mirzapur season 3 में गोलू गुप्ता के एक्शन अवतार के लिए श्वेता त्रिपाठी शर्मा की क्या थी ट्रेनिंग.. ट्रेनर ने किया खुलासा
mirzapur season 3 के लिए श्वेता त्रिपाठी शर्मा ने जमकर पसीना बहाया है. ट्रेनर त्रिदेव पांडेय ने डिटेल में दी जानकारी
mirzapur season 3 दस्तक दे चुका है.मिर्जापुर का किंग कौन वर्चस्व की इस लड़ाई में गोलू गुप्ता यानी श्वेता त्रिपाठी शर्मा की अहमियत सीरीज में और बढ़ गयी है. वह अपने 3.0 अवतार में सीरीज में नजर आ रही है. बुद्धि के साथ वह बंदूक का भी इस सीजन जमकर इस्तेमाल कर रही हैं. इसके लिए श्वेता ने जिम में बहुत पसीना बहाया है. उनके ट्रेनर त्रिदेव पांडे ने बताया कि यह श्वेता के चार सालों की मेहनत है. उर्मिला कोरी के साथ हुई बातचीत के प्रमुख अंश
2019 से श्वेता ने वर्कआउट करना किया शुरू
श्वेता को ट्रेनिंग करवाते हुए साढ़े चार साल हो गए हैं. 2019 में हमने शुरू किया था . मैं बताना चाहूंगा कि जब उन्होंने स्टार्ट किया था. उससे पहले तक उन्होंने कोई वर्कआउट नहीं की थी. उन्होंने कोई स्पोर्ट्स नहीं खेला था. जब वह मेरे पास आई थी उनके पास ऐसा कोई भी मोटिव नहीं था कि मुझे इस सीरीज या फिल्म के लिए फिट होना है.उनका बस एक ही उद्देश्य था कि मुझे अब अपने शरीर का ख्याल रखना है.चूंकि हमने पूरी ट्रेनिंग स्क्रैच से शुरू की है , तो मैं ये कह सकता हूं कि श्वेता को जितने भी फिटनेस के फॉर्म आते हैं.मैंने ही सिखाया है. हमने मोबिलिटी से लेकर वार्म अप, वर्कआउट, फ्री हैंड, बेसिक फंडामेंटल होते हैं स्क्वाट्स, पुश अप, पुल अप इन सब चीजों पर ध्यान दिया.जितना वह अवेयर हो सके. मूवमेंट को लेकर बॉडी पार्ट्स को लेकर हमने शुरुआत वहां से की.
मिर्जापुर की वजह से बढ़ाने पड़े ट्रेनिंग डेज
पहले हम 3 दिन ट्रेनिंग करते थे.मिर्जापुर आने के बाद हम कभी-कभी चार दिन तो कभी 5 दिन भी वर्कआउट करते थे. हमारे वर्कआउट का सेशन डेढ़ घंटे तक चलता था. जिसमें हम प्रॉपर स्ट्रेंथ वर्कआउट फॉलो करते थे.स्ट्रेंथ हमारा में गोल था क्योंकि टोनिंग वेट लॉस से अपने आप हो जाएगा. वैसे जब उन्होंने शुरू किया था,तो वह अपने नाम की तरह ही गोलू पोलू थी. उनका वेट ५२ किलो था। अभी वह अपने परफेक्ट शेप में हैं. उनका वजन ४८ किलो है. मुझे यह बताते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि उन्होंने अपने बॉडी वेट से ज्यादा 55 किलो का डेडलिफ्ट मारा है . स्क्वाट्स उन्होंने 35 किलो के साथ मारा है.जो की एक नॉर्मल एवरेज पर्सन के लिए बहुत ज्यादा है. हमने यह रूटीन स्पेशली मिर्जापुर के दौरान फॉलो किया है क्योंकि हमारा फोकस स्ट्रेंथ पर था.
हैंड स्टैंड पुश अप कई लड़कों से बेहतर करती है श्वेता
आमतौर पर लड़कियां पुशअप नहीं कर पाती है. श्वेता ने प्रॉपर अपने टो पर पुशप किया है. उन्होंने हैंड स्टैंड पुश अप भी मारा है. जो आमतौर पर लड़के भी नहीं कर पाते हैं. हमारा थॉट बहुत ही सिंपल था कि हमें फिट रहना है और स्ट्रांग बनना है. जैसे-जैसे फिटनेस बढ़ता गया.बॉडी में स्ट्रेंथ बढ़ता गया और यह चीजें सीखाने में मुझे आसानी हो गयी क्यूंकि हैंड स्टैंड का मतलब आप अपनी पूरी बॉडी का वेट अपने शोल्डर पर ले रहे हो.उल्टा खड़े हो रहे हो. बैलेंस तलाश रहे हो,तो बैलेंस पर काम करना पड़ा. 30 सेकेंड्स का टाइमर लगाकर हम सिंगल लेग पर खड़े होना. सिंगल हैंड पर खड़े होना.यह प्रोग्रेशन हमने कई महीनो तक फॉलो किया. इसके बाद शोल्डर को इसकी आदत हुई. उसके बाद हमने हेंडस्टैंड पुश अप की कोशिश की.उसके लिए प्रॉपर प्लेसमेंट क्या होगा.इन सब चीजों पर बहुत फोकस किया. ट्रेनिंग के साथ – साथ वह दूसरी फिल्मों की शूटिंग भी कर रही थी. सेट पर वह कई बार गिरी तो उनके शोल्डर और नेक में प्रॉब्लम थी. और उसे वक्त हम हेड स्टेन ट्राई कर रहे थे. जिस वजह से हमने कुछ समय के लिए कार्डियो और लोअर बॉडी पर ध्यान दिया,तो सब कुछ मैनेज करते हुए काफी लम्बा प्रोसेस रहा है.
