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JP Dutta Birthday: अपनी फिल्म बॉर्डर के ब्लॉकबस्टर होने पर आखिर क्यों टूटा था दिल

बॉर्डर की बंपर सफलता के बावजूद, जेपी दत्ता इससे खुश नहीं थे. उन्होंने कहा कि इस फिल्म की सक्सेस के कारण उनकी दूसरी फिल्मों को नजरअंदाज कर दिया गया.

By Sahil Sharma | October 3, 2024 7:14 AM
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JP Dutta Birthday: भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में कई वॉर फिल्में बनी हैं, लेकिन जिस तरह की सफलता जेपी दत्ता की फिल्म ‘बॉर्डर’ को मिली, वह बाकी फिल्मों के लिए किसी सपने से कम नहीं है. सनी देओल, सुनील शेट्टी, जैकी श्रॉफ और अक्षय खन्ना जैसे दमदार एक्टर्स के साथ साल 1997 में रिलीज हुई इस फिल्म ने दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बना ली, 3 अक्टूबर को अपना जन्मदिन मना रहे जेपी दत्ता ने इस फिल्म से जबरदस्त सफलता पाई, लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि इस ब्लॉकबस्टर फिल्म की सक्सेस ने उनका दिल तोड़ दिया था.

बॉर्डर की ऐतिहासिक सफलता, फिर भी दुखी क्यों थे जेपी दत्ता?

बॉर्डर ने रिलीज के समय पूरे देश में तहलका मचा दिया था. 10 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 39.45 करोड़ की कमाई की और इसे देखने 3 करोड़ 70 लाख से ज्यादा दर्शक पहुंचे. फिल्म का सॉन्ग ‘संदेशे आते हैं…’ तो आज भी लोगों के दिलों को छू लेता है. लेकिन इस बंपर सफलता से जेपी दत्ता खुश नहीं थे. साल 2018 के एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि फिल्म की जबरदस्त सफलता ने उनके लिए फ्रस्ट्रेशन पैदा कर दिया. बॉलीवुड हंगामा से बातचीत में जेपी दत्ता ने कहा, बॉर्डर की सक्सेस ने मेरा दिल तोड़ दिया, क्योंकि इसके बाद मेरी बाकी फिल्मों के बारे में कोई बात नहीं करता. लोग सिर्फ ‘बॉर्डर’ की बात करते हैं.

Jp dutta birthday

सबसे ज्यादा मेहनत LOC: कारगिल में की थी

जब भी जेपी दत्ता से उनकी फिल्मों के बारे में पूछा जाता है, लोग सिर्फ ‘बॉर्डर’ का नाम लेते हैं. लेकिन निर्देशक का कहना है कि उन्होंने अपनी सबसे ज्यादा मेहनत ‘LOC: कारगिल’ में की थी. फिल्म की लंबाई और उसके सीन को बनाए रखने के लिए उन्होंने कई मुश्किल फैसले लिए, लेकिन फिर भी उनकी ये फिल्म वैसी पहचान नहीं बना सकी, जैसी ‘बॉर्डर’ ने बनाई. 

‘बॉर्डर’ की सक्सेस से कुर्सियां भी बदलनी पड़ीं

‘बॉर्डर’ की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिनेमाघरों में फिल्म के युद्ध के सीन देखकर दर्शक इतने उत्साहित हो गए थे कि कुर्सियों पर कूदने लगे. इसके बाद कई थिएटर मालिकों को थियेटर की कुर्सियां बदलवानी पड़ीं. जेपी दत्ता ने बताया कि यह फिल्म 75 दिनों में शूट होकर तैयार हो गई थी, लेकिन इसकी सफलता ने उन्हें आंशिक रूप से निराश कर दिया क्योंकि इस फिल्म की वजह से उनकी बाकी फिल्मों को उतनी पहचान नहीं मिली.

जेपी दत्ता का फिल्मी सफर

3 अक्टूबर 1949 को जन्मे ज्योति प्रकाश दत्ता, उर्फ जेपी दत्ता, ने अपने करियर में अब तक 11 फिल्में बनाई हैं. 1976 में उन्होंने अपनी पहली फिल्म ‘सरहद’ बनाई. इसके बाद 1985 में ‘गुलामी’, 1988 में ‘यतीम’, 1989 में ‘बटवारा’ और ‘हथियार’, 1997 में ‘बॉर्डर’, 2003 में ‘एलओसी: कारगिल’, 2006 में ‘उमराव जान’ और 2018 में ‘पलटन’ जैसी फिल्मों से उन्होंने भारतीय सिनेमा में अपनी पहचान बनाई.

अब जेपी दत्ता बॉर्डर के सीक्वल के साथ डायरेक्शन में लौट रहे है, आज उनके जन्मदिन पर प्रभात खबर की पूरी टीम उन्हें दिल से बधाई देती है और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती है.

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