28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Khushi kapoor:खुशी कपूर का झलका दर्द आठ साल की उम्र से लोग मुझे ट्रोल करने लगे थे

खुशी कपूर की फिल्म लवयापा जल्द ही सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है.इस इंटरव्यू में उन्होंने इस फिल्म के साथ -साथ उन्होंने अपनी जिंदगी के दूसरे पहलुओं पर भी बात की है.

Khushi kapoor :दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी की बेटी खुशी कपूर की फिल्म लव यापा आगामी 7 फरवरी  को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है. खुशी की यह पहली थिएट्रिकल रिलीज होगी. इससे पहले वह ओटीटी पर रिलीज हुई फिल्म आर्चिज में नजर आ चुकी हैं.इस फिल्म,उससे जुड़ी तैयारियों,प्यार, उनकी मां श्रीदेवी  सहित कई पहलुओं पर उन्होंने बातचीत की है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश 

लवयापा आपकी पहली फिल्म है,जो थिएटर में रिलीज हो रही है तो क्या नर्वस भी हैं ?

हां ,मैं बहुत उत्साहित होने के साथ -साथ नर्वस भी हूं.पहली थिएटर में रिलीज होने वाली फिल्म है. थिएटर में रिलीज होने वाली फिल्मों के साथ उनका बॉक्स ऑफिस कलेक्शन भी जुड़ा रहता है.वैसे हमने बहुत मेहनत  की है.अगर यह दर्शकों को भी दिख जाए तो मुझे बहुत खुशी मिल जायेगी. 

थिएटर में फिल्में देखने का शुरूआती अनुभव क्या रहा है ?

जब मैं छोटी थी. हर फ्राइडे पूरा परिवार एक साथ फिल्में देखने जाया करते थे.वह मेरी खास याद है. हम लगभग हर नयी फिल्म देखने जाया करते थे.

आपकी फिल्म में रोमांटिक जॉनर भी है ,आपकी पसंदीदा लव स्टोरी फिल्में कौन सी रही हैं ?

जाने तू या जाने और कुछ कुछ होता है मुझे बहुत पसंद है.

अपनी मम्मी की कौन सी फिल्में पसंद रही हैं ?

मैं बताना चाहूंगी कि मेरी मम्मी नहीं चाहती थी कि हम उनकी फिल्में देखें. इस मामले में उन्हें झिझक होती थी कि कोई उनकी फिल्म देखे. मैं जाह्नवी अपना कमरा बंद करके उनकी फिल्में देखते थे. मेरी सबसे पसंदीदा फिल्में सदमा, मिस्टर इंडिया और चांदनी है।

इनमें से किसी  रीमेक फिल्म का हिस्सा बनना चाहेंगी ?

मैं उनका कुछ भी छू नहीं सकती हूं. मैं अपनी खुद की फिल्म्स बनाऊंगी.मैं उनकी किसी भी रीमेक का हिस्सा चाह कर भी नहीं बन सकती हूं. वह हिंदी सिनेमा की लीजेंड अभिनेत्री रही हैं. 

फिल्म के ट्रेलर लांच में आमिर खान ने आपकी तुलना आपकी मां श्री देवी से की थी ?

आमिर सर बहुत स्वीट है, लेकिन यह तुलना एकदम गलत है.

कब वह पल था जब लगा कि अभिनेत्री बनना है ?

