रविवार, 2 जुलाई 2023 को महाराष्ट्र की राजनीति में नया भूचाल आया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार अपने चाचा और एनसीपी के संस्थापक अध्यक्ष रहे शरद पवार से बगावत कर भाजपा और शिवसेना गठबंधन वाली सरकार में शमिल हो गए. एक दिन पहले तक महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे अजित पवार ने एकनाथ शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली. महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों जो कुछ हो रहा है, वैसा ही कुछ हॉटस्टार ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आ रहे सिटी ऑफ ड्रीम्स सीजन 3 में दिखाया जा रहा है. अतुल कुलकर्णी, सचिन पिलगांवकर, प्रिया बापट, एजाज खान और सुशांत सिंह, रणविजय सिंह जैसे सितारों से सजी यह पॉलिटिकल ड्रामा सिरीज महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीति की झलक दिखाती है.
वेब सीरीज सिटी ऑफ ड्रीम्स सीजन 3
वेब सीरीज सिटी ऑफ ड्रीम्स सीजन 3 मई में रिलीज हुआ था. इसके दोनों पार्ट काफी पॉपुलर हुए थे. ये मुंबई में स्थापित एक राजनीतिक ड्रामा, जो आपको शुरू से अंत तक बांधे रखेगा. इस सीजन की कहानी आंशिक रूप से महाराष्ट्र में सामने आए राजनीति के नाटक से मिलती जुलती है. जबकि अतुल कुलकर्णी और सचिन पिलगांवकर ने इंटरव्यू में पुष्टि की कि यह शो वास्तविक जीवन के राजनीतिक नाटक से पहले लिखा गया था.
सीरीज की कहानी
इस सीरीज की खासियत यह है कि इसमें सभी कलाकारों का शानदार प्रदर्शन है. वेब सीरीज सिटी ऑफ ड्रीम्स सीजन 3 का हर एपिसोड खूब सारे ट्विस्ट और टर्न से भरा हुआ है. सीजन 3 में मुख्यमंत्री पूर्णिमा गायकवाड अपने बेटे अमित की मौत के सदमे से बाहर निकलने की कोशिश करती है. पिछले सीजन में जहां अमेय गायकवाड अपनी बेटी से सत्ता छीनने की कोशिश करता दिखता है, वहीं इस सीजन वो उसके साथ नजर आता है. वो चाहता है कि किसी भी तरह राज्य में उसकी सत्ता चलती रहे, इसके लिए वो अपनी बेटी का साथ देने के लिए तैयार हो जाता है. जग्या के रूप में सचिन पिलगांवकर को देखना मजेदार है. इस सीज़न में उनका मुखौटा उतर जाता है. इसमें सत्ता हासिल करने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त भी दिखाई गई है.
Also Read: अजित पवार बनेंगे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री? ‘सामना’ के दावे के बाद राजनीति तेज
क्या हुआ महाराष्ट्र में
यहां चर्चा कर दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र सरकार में रविवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. यही नहीं पार्टी के आठ अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है. इसे एनसीपी के संस्थापक शरद पवार के लिए एक बड़े झटके के तौर पर माना जा रहा है. शरद पवार ने 24 वर्ष पहले एनसीपी की स्थापना की थी.