकर अपना हेल्थ इश्यू नहीं बता सकते हैं क्योंकि सबके साथ परेशानी है. धनश्री को भी घुटने की परेशानी थी, तो हम जजेस के पास एक्सक्यूज नहीं रख सकते थे. इतना ही परेशानी था तो शो में हम क्यों गए. मेरा ये मानना है, इसलिए अपनी परेशानी को मैंने अपने तक रखा. उसे स्टेज पर जाने नहीं दिया. यही वजह थी कि हम पूरे समय शो में उसी स्माइल और मस्ती के साथ सेट पर नजर आते थे.
इस शो से जुड़े शोएब टीवी का बड़ा नाम है, धनश्री की अपनी फैन फॉलोइंग है, ऐसे में इन्हे पीछे करके आपका ट्रॉफी जीतना क्या आपकी जीत को और खास बना गया है?
यह बात साबित हो गयी कि आम जनता रियल बॉस है. राजा का बेटा हमेशा राजा नहीं बनता है. अब वो राजा बनता है, जिसको जनता बनाना चाहती है, तो कहीं ना कहीं इस बार जनता ने साबित कर दिया है कि चाहे सामने कोई सेलेब्स हो या नॉर्मल इंसान हो. उसको क्या पसंद आ रहा है. उसके लिए वो मायने रखता है. मैं इस बात को स्वीकार करूंगी कि एक टाइम मुझे भी लग रहा था कि हां मेरे सपोर्ट में कुछ लोग थे, लेकिन जब मैंने देखा बड़े – बड़े बहुत से लोगों ने दूसरे प्रतियोगियों का स्टेटस लगाया देखा था, तो मुझे एक पल को लगा कि यार इनको तो बहुत बड़े – बड़े लोग सपोर्ट कर रहे हैं. मेरे साथ तो इतने बड़े नाम सपोर्ट में है भी नहीं, लेकिन अपने फैन्स पर फिर भरोसा आ जाता कि ये लोग मुझे हारने नहीं देंगे और वैसे ही हुआ.
जीती हुई कार और पैसे को किस तरह से इन्वेस्ट करने वाली है?
कार नहीं मिला है. हमको भी लगा था कि कार मिलेगा इसलिए पापा को उसे गिफ्ट करने का प्रॉमिस भी कर दिए थे. बहुत बड़ा धक्का लगा इस बात का. खैर वैसे मेरे पास एक कार है. झलक दिखला जा इस साल दुबई के यस द्वीप में भेज रहे हैं. जीती हुई धनराशि की जहां तक बात है, बिहार में एक प्रॉपर्टी ली है, तो उसमे पैसे देने है.
जीत को किस तरह स्वागत सेलिब्रेट करने वाली है?
बस मेरा ख्वाहिश है कि हम बच्चे लोग में खाना वाना बांटे. हमको पार्टी वार्टी में पैसा खर्च करना पसंद नहीं है. पीने वीने में जाता है, तो और अखरता है. इससे अच्छा उस पैसे से किसी की मदद कर दो. जिनको जरूरत है, उनके साथ सेलिब्रेट करो. मेरे लिए पार्टी का वही मतलब है.
आगे की करियर की क्या प्लानिंग है?
एक्टिंग पर फोकस करना है. मेरा डिक्शन का डि बहुत डोला हुआ है, तो हम उसपर काम करना चाहेंगे ताकि हम हर तरह के किरदार कर सकें. बॉलीवुड में भी काम करना चाहते हैं.
बिहार से कितना जुड़ाव रख पाती है?
साल में एक बार तो जरूर जाते हैं. पटना से पांच घंटा दूर है. तो थोड़ा दिक्कत होता है. पटना में होते तो दस बार आना जाना कर लेते हैं क्योंकि फ्लाइट लेना है और पहुंच जाना है. वैसे अपने घरवालों को भी बुला लेती हूं. बिग बॉस के बाद गए थे, इस बार तो झलक की ट्रॉफी जीत ली है, तो ट्रॉफी के साथ बिहार जाना ही है.
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