सच कहूं तो ऐसा कभी कोई पल नहीं था. यह हमेशा से था कि एक्ट्रेस ही बनना है. मम्मी नहीं चाहती थी कि हम फिल्मों में जाए,लेकिन अंदर से उन्हें भी पता था कि हम दोनों बहनें फिल्मों में ही जाएंगे. खाने के टेबल पर फिल्मों की बातें होती थी. पूरी फॅमिली फिल्मों से है. हम अक्सर फिल्मों के सेट पर जाया करते थे. मैं स्कूल में भी थिएटर में ज्यादा रूचि लेती थी. मुझे मैथ्स ,साइंस नहीं समझता था. जिस वजह से मैंने न्यूयॉर्क में फिल्म्स का कोर्स किया,लेकिन जब मुंबई आयी तो कोविड आ गया था. उसके बाद आर्चिज का ऑडिशन दिया. जिसके बाद छह महीने तक एक्टिंग , डांसिंग और स्केटिंग का वर्कशॉप चला था. आर्चिज के बाद रिलीज हो रही लव यापा मेरी तीसरी फिल्म है , जिसकी मैंने शूटिंग की है हालांकि यह रिलीज दूसरी फिल्म से पहले हो रही है.

क्या आपकी मां की लिगेसी आपको ज्यादा प्रेशर दे रही है ?

यह मेरी पहली थिएटर में रिलीज होने वाली फिल्म है इसलिए अपनी मां और पिता की लिगेसी मुझे प्रेशर दे रही है,तो ऐसा नहीं है.वह हमेशा थी और हमेशा रहेगी चाहे मैं सौ फिल्में भी कर लूं. मैं इतना जानती हूं कि मुझे अपना बेस्ट देना है.

 लव यापा की शूटिंग के मुश्किल पहलुओं में से क्या था ?

इस फिल्म की शूटिंग से जुड़े कई मुश्किल पहलु थे. मोबाइल इसका अहम हिस्सा है, तो कई मेरे शॉट्स मैंने जुनैद की वीडियो रिकॉर्डिंग को देखते हुए ही शॉट दिए हैं. उसके लिए हमारे बहुत रिहर्सल हुए थे ताकि वीडियो को देखकर भी मैं परफेक्ट रेस्पोंस दे सकूँ. इसके साथ ही फिल्म के गानों से जुड़ी डांसिंग आसान नहीं थी.दिसंबर में ही गाने शूट हुए हैं.  हमारे पास रिहर्सल के लिए ज्यादा टाइम नहीं था. मैं नेचुरल डांसर नहीं हूं. मुझे प्रैक्टिस करना अच्छा लगता है. प्रैक्टिस से ही मैं परफेक्ट होती हूं .वो मेरे लिए थोड़ा चल्लेंजिंग था.फराह मैम और बोस्को सीजर ने इसमें मेरी मदद की.

फिल्मों के चुनाव को लेकर आप अपने घर में किसकी राय लेती हैं ?

जाह्नवी और मेरे डैड के बिना पूछे कुछ नहीं करती हूं. फिल्म ही नहीं बल्कि मैं क्या कपड़े पहनूं .इस बारे में भी मैं उनसे ही  राय लेती हूं. कई बार फिल्म की शूटिंग के दौरान हम जैसा चाहते हैं। वैसे चीजें नहीं होती हैं, तो भी मैं नर्वस हो जाती हूं तो मैं जाह्नवी और पापा को फ़ोन करती हूँ. वह मुझे गाइड करते हैं.

युवा पीढ़ी सिचुएशनशिप,बेन्चिंग,घोस्टिंग जैसे टर्म प्यार में इस्तेमाल करते हैं, आपकी क्या प्यार की परिभाषा है  ?

(हँसते हुए )सच कहूं तो मैं ये टर्म नहीं जानती हूं. हर दिन कुछ नया आ जाता है.मुझे लगता है कि प्यार एक एहसास है. जो लोगों में हमेशा रहता था और रहेगा. अब बस एक्स्ट्रा वर्ड्स या फ्रेजेस आये हैं. हमारी फिल्म एक रोमांटिक कॉमेडी है,लेकिन इसमें बहुत सारे मौजूदा दौर के रिलेशनशिप इशू हाईलाइट हो रहे हैं. मुझे लगता है कि आपको आपके पार्टनर के साथ बात करते रहना चाहिए और हमेशा रिअलिस्टिक वाले ही एक्सपेक्टेशन रखें.

जुनैद को को एक्टर के तौर पर किस तरह से परिभाषित करेंगी ?

