फिल्म देखने के बाद समीक्षकों ने कहा, इंटरनेशनल लेवल की फिल्म है धुमकुड़िया
रांची: धुमकुड़िया झारखंड की पहली फीचर फिल्म है जो इंटरनेशनल लेवल की बनी है. दिल दहला देने वाली कहानी है. विश्व की महान सिनेमाओं में डॉयलॉग की जरूरत नहीं होती. इस फिल्म में कई बार संवाद की जरूरत नहीं है आप सिर्फ दृश्यों से फिल्म की भावनाएं समझ सकते हैं. फिल्म देखने के बाद यह […]
रांची: धुमकुड़िया झारखंड की पहली फीचर फिल्म है जो इंटरनेशनल लेवल की बनी है. दिल दहला देने वाली कहानी है. विश्व की महान सिनेमाओं में डॉयलॉग की जरूरत नहीं होती. इस फिल्म में कई बार संवाद की जरूरत नहीं है आप सिर्फ दृश्यों से फिल्म की भावनाएं समझ सकते हैं. फिल्म देखने के बाद यह प्रतिक्रिया दी है, जनसत्ता और द इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप से जुड़े अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फिल्म समीक्षक थिएटर और संस्कृति से जुड़े अजीत कुमार राय ने.
फिल्म देखने के बाद प्रभात खबर दिल्ली के प्रकाश के रे ने कहा, फिल्म की कहानी शानदार है. फिल्म में जिस तकनीक का इस्तेमाल किया गया. जिस लेवल का संगीत और जिस स्तर की तकनीक इस्तेमाल की गयी है कमाल की है. मुझे उम्मीद है इस फिल्म के बाद कई और फिल्ममेकर भी इस दिशा में काम करेंगे.
अभिनेता राकेश जैश ने फिल्म के व्यापार और भविष्य से जुड़े सवालों पर कहा, हम सिर्फ व्यापार की चिंता करेंगे या समाज को अच्छी फिल्म का मतलब भी बतायेंगे. राकेश ने भोजपुरी फिल्मों का उदाहरण देते हुए कहा, आप देख लीजिए ज्यादातर कहानियां वही, दोनाली बंदूक चल रही है, डिकचिक, डिकचिक गाने हैं और फिल्म खत्म हो गयी. हमें झारखंड में असल फिल्म का उदाहरण देना है. हम मनोरंजन के साथ- साथ समाज को कुछ देना चाहते हैं. हमारी आने वाली पीढ़ी को हम क्या देंगे इस पर विचार करना है. फिल्म कमाल की है.