meenal nigam:गायिका मीनल निगम पिछले कुछ समय से अपने भक्ति म्यूजिक वीडियो नाम रामायण को लेकर सुर्खियों में हैं, वह इस गाने की कंपोजर और सिंगर हैं. मीनल ने इस गाने को अयोध्या में रामलला के स्थापना दिवस के एक वर्ष पूरे होने को समर्पित किया है. उनके इस भक्तिमय गीत, संगीत से जुड़ाव और उनके सेलिब्रिटी भाई सोनू निगम पर उन्होंने उर्मिला कोरी से बातचीत की.बातचीत के प्रमुख अंश
मुंगेर के आश्रम में नाम रामायण सुनकर मिली प्रेरणा
मैं योग में पिछले बीस साल से हूं. योगा सीखाती हूं और सीखती भी हूं. इसी के तहत मैं बिहार स्कूल ऑफ़ योगा मुंगेर से जुड़ी.यह 2016 के आसपास की बात होगी. प्रॉपर चांटिंग कैसे करते हैं. प्रोनन्सिएशन कैसे करते हैं. चांटिंग के वक्त भाव क्या होते हैं. वह मैंने इसी आश्रम से ही पिकअप किया है. देवी के भजन,शिव के स्रोतम, श्रीराम के स्त्रोतम मैंने कई बार सुना है,लेकिन नाम रामायण मैंने कभी सुना नहीं था.आश्रम का जो राम रामायण का वर्जन बहुत यूनिक है.बाकी में मैंने जो सुना है.उसमें वह भाव नहीं है. इसमें श्रीराम के १०८ नाम हैं.इसके साथ ही पूरी रामायण को 11 मिनट में यह कह जाता है. इसको चांटिंग कीजिये या सुनिए .इससे मन में आपको शांति मिलती है. वहां सुनने के बाद मैंने अपनी चांटिंग में इसे लाया ,फिर मैंने इसे म्यूजिक वीडियो के ज़रिये इस भक्तिमय संगीत को ज्यादा से ज्यादा लोगों से जोड़ने का तय किया. 2016 के बाद से ही मैं सोच रही थी कि मैं इसे रिकॉर्ड करूं और आख़िरकार 2024 में मैंने इस पर काम शुरू किया.
उपवास में गाने को रिकॉर्ड किया
इस गाने से जुड़ा सबसे बड़ा चैलेंज यह था कि चांटिंग के वक्त आपको बारीकी समझ नहीं आती है, लेकिन जब आप गाने को रिकॉर्ड करते हैं तो एक एक शब्द आता है और वह क्लियर आता है.उच्चारण सही नहीं है या फिर भाव की कमी है.यह सब आपको महसूस होता है. जिस वजह से तीन बार हमने रिकॉर्ड किया. मुझे यह भी समझ आया कि इसकी रिकॉर्डिंग में भी सत्व एनर्जी की जरुरत है. मैं नवरात्री में 9 दिन का उपवास रखती हूं. उसी के दौरान पिछले साल मैंने यह गाना रिकॉर्ड किया.रामायण आप रोज नहीं पढ़ नहीं सकते हैं क्योंकि इसमें 24 हज़ार श्लोक हैं. भागदौड़ से भरी जिंदगी में रोजाना पढ़ना आसान नहीं है. नाम रामायण के जरिये आप 11 मिनट में 108 श्लोक के जरिये ही रामायण के सार को खुद में समाहित कर सकते हैं. इस भक्तिमय गीत का वीडियो भी बहुत अच्छा है.वह एक कहानी की तरह नाम रामायण के हर शब्द को बयां कर रहा है.
सोनू भाई की राय बहुत लेती हूं
सोनू भाई मुझसे सिर्फ 11 महीने की बड़े हैं लेकिन मैं हर बात में उनकी राय लेती हूं.खासकर संगीत में. मैं योग पढ़ती हूँ और पढ़ाती भी हूँ. ये मेरा प्रोफेशन और पैशन दोनों रहा है.गाने का जो कमर्शियल पहलू होता है या गानों की मेकिंग का जो पूरा प्रोसेस होता है. इस गाने की बात करूं तो संस्कृत के श्लोक का इस्तेमाल बहुत हुआ है. ऐसे में आपको डिक्शन का ख्याल रखना पड़ता है. वहां भाई की मदद लगती है. उन्होंने क्लास 10 तक संस्कृत पढ़ा है. उन्होंने बहुत सारे भजन रिलीज हुए हैं, तो वह बहुत जगहों पर मुझे गाइड कर देते हैं.
मेरी प्रेरणा मेरी मां
मेरी मम्मी बहुत जबरदस्त सिंगर थी. उनसे बहुत सीखा है. उनके एक बुक थी. जिसमें भजन भी होता था. हिंदी, सूफी और पंजाबी सब कुछ उसमें था.वह किताब मुझे बहुत प्रिय है. जैसा जैसा मम्मी को सुनती तो वैसा ही गाती जाती थी. मेरी संगीत में कोई ट्रेनिंग नहीं हुई है.मैं इस बात को मानती हूं कि टीनएज में मैं सिंगर बनना चाहती थी क्योंकि भाई सिंगर बन रहा था,लेकिन मेरी पिता इसके खिलाफ थे. उनकी गलती भी नहीं थी. उस वक़्त दिल्ली में फीमेल सिंगर्स पार्टी या शादी में ही गाती थी और वह माहौल अच्छा नहीं होता था. टीनएज में रिबेल करने और बहस करने का एक छोटा सा फेज मेरा भी था.उसके बाद चीजें समझ आने लगी कि मम्मी पापा गलत नहीं है. मेरी मम्मी ने भी सिंगिंग शादी के बाद छोड़ दी थी. मैं 18 साल की हुई होंगी मेरी हाथ की हड्डियों में थोड़ी परेशानी होने लगी, जिसके बाद मैं योग से जुड़ी और आख़िरकार योग ने मुझे संगीत से जोड़ ही दिया।
बॉलीवुड सिंगिंग पर फोकस नहीं
अपने आनेवाले सिंगिंग करियर की बात करूं तो मैं भक्तिपूर्ण गानों का ही हिस्सा बनूंगी। फिल्मों में प्लेबैक सिंगिंग तभी कर सकती हूं। जब उसमें कुछ भावपूर्ण गा सकूं जैसे भाई का गीत कल हो ना हो है, जो जिंदगी के बारे में बताता है. वरना मैं भक्ति संगीत में ही खुश हूं। वैसे जल्द ही और भी भक्तिमय गाने रिलीज होने वाले हैं। —