Exclusive: साउथ की तरह हमें भी अपनी संस्कृति से जुड़े रहना है, तभी झारखंड की पहचान बचेगी: अंशु शिखा लकड़ा
अंशु शिखा लकड़ा पिछले काफी समय से झॉलीवुड में सक्रिय हैं. वह कहती हैं कि झारखंड का संगीत कानों को सुकून देने वाला है. रैप सांग भी झॉलीवुड में बनने लगे हैं. सादरी, कुड़ुख और मुंडारी में भी रैप बन रहे हैं. इसमें समय के अनुसार बदलाव होता रहा है, जो अच्छा संकेत है.
झारखंड स्थापना दिवस 15 नवंबर को मनाया जा रहा है. इसी दिन बिहार से अलग होकर झारखंड अस्तित्व में आया था. खनिज संपदा से परिपूर्ण इस राज्य में कई पर्यटन स्थल हैं. प्रकृति ने झारखंड को जो नेमत दी है, फिल्म मेकर्स को हमेशा से उसकी तलाश रहती है. फिल्म जगत के लोगों को जंगल, पहाड़ और झरना हमेशा से आकर्षित करते रहे हैं. झारखंड में इसकी भरमार है.
झॉलीवुड में देखे गये हैं कई बदलाव
झारखंड में कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. राज्य का अपना क्षेत्रीय सिनेमा उद्योग भी है, जिसे झॉलीवुड इंडस्ट्री कहा जाता है. इसमें भी समय के साथ-साथ काफी बदलाव देखा गया है. इस इंडस्ट्री के बारे में झारखंड की आदिवासी मॉडल और एक्ट्रेस अंशु शिखा लकड़ा कहती हैं कि समय के साथ हमने कदम से कदम मिलाना सीख लिया है.
कानों को सुकून देता है झारखंड का संगीत
अंशु शिखा लकड़ा पिछले काफी समय से झॉलीवुड में सक्रिय हैं. वह कहती हैं कि झारखंड का संगीत कानों को सुकून देने वाला है. रैप सांग भी झॉलीवुड में बनने लगे हैं. सादरी, कुड़ुख और मुंडारी में भी रैप बन रहे हैं. इसमें समय के अनुसार बदलाव होता रहा है, जो अच्छा संकेत है. अपनी संस्कृति को दर्शाने वाले गाने भी बन रहे हैं. युवा यहां की कई भाषाओं में गीत लिख रहे हैं, अलबम बना रहे हैं. इससे युवा अपनी भाषा से जुड़ रहे हैं. अपनी जड़ों से जुड़ रहे हैं.
यूट्यूब ने सभी को दिया है बेहतरीन मंच
झारखंड की फिल्म इंडस्ट्री की कमी के बारे में पूछने पर अंशु शिखा लकड़ा कहती हैं कि यूट्यूब ने सभी को एक बेहतरीन मंच दिया है. लेकिन, किसी भी विषय पर काम करने से पहले उसके बारे में जानकारी लेनी चाहिए. अभी ऐसा भी देखा जा रहा है कि मंच मिला है, तो कुछ भी परोस दिया जा रहा है. इस पर कंट्रोल करने की जरूरत है. आपको ध्यान रखना चाहिए कि आप जो कुछ भी कर रहे हैं, उसे पूरी दुनिया देखती है. तब वह आपका आकलन करती है. इसी के आधार पर आपकी इंडस्ट्री का भी आकलन होता है.
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झारखंड में फिल्म सिटी बने तो बेहतर
अंशु शिखा लकड़ा कहती हैं कि ऐसा कहा जा रहा था कि अपने झारखंड में फिल्म सिटी बनने जा रही है. अगर ऐसा होता है, तो यह बेहतर होगा. हमें अपनी संस्कृति से जुड़े रहना है. साथ ही नये कॉन्सेप्ट और थीम पर काम करना है. स्थानीय लोगों को इसको प्रमोट करना चाहिए. साउथ में हर तरह की फिल्में बनती हैं, लेकिन वे अपनी जमीन से जुड़े रहते हैं. हमलोगों को भी कुछ ऐसा करना चाहिए, लेकिन किसी की नकल किये बिना.