हम पहली बार ऑफिस में ही मिले थे. इससे पहले हम कभी नहीं मिले थे.हमदोनों ही बहुत शांत लोग हैं. ज्यादा बात नहीं करते हैं. शुरुआत में डायरेक्टर और निर्माता घबरा गए कि ये दोनों बात ही नहीं करते हैं, लेकिन जैसे ही हमारी रिहर्सल शुरू हुई तो कम्फर्ट शुरू हुआ. बानी और गुची बहुत ही लाउड लोग हैं,तो हमें  प्रैक्टिस और रिहर्सल ने ही वह कम्फर्ट दी कि हम किरदार में आ सकें क्योंकि मैं बानी जैसी बिलकुल भी नहीं हूं.परदे पर उस किरदार को लाना ही एक चैलेंज था.

फिल्म के ट्रेलर में आप अपने पार्टनर से अपना फोन बदलती हैं क्या रियल लाइफ में भी कर सकती हैं ?

हां ,मुझे मेरे फोन से उस तरह से लगाव नहीं है.मेरे सारे दोस्त मेरा पासवर्ड जानते हैं. हां सुबह उठते ही मैं अपना फोन चेक करती हूं। सब काम फ़ोन पर ही रहता है तो आप फोन से पूरी तरह से दूरी नहीं बना सकते हैं . आपको लगातार उसको चेक करते रहना होता है .

सोशल मीडिया पर होने वाली ट्रोलिंग पर आपकी क्या राय है ?

फिल्मों में आने से पहले मेरे लिए ट्रोलिंग थी. इंटरनेट पर हमेशा कुछ ना कुछ होते रहते थे. सात -आठ साल की मेरी उम्र रही होगी तबसे लोग कुछ ना कुछ बोलते रहते थे.उस वक़्त बहुत छोटी थी तो बुरा भी लगता था कि मेरे बारे में ऐसा क्यों बोल रहे हैं.अब मुझे लगता है कि लोग कहेंगे, लेकिन मैं कुछ कण्ट्रोल नहीं कर सकती हूं. एक लोगों को इम्प्रेशन है कि चूँकि मैं इंडस्ट्री से हूं ,तो मेरी फॅमिली की वजह से सब मुझे मिलेगा और मैं ईमानदारी से काम नहीं करूंगी. मैं अब इन कमेंट्स पर ध्यान नहीं देती हूं और मैं रिप्लाई करने में भी यकीन नहीं करती हूं क्योंकि फिर वह भी खबर बन जाती है और उस पर भी बहस शुरू हो जाती है. मुझे अपना बेस्ट देना है और खुद को हर फिल्म से बेहतर करना चाहती हूं. बस यही मेरे हाथ में हैं.

पैपराजी कल्चर को आप किस तरह से हैंडल करती हैं ?

ये उनका ब्रेड बटर है.वो बहुत स्वीट हैं और फनी बातें भी बोलते हैं लेकिन चूंकि मैं नयी हूं ,तो कई बार मैं समझ नहीं पाती हूं कि कैसे हैंडल करना है. मैं ऑक्वर्ड भी महसूस करती हूं कि क्या बोलूं तो मैं बस हाय , हैलो और थैंक यू बोलकर गाडी में बैठ जाती हूं .

क्या पैपराजी की वजह से हमेशा सुंदर दिखने का दबाव नहीं होता है ?

मुझे फैशन पसंद है. ड्रेसिंग अप होना पसंद है.मैं इस बात में बहुत रूचि लेती हूं कि मुझे क्या पहनना है.कैसे दिखना है. इस बात को कहने के साथ मैं ये भी कहूंगी कि कभी कभी मुझे भी ट्रैक पैंट पर बाहर जाना है. मैं एक्ट्रेस हूं तो मैं कुछ अलग नहीं करती हूं, मैं घर पर कुर्ता और प्लाजो पैंट्स पहनती हूं. 

 —

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें