कॉनमैन सुकेश चंद्रशेखर ने इस पॉपुलर सीरीज से सीखा था ‘ब्लैक एंड वाइट’ का खेल, जानिए कैसे छिपाया इतना पैसा
नेटफ्लिक्स पर एक बहुत पॉपुलर सीरीज है, जिसका नाम 'ओजार्क' है. इसे देखकर ही सुकेश चंद्रशेखर और उनकी पत्नी लीना को आइडिया मिला अपने काले धन को छोटे-मोटे कारोबारी गतिविधियों से कैसे व्हाइट मनी में बदले.
क्राइम के मामलों में आए दिन खबरें सुनने को मिलती है कि अपराधी ने किसी फिल्म या वेब सीरीज को देखकर उससे आइडिया लिया है. इस बार फिर से ऐसा कुछ हुआ है सुकेश चंद्रशेखर मामले में. कॉनमैन इन दिनों लगातरा चर्चा में है. आर्थिक अपराध शाखा की चार्जशीट से लेटेस्ट खुलासा हुआ है, जिसे जानकर आपके होश उड़े जाएंगे. इसके अनुसार, सुकेश और उनकी पत्नी लीना पॉल ने सीरीज ‘ओजार्क’ (Ozark) से क्राइम के टिप्स लिए थे.
‘ओजार्क’ से मिला सुकेश को ये आइडिया
नेटफ्लिक्स पर एक बहुत पॉपुलर सीरीज है, जिसका नाम ‘ओजार्क’ है. इसे देखकर ही सुकेश चंद्रशेखर और उनकी पत्नी लीना को आइडिया मिला अपने काले धन को छोटे-मोटे कारोबारी गतिविधियों से कैसे व्हाइट मनी में बदले. कपल ने ओज़ार्क से आइडिया लेकर अवैध कमाई को वैध बनाने के तरीके खोजे. ऐसा करने का एक तरीका कपल ने सैलून का निकाला. उन्होंने नेल आर्टिस्ट्री नाम से सैलून ओपन करा था. पुलिस के मुताबिक, वहां उसने और उसके कर्मचारियों ने ग्राहकों से कमाई दिखाने के लिए लगातार कार्ड स्वाइप किए थे.
सुकेश के बिजनेस
चार्जशीट में बताया गया कि इसी तरीके का इस्तेमाल करते हुए सुपर कार आर्टिस्ट्री, एलएस फिशरीज (लीना और सुकेश के इनिशियल्स), न्यूज एक्सप्रेस जैसे बिजनेस से मनी लॉन्ड्रिंग की गई थी. चार्जशीट के अनुसार, जांच के दौरान नेल आर्टिस्ट्री, मेसर्स सुपर कार आर्टिस्ट्री, मेसर्स एलएस फिशरीज, मेसर्स एलएस एजुकेशन और मेसर्स न्यूज एक्सप्रेस पोस्ट के बैंक स्टेटमेंट मिले है. ये सभी सुकेश और उसकी पत्नी से जुड़े थे. ये सबकुछ मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किया गया था.
पुलिस ने कही ये बात
MCOCA के अनुसार, “यह भी पाया गया कि अरुण मुथु, बी मोहनराज और लीना से जुड़े कई अन्य लोगों ने उसके और सुकेश द्वारा दी गई नकदी के खिलाफ अपराध की आय को स्थानांतरित कर दिया.” पुलिस की जांच से पता चला कि कथित कमाई में नकद जमा, कार्ड स्वाइप और अरुण मुथु, बी मोहनराज और अन्य सहयोगियों के माध्यम से कैश जमा किया गया. ऐसा दिखाया गया कि पैसे सारे वैद्ध और इस तरीके से व्हाइट करने की कोशिश की गई. यह सब नकली बैंकिंग लेनदेन के माध्यम से अपराध की कार्यवाही को वैधता देने के लिए किया गया था.