Lockdown को लेकर Kamal Haasan ने तमिलनाडु CM से पूछा- किस बात का इंतजार कर रहे हैं?

Kamal Haasan ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने तमिलनाडु में लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है.

By Divya Keshri | April 13, 2020 7:13 AM

कोरोना वायरस तेजी से पूरे देश में फैल रहा है. इसको फैलने से रोकने के लिए पीएम मोदी ने 21 दिनों के लिए लॉकडाउन लगाया था. अभी तक ओडिशा, राजस्थान, पंजाब के बाद महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना ने भी लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाने का फैसला लिया है. अब इसे बढ़ाने को लेकर कई अन्य राज्य इस पर विचार कर रही है. इस दौरान अभिनेता से नेता बने कमल हासन (Kamal Haasan) ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने तमिलनाडु में लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है.

Also Read: Lockdown के खिलाफ PM Modi को पत्र लिख बुरे फंसे Kamal Haasan, यूजर्स बोले- बंद करो दिखावा

कमल हासन ने अपने ट्वीट में लिखा, जब दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री अपने राज्य में लॉकडाउन का फैसला ले रहे हैं. तो मेरे माननीय मुख्यमंत्री आप किस बात का इंतजार कर रहे हैं. आप आवाज क्यों नहीं उठा रहे. मेरी आवाज जनता की तरफ से उठी है. जब आप अभी तक अपनी कुर्सी पर हैं तो जागिए सर.

इसके पहले एक पुलिस कर्मी का वीडियो शेयर करते हुए कमल ने लिखा था, “बहुत बढ़िया …. केरल पुलिस मुझे खुशी है कि वर्दीधारी एक पुलिसकर्मी में गायन प्रतिभा भी है. मैं एक संवेदनशील और विचारशील विचार के साथ आने के लिए पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को बधाई देता हूं.” सलाम.

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कमल हासन ने पीएम मोदी को ओपन लेटर लिखा था. कमल हासन ने अपने लेटर में कहा था कि वे प्रधानमंत्री द्वारा देशभर में लॉकडाउन के निर्णय से असंतुष्ट हैं. लेकिन उनका इस तरह का लेटर सोशल मीडिया पर लोगों को पसंद नहीं आया था. इसके कारण कमल अपने लेटर के कारण जमकर ट्रोल हुए थे.

कमल हासन ने लिखा था, ‘मैंने आपको पहला खत 23 मार्च को लिखा था. इसमें सरकार से अनुरोध किया था कि समाज के कमजोर तबके की अनदेखी न की जाए. अगले ही दिन देश भर में एक सख्‍त लॉकडाउन तुरंत लागू कर दिया गया, लगभग नोटबंदी की स्‍टाइल में. मैं चौंक गया लेकिन आप मेरे चुने हुए नेता हैं इसलिए आप पर भरोसा किया. नोटबंदी के समय भी किया था लेकिन समय ने साबित कर दिया कि मैं गलत था, और आप भी.

उन्होंने आगे लिखा, ‘मुझे इस बात का डर है कि जिस तरह नोटबंदी के बाद से देश को नुकसान झेलना पड़ा ऐसा ही लॉकडाउन के साथ भी होता दिख रहा है. गरीबों के रोजगार खतरे में है और उनकी देखरेख करने वाला आपके अलावा और कोई नहीं है. जहां आपके कहने से एक तरफ लोग दीया जला रहे हैं, वहीं कई गरीब देश में ऐसे हैं जिनके पास खाना पकाने के लिए तेल नहीं है.’

Next Article

Exit mobile version