डॉक्यूमेंट्री ‘काली’ के पोस्टर पर देवी को विवादास्पद तरीके से दिखाये जाने के कारण आलोचनाओं का शिकार हो रहीं फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई (Leena Manimekalai) ने सोमवार को कहा कि वह जब तब जिंदा हैं तब तक बेखौफ अपनी आवाज बुलंद करना जारी रखेंगी. ‘काली’ के पोस्टर ने सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया है और यह विवाद ‘अरेस्ट लीना मणिमेकलाई’ हैशटैग के साथ ट्रेंड कर रहा है.
सोशल मीडिया पर इसका विरोध करने वालों का आरोप है कि फिल्म निर्माता धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रही हैं. इस बीच ‘गौ महासभा’ नामक संगठन के एक सदस्य ने कहा है कि उन्होंने दिल्ली पुलिस में इसकी शिकायत की है. जुबानी हमलों के जवाब में, टोरंटो निवासी फिल्म निर्देशिका ने यह कहते हुए पलटवार किया है कि वह (इसके लिए) अपनी जान देने को भी तैयार हैं.
मणिमेकलाई ने इस विवाद को लेकर एक लेख के जवाब में एक ट्विटर पोस्ट में तमिल भाषा में लिखा, ‘मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है. जब तक मैं जीवित हूं, मैं बेखौफ आवाज बनकर जीना चाहती हूं. अगर इसकी कीमत मेरी जिंदगी है, तो इसे भी दिया जा सकता है.”
मदुरै में जन्मी फिल्म निर्माता ने शनिवार को माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर ‘काली’ का पोस्टर साझा किया था और कहा था कि यह फिल्म टोरंटो में आगा खान संग्रहालय में ‘रिदम्स ऑफ कनाडा’ खंड का हिस्सा है. मणिमेकलाई ने लोगों से पोस्टर के संदर्भ को समझने के लिए फिल्म देखने का भी आग्रह किया. उन्होंने दूसरे लेख के जवाब में कहा, ‘‘फिल्म एक शाम टोरंटो शहर की सड़कों पर काली के टहलने के दौरान की घटनाओं के बारे में है. अगर वे फिल्म देखते हैं, तो वे ‘अरेस्ट लीना मणिमेकलाई’ के बजाय ‘लव यू लीना मणिमेकलाई’ हैशटैग लगाएंगे.”
‘गौ महासभा’ के सदस्य अजय गौतम ने कथित तौर पर देवी को ‘‘अपमानजनक और आपत्तिजनक तरीके से” पेश करने के लिए फिल्म निर्माता के खिलाफ अपनी पुलिस शिकायत की एक प्रति पत्रकारों को भेजी. उनका कहना है कि इससे ‘‘शिकायतकर्ता सहित लाखों भक्तों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है.” साइबर सेल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्हें अभी तक शिकायत नहीं मिली है. कई ट्विटर यूजर्स ने मणिमेकलाई की कड़ी आलोचना की है.