kalki 2898 AD कल यानी 27 जून को सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है.इस साइंस फिक्शन फिल्म के खास चेहरों में अमिताभ बच्चन, प्रभास ,कमल हासन, दीपिका पादुकोण और दिशा पटानी का नाम शुमार है. नाग अश्विन द्वारा निर्देशित और वैजयंती मूवीज़ द्वारा निर्मित इस फिल्म को भारत की सबसे महंगी फिल्मों में से एक करार दिया जा रहा है. है.इस फिल्म में क्या कुछ होगा खास.आइये जानते हैं इस आलेख में
पांच सालों से बन रही है फिल्म
kalki 2898 AD फिल्म के निर्देशक नाग आश्विन बताते हैं कि इस फिल्म पर वह साल २०१९ से काम कर रहे हैं. वह जानकारी देते हुए बताते हैं कि फिल्म की स्क्रिप्ट पर एक साल का वक़्त लगा था. फिल्म के कलाकारों को जोड़ने में भी साल भर का वक़्त गया था, लेकिन अच्छी बात ये रही कास्ट को जोड़ने में भले ही समय गया,लेकिन शूटिंग में बहुत आसानी हुई.सभी सुपरस्टार्स हैं,उन्हें अपना काम बखूबी आता है. बस आपको उन्हें बताने भर की देर होती है और वह कैमरे पर साकार कर देते हैं. वैसे फिल्म की कहानी भविष्य की है,जो काशी में आधारित है,तो भविष्य की काशी कैसी होगी. कितनी बदल चुकी होगी. उस वक़्त किस तरह के वाहन होंगे.किस तरह के लोग कपड़े पहनेंगे, जानवर कैसे होंगे इस सब पर बहुत ही डिटेलिंग के साथ काम किया गया, जिस वजह से समय लग गया.इसके साथ ही फिल्म के सीजी की वजह से भी फिल्म को बनने में समय लगा. भविष्य की कहानी है तो हम किसी लोकेशन पर जाकर शूट नहीं कर सकते थे.कल्कि अवतार का जो पीरियड है,उसे मानव सभ्यता का सबसे अंधकार मय काल कहा गया है,तो हमको अपनी फिल्म की ट्रीटमेंट में इस बात का भी ख्याल रखना था.
सबसे पहले अमिताभ बच्चन की हुई थी कास्टिंग
kalki 2898 AD फिल्म को भारत की सबसे महंगी फिल्म कहा जा रहा है , इसके साथ ही इस फिल्म से सिनेमा के कई दिग्गज नाम जुड़े हुए हैं. फिल्म की निर्माताओं में से एक सी स्वप्ना दत्त बताती हैं कि सबसे पहले इस फिल्म से अमिताभ बच्चन सर जुड़े थे.आमतौर पर कहा जाता है कि वह पांच छह मीटिंग के बाद स्क्रिप्ट पढ़ने को राजी होते हैं ,लेकिन चार -पांच मीटिंग में उन्होंने कहानी सुन ली और उन्हें किरदार और कहानी दोनों प्रभावी लगी और उन्होंने फिल्म को हां कह दिया.उसके बाद प्रभास फिर दीपिका पादुकोण और कमल हसन इस फिल्म का हिस्सा बनें.इस फिल्म में हर किरदार बहुत अहम् है,इसलिए कभी किसी को किसी से असुरक्षा की भावना नहीं हुई. हर पात्र महत्वपूर्ण है और उसके बिना कहानी अधूरी है.
५० लोगों की टीम ने डेढ़ साल में बनाया हाईटेक बुज्जी कार
kalki 2898 AD निर्देशक नाग अश्विन इस फिल्म के अहम पांच चेहरों में इस फिल्म की कार बुज्जी का नाम भी जोड़ते हुए बताते हैं कि इस कार को बनाने में डेढ़ साल का वक़्त लगा है. वह इसे अपने बचपन का सपना करार देते हुए कहते हैं कि मुझे लगता है कि हर किसी का बचपन में यह सपना होता है कि काश एक बोलती हुई कार हमारे पास होती और इस फिल्म से हमने इसी सपने को साकार किया है. वैसे यह आसान नहीं था. किसी बड़े इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट की तरह था. इसकी डिजाइन अवतार ,एन्ड गेम जैसी हॉलीवुड फिल्मों के डिजाइनर हाइसु वांग ने बनाया था लेकिन डिजाइन को रियल में उतारना असली मुश्किल थी. महेंद्रा एंड महेंद्रा इसकी शुरुआत हुई, उसके बाद जय मोटर्स कंपनी इससे जुड़ी. उन्होंने एक साल तक हमारी टीम के साथ मिलकर हमारे विजन को ध्यान में रखकर काम किया.फिल्म बनाना एक बड़ी चुनौती थी , लेकिन ऐसा गाडी बनाना भी अपने आप में कम चुनौती नहीं थी. यह चार नहीं तीन पहिये की गाडी है. मुझे लगता है कि लोग थिएटर से बाहर निकलने के बाद बुज्जी को भी नहीं भूलेंगे. वैसे यह बहुत अहम् किरदार है इसलिए इसकी डबिंग साउथ की बड़ी स्टार कीर्ति सुरेश ने की है.
कल्कि की कहानी दो पार्ट में आएगी
साउथ की पॉपुलर पैन इंडिया फिल्मों की तरह kalki 2898 AD की कहानी भी दो पार्ट में सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है। निर्देशक नाग अश्विन बताते हैं कि दोनों पार्ट की शूटिंग वह साथ में करने वाले थे लेकिन पहले ही पार्ट में काफी समय लग गया, जिस वजह से वह साथ में शूट नहीं कर पाए. फिलहाल दूसरे पार्ट पर काम शुरू हो गया है. नाग आश्विन जानकारी देते हुए यह भी बताते हैं कि वह इस फिल्म को किसी फ्रेंचाइजी फिल्म की तरह विकसित करने की नहीं सोच रहे हैं. उनकी फिल्म की कहानी दो पार्ट में पूरी हो जाएगी.
महाभारत से फिल्म की कहानी है प्रेरित
kalki 2898 AD फिल्म के ट्रेलर लांच के बाद से ही इसकी तुलना हॉलीवुड फिल्म ड्यून से होने लगी है. कुछ हफ़्तों पहले हैदराबाद के रामोजी स्टूडियो में सुपरकार बुज्जी की लॉन्चिंग के वक़्त ही निर्देशक नाग अश्विन ने इस बात की आशंका जताते हुए बातचीत में कहा था कि मुझे पता है कि लोग इसकी तुलना स्टारवार्स या ड्यून से करेंगे. करना है तो करना कीजिये.मुझे कोई दिक्कत नहीं है. मैं बताना चाहूंगा कि मेरी फिल्म बहुत ही देसी है. इस फिल्म की कहानी काशी में सेट है,क्योंकि यह हमारे ग्रंथो में है कि सृष्टि की शुरुआत काशी से हुई है,तो भविष्य की सबसे अहम् घटना के लिए भी हमने काशी को ही चुना है.स्टोरी हमारी माइथोलॉजी से है.महाभारत से इसका गहरा नाता है, फिल्म में फिक्शनल किरदार भी हैं लेकिन अश्वथामा और कल्कि भी हैं ,जो हमारे पौराणिक ग्रंथों का हिस्सा हैं और वह इस फिल्म की कहानी का वह आधार है.मुझे लगता है कि काफी समय बाद कोई कहानी महाभारत पर आधारित आ रही है. महाभारत पूरे भारत को जोड़ता है. मुझे उम्मीद है कि यह फिल्म भी दर्शकों को खुद से जोड़ेगी.