-फिल्म लाडो को सिल्वर व लाल बत्ती को ब्रांज मेडल
रांची: झारखंड केंद्रीय विवि मास कम्यूनिकेशन, यूनिसेफ, प्रभात खबर व फिल्म सोसाइटी इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में झारखंड चिल्ड्रेन फिल्म फेस्टिवल पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का मंगलवार को समापन हो गया. समापन सत्र में ऑल इंडिया शॉर्ट फिल्म प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. स्वर्ण पदक ‘चिरैया चाहे आसमान’ के निर्माता मनन कथूरिया (एमिटी स्कूल ऑफ कम्यूनिकेशन, नोएडा) को मिला. रजत पुरस्कार ‘लाडो’ के निर्माता मो सोनू (माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल) और कांस्य पुरस्कार ‘लाल बत्ती’ के निर्माता सलोनी शर्मा (माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल) को मिला.
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दूसरे व अंतिम दिन फिल्म विशेषज्ञों शिल्पा रानाडे, बटुल मुख्तियार, श्री प्रकाश और पत्रकार विनय भूषण के साथ पैनल परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसका विषय भारतीय सिनेमा में बच्चों की भागीदारी एवं प्रतिनिधित्व था. मौके पर फिल्म निर्देशक शिल्पा रानाडे की एनिमेटेड फिल्म ‘गोपी गवैया बाघा बजैया’ की प्रदर्शनी हुई. शिल्पा रानाडे के साथ एनीमेशन, देशज कला और बाल सिनेमा पर कार्यशाला में सहभागिता कर रहे प्रतिभागियों के बीच भी परिचर्चा का आयोजन किया गया. सांत्वना पुरस्कार मैं सिखा के निर्माता नीतीश भारद्वाज (हिमाचल केंद्रीय विवि), वजह एक छिने अनेक के निर्माता प्रियंका जैन (एमिटी स्कूल ऑफ कम्यूनिकेशन, नोएडा) और वैदेही के निर्माता प्रभाकर मनी (झारखंड केंद्रीय विवि) को मिला. इस अवसर पर विजेताओं की फिल्में भी दिखायी गयीं.
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कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को अंत में भागीदारी प्रमाण पत्र दिया गया. मास कम्यूनिकेशन विभाग के अध्यक्ष डॉ देवव्रत सिंह व समन्वयक डॉ सुदर्शन यादव ने भी अपने विचार व्यक्त किये. उन्होंने कहा कि फिल्में बच्चों के मानसिक विकास के लिए एक उत्तम माध्यम है. इससे बच्चों की रचनात्मक क्षमता में भी वृद्धि होती है. कार्यक्रम में मोइरा दावा, मधुलिका जोनाथन, नारायण पशुराम, डॉ करुणा शर्मा, मनोज कुमार, विवि के शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित थे. फिल्म फेस्टिवल के समन्वयक डॉ सुदर्शन यादव ने सभी को धन्यवाद दिया.
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यहां प्रतिभा बहुत है, उसे पुष्पित करने की जरूरत
यूनिसेफ की झारखंड चीफ डॉ मधुलिका जोनाथन ने कहा कि विश्व बाल अधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित यह चिल्ड्रेंस फिल्म फेस्टिवल अपने उद्देश्य में सफल रहा है. पत्रकार विनय भूषण ने कहा कि यूनिसेफ व केंद्रीय विवि ने दो दिवसीय फिल्म फेस्टिवल के माध्यम से जो पौधा लगाया है, उसका लाभ अवश्य मिलेगा. यहां प्रतिभा बहुत है, उसे पुष्पित और पल्लवित करने की जरूरत है. मौका मिले तो निश्चित ही अच्छा कर सकते हैं. इस दौरान विवि के एकेडमिक डीन मनोज कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये. संचालन निशांत कुमार व पूजा कुमारी ने किया. मौके पर कई अतिथियों को भी सम्मानित किया गया. इस फेस्टिवल में ओरमांझी, नगड़ी, कांके व नामकुम प्रखंड सहित अन्य जगहों के विभिन्न स्कूलों के बाल पत्रकार व अन्य बच्चे शामिल हुए. उन्होंने बाल फिल्मों का आनंद उठाया साथ ही थिएटर आर्टिस्ट जितेंद्र वढ़ेर से नाटक व सेल्फ एक्सप्रेशन भी सीखा.
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11 राज्यों से 41 इंट्री आयी थी : फिल्म फेस्टिवल में शॉर्ट फिल्म मेकिंग कांटेस्ट 2018 के लिए 11 राज्यों से 41 इंट्री आयी थी. गोल्डेन यूथ फॉर चाइल्ड राइट अवार्ड के विजेता को 15 हजार नकद व यूनिसेफ का सर्टिफिकेट दिया गया. वहीं, सिल्वर यूथ फॉर चाइल्ड राइट्स के विजेता को 12 हजार नकद व यूनिसेफ का सर्टिफिकेट, ब्रांज यूथ फॉर चाइल्ड राइट्स अवार्ड के विजेता को 10 हजार नकद व यूनिसेफ का सर्टिफिकेट दिया गया.