Lata Mangeshkar Birth Anniversary: पीएम मोदी ने किया ‘लता दीदी’ को याद, लिखा- उनके साथ अनगिनत बातचीत…

पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, 'लता दीदी की जयंती पर उन्हें नमन. ऐसा बहुत कुछ है जो मुझे याद है... अनगिनत बातचीत जिसमें वह इतना स्नेह बरसाएगी. मुझे खुशी है कि आज अयोध्या में एक चौक का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा.

By Budhmani Minj | September 28, 2022 9:18 AM

स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की 93वीं जयंती पर एक बार फिर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. आज भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी आवाज की मिठास लोगों के दिलों में जिंदा है. मध्यप्रदेश के इंदौर में जन्मीं लता मंगेशकर को गायिकी अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर से विरासत में मिली थी. आठ दशक से भी अधिक समय से हिन्दुस्तान की आवाज बनीं लता ने 36 भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा गीत गाए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुर सामाज्ञी को उनकी जयंती पर याद किया और कहा कि, “मुझे खुशी है कि आज अयोध्या में एक चौक का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा.”

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, ‘लता दीदी की जयंती पर उन्हें नमन. ऐसा बहुत कुछ है जो मुझे याद है… अनगिनत बातचीत जिसमें वह इतना स्नेह बरसाएगी. मुझे खुशी है कि आज अयोध्या में एक चौक का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा. यह महानतम भारतीय प्रतीकों में से एक को एक उचित श्रद्धांजलि है.’


‘किती हसाल’ से मिला पहला मौका

लता मंगेशकर पहली बार पार्श्व गायन का अवसर मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ के लिए मिला था, लेकिन दुर्भाग्यवश फिल्म के रिलीज होने से पहले इस गाने को हटा दिया गया. काफी दिनों तक संगीतकारों ने उनसे गाना नहीं गवाया, क्योंकि उन्हें लगता था कि लता की आवाज पतली है. उनका पहला हिंदी गाना 1943 में रिकॉर्ड हुआ. 1945 में लता मुंबई आ गयीं.

‘महल’ के गाने से मिली पहचान

लता मंगेशकर ने अपना पहला एकल गीत 1947 में फिल्म ‘आपकी सेवा’ के लिए गाया था. गीत के बोल थे ‘चलो हो गयी तैयार.’ वर्ष 1948 में ‘मजदूर’ फिल्म के लिए गाये गीत ‘दिल मेरा तोड़ा, मुझे कहीं का ना छोड़ा’ से उन्हें पहचान मिली. वर्ष 1949 लता के करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा. इस वर्ष आयी फिल्म ‘महल’ में उनके द्वारा गाया गीत ‘आयेगा आने वाला’ हिट रहा. इस गीत ने न सिर्फ उनकी प्रतिभा को स्थापित करने में मदद की, बल्कि फिल्म जगत के बड़े संगीतकारों के साथ गाने का मौका भी दिया. इसके बाद लता मंगेशकर ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा.

‘लता सुर-गाथा’ का अनुवाद जल्द बाजार में उपलब्ध होगा

प्रतिष्ठित गायिका दिवंगत लता मंगेशकर पर आधारित किताब का ‘लता: सुर गाथा’ का अंग्रेजी अनुवाद अगले साल की शुरुआत में बाज़ार में उपलब्ध होगा् भारत रत्न से सम्मानित दिवंगत गायिका की 93वीं जयंती की पूर्व संध्या पर ‘पेंगुइन रेंडम हाउस इंडिया’ (पीआरएचआई) ने बताया कि किताब का अंग्रेजी अनुवाद अगले वर्ष जनवरी से बाजार में मिलेगा् ‘लता:ए लाइफ इन म्यूज़िक’ को मूल रूप से लेखक कवि यतींद्र मिश्रा ने हिंदी में कलमबद्ध किया था् इसे अब जानी-मानी लेखिका एवं अनुवादक इरा पांडे ने अंग्रेजी में अनुदित किया है् किताब को 64वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और ‘मामी अवॉर्ड फॉर बेस्ट राइटिंग ऑन सिनेमा’ (2016-17) मिला था.

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एक वास्तविक सम्मान की बात है

मिश्रा ने एक बयान में कहा,“ लता दी दुनिया भर में मशहूर कलाकार हैं. इस बहुचर्चित और सम्मानित पुस्तक को अंग्रेजी में नए पाठक ढूंढते देखना एक वास्तविक सम्मान की बात है.” अंग्रेजी संस्करण पर टिप्पणी करते हुए, अनुवादक पांडे ने कहा कि मिश्रा की किताब का तर्जुमा करने के दौरान लता की गायिकी, उनकी विनम्रता और संगीत के प्रति उनके समर्पण को शब्दों में पिरोना चुनौती के साथ-साथ आनंददायक था. बता दें कि लता मंगेशकर का पिछले साल छह फरवरी को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था.

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