रांची की मधुरिमा ने केबीसी 15 में जीते 3.2 लाख, कहा- इस जीत से काफी खुशी है, एक सपना पूरा हुआ…
कौन बनेगा करोड़पति 15 के लेटेस्ट एपिसोड में रांची की मधुरिमा हॉटसीट पर बैठी दिखाई दी. उन्होंने दो पड़ाव सफलतापूर्वक पार कर 3 लाख 20 हजार जीत लिए. बिग बी ने फिर पूछा कि वह शो में जीतने वाले पैसे का क्या करेंगी, मधुरिमा ने साझा किया, "मैंने जो राशि अभी जीती है वह अपना घर बनाने में खर्च की जाएगी.
Kaun Banega Crorepati 15: रांची की हिनू निवासी मधुरिमा ने कौन बनेगा करोड़पति में पहुंच कर रांची का मान बढ़ाया. मधुरिमा सोमवार को केबीसी की हॉट सीट पर नजर आयीं. फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट जीत कर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने बैठीं. नियमों के अनुसार खेलते हुए 13वां प्रश्न तक ही खेल पायीं. यहां से उन्होंने 03 लाख 20 हजार तक की रकम अपने हवाले की.
मधुरिमा ने कौन बनेगा करोड़पति को लेकर की बात
उन्होंने प्रभात खबर से बातचीत में बताया कि 13वां प्रश्न खेलने के बाद अगले प्रश्न में रिस्क उठाया, लेकिन इसमें गलती कर बैठीं. लेकिन जीत मिलने पर वह अब काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि वह कौन बनेगा करोड़पति में बस खेलने गयी थीं, हारने या जीतने नहीं. उन्हें बस महानायक अमिताभ बच्चन को देखना था. उनको देखने का सपना पूरा हुआ. यह उनके लिये बहुत बड़ी उपलब्धि है. अमिताभ बच्चन को देखने के बाद उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि वह उनसे मिली हैं. उनसे मिलने के बाद भी ऐसा ही लग रहा था कि वह उन्हें अब भी टीवी पर ही देख रही हैं.
झारखंड सचिवालय सेवा में कार्यरत हैं मधुरिमा
मधुरिमा झारखंड सचिवालय सेवा में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में प्रशाखा पदाधिकारी (2013 बैच) के पद पर कार्यरत हैं. इनके पति कमलदीप कुमार सिन्हा उषा मार्टिन पावर प्लांट में कार्यरत हैं. मधुरिमा मूल रूप से जमशेदपुर की रहनेवाली हैं. दोनों पति-पत्नी रांची में ही पदस्थापित हैं. इन्हें दो बेटियां आध्या कमल और अर्ना कमल हैं.
मेरी पहचान के लिए नाम ही काफी है : मधुरिमा
फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट में सबसे पहले मधुरिमा ने बाजी मारी. मात्र 4.69 सेकंड में जवाब पूरा किया. फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट का सवाल था-भारत के इन राज्यों को भौगोलिक दृष्टि से पश्चिम से पूर्व के क्रम में लगायें. इस मौके पर मधुरिमा ने अपने नाम के साथ टाइटल के नहीं जोड़ने के बारे में पूरी जानकारी दी. अमिताभ बच्चन ने टाइटल नहीं रखने की प्रथा के लिए बधाई दी. मधुरिमा ने कहा कि मेरी पहचान के लिए मेरा नाम ही काफी है. मौके पर मधुरिमा ने अपने संघर्ष की कहानी सुनायी.