KBC 14: स्पोर्ट्स के इस सवाल पर अटकीं कविता चावला, क्या आपको आता है 7.5 करोड़ के इस प्रश्न का जवाब

Kaun Banega Crorepati 14: सोनी टीवी के क्विज शो कौन बनेगा करोड़पति की पहली करोड़पति विनर कविता चावला बनी हैं. कविता 1 करोड़ तो जीतीं मगर वे 7.5 करोड़ के सवाल का जवाब नहीं दे पाईं. ऐसे में क्या आपको पता है इसका जवाब...

By Ashish Lata | September 21, 2022 9:15 AM
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Kaun Banega Crorepati 14: कविता चावला कौन बनेगा करोड़पति के इस सीजन की पहली ‘करोड़पति’ बनीं. हालांकि कविता 7.5 करोड़ के स्पोर्ट्स के सवाल का जवाब नहीं दे पाई. इस क्रिकेटर के सवाल ने उनसे 7.5 करोड़ जीतना का सपना तोड़ दिया. अगर वो इसका गलत उत्तर देतीं तो कविता चावला अपने साथ सिर्फ 75 लाख रुपये ही घर ले जाती. कविता ने बताया उन्हें इस सवाल का जवाब नहीं पता था. आखिरी सवाल क्रिकेट से जुड़ा था. उनकी क्रिकेट में कभी दिलचस्पी नहीं रही. इसलिए वे चाहकर भी रिस्क नहीं ले सकती थीं.

ये था 7.5 करोड़ का सवाल

जिस सवाल को कविता ने क्विट कर दिया, वह था ‘गुंडप्पा विश्वनाथ, प्रथम श्रेणी की शुरुआत में दोहरा शतक बनाने वाले पहले भारतीय, ने किस टीम के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की?’

विकल्प थे

A. सर्विसेज

B. आंध्र

C. महाराष्ट्र

D. सौराष्ट्र

गेम क्विट करने के बाद कविता ने सर्विसेज का अंदाजा लगाया, जो गलत जवाब था. सही उत्तर था आंध्र.


इस सवाल का जवाब देकर कविता चावला ने जीते 1 करोड़

अंतरिक्ष यान में चंद्रमा तक जाने और पृथ्वी पर लौटने वाला पहला जानवर इनमें से कौन था?

A. चूहा

B. खरगोश

C. कछुआ

D. चिंपाजी

सही जवाब है- कछुआ

2000 से ही कर रही थी केबीसी में आने की कोशिश

कविता चावला ने प्रभात खबर से खास बातचीत में कहा था कि, वो 2000 से ही शो में आने के लिए कोशिश कर रही हैं. 2020 में उन्हें पहला कॉल आया था लेकिन वो ऑडिशन राउंड तक ही पहुंच पाई थीं. 2021 में उन्हें फिर से कॉल आया लेकिन इसमें वो फास्टेस्ट फिंगर राउंड तक पहुंची थी. इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दोबारा कोशिश की और इस बार कामयाब रहीं.

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केबीसी के लिए फैमिली से मिला सपोर्ट

कविता चावला ने कहा, फैमिली का पूरा सपोर्ट रहा है. मेरी सासू मां घर काम में मुझे सपोर्ट करती थी. जिस वजह से समय थोड़ा बच जाता था और मैं उसमें पढ़ाई करती थी. हाउस वाइफ मतलब 24 घंटे का काम इसलिए कई बार समय दिन में नहीं मिल पाता था, लेकिन जो टॉपिक मैंने पढ़ने को तय कर रखा था. उसे पढ़ती ही थी. दिन में नहीं तो रात में जगकर. मेरे बेटे को मैंने ही केजी से आठवीं तक पढ़ाया है. उसे पढ़ाने में मैं भी पढ़ती थी.

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