एब्स बनाना नहीं था आसान
हर इंसान का अलग स्ट्रक्चर होता है.अलग बॉडी टाइप होता है.वर्कआउट करवाते वक्त इन सब बातों का बहुत ध्यान रखा जाता है.कितना वेट वह उठा सकता है. उसकी बॉडी जितनी कैपेबल है. सभी के प्रॉब्लम एरिया भी होते हैं. श्वेता की बॉडी भी अलग नहीं थी. शुरुआत में हमारा एंडुरेंस पर बहुत ध्यान था. एंडुरेंस कम था तो हमने स्टैमिना और उसको बहुत ध्यान दिया. वर्कआउट की शुरुआत ही मैंने की है तो मुझे पता था कि मुझे हर एक चीज का ध्यान देना होगा. एब्स पर मेहनत करनी पड़ी. मुझे लगता है कि उस डिपार्टमेंट में हर एक को मेहनत लगती है. वेटेड एक्सरसाइज की.वेटेड प्लांक,वेटेड क्रचेस,वेटेड होलो रॉक जिससे एब्स निकल कर सामने आए.
बंदूक सिर्फ उठाना नहीं था पावर भी दिखाना था
मिर्जापुर सीजन 3 जब शुरू हुआ तो उन्होंने कहा कि पांडे जी सीरीज में मुझे इस बार सिर्फ बंदूक उठाना है. मुझे इसमें पावर पैक परफॉर्मेंस देना है. इसके बाद मैंने उन्हें समझाया कि आप जितना वेट उठा सकते हो. आपके अंदर उतना कॉन्फिडेंस आएगा.अगर आप फ्रंट रेंज मार सकती हैं ढाई किलो से 5 किलो तक,तो बंदूक उठाते हुए ऐसा नहीं लगेगा कि बस उसको पकड़ लिया है क्योंकि हर कोई बंदूक पकड़ता है लेकिन उनकी बॉडी का पोस्चर और लुक काफी अलग होता है. बंदूक पकड़ने के बाद वो कॉन्फिडेंस दिखना चाहिए. आपकी बॉडी का पोस्चर में मसल्स टोन डाउन दिखना चाहिए.
एक्शन सीन करने से पहले आता था कॉल
मिर्जापुर 3 में उसका जब भी कोई एक्शन सीन या बॉडी शॉट वाला सीन होता था ,तो श्वेता कॉल करती थी कि पांडे जी कल बॉडी का शॉट है। क्या खाऊं? कौन सा वर्कआउट करूं ? सेट पर जाने से पहले कौन सा मूवमेंट कर लूं ताकि बॉडी टोन दिखे और वह परदे पर भी सामने आये। यह सब बातें वह अक्सर फोन करके पूछती थी और मैं उन्हें गाइड करता था.
डाइट में यह चीजें हुईं शामिल
श्वेता डाइट अपने हिसाब से अच्छा कर लेती थी. उसे पर मुझे ज्यादा फोकस नहीं करना पड़ा. मुझे सिर्फ कुछ सजेशन देना पड़ता था कि तुम यह खा लो. वह खा लो.सुबह नाश्ते में वह इडली या डोसा खा लेती थी,तो फिर मैंने उसमें बदलाव लाया. ग्रेनोला, कर्ड, प्लेन योगर्ट यह सब मैंने शामिल कराया.मैंने उन्हें प्रोटीन सप्लीमेंट शुरू करने को कहा क्योंकि वह पहले उसे नहीं लेती थी.वर्कआउट शुरू होने के 5 महीने बाद उन्होंने प्रोटीन लेना शुरू किया. नॉर्मल व्हे प्रोटीन और आइसोलेटेड प्रोटीन ले सकते हैं.इसके अलावा में ज्यादा सप्लीमेंट्स या शॉर्टकट में यकीन नहीं करता हूं .एक कोच के तौर पर मेरा गोल यह नहीं होता है कि आपको सिर्फ एक महीने में बॉडी बना कर छोड़ देना है. आपको हमेशा के लिए फिटनेस अपनी लाइफ में जोड़े रखना है,तो आपको शॉर्टकट नहीं बल्कि डेडीकेशन के साथ करना पड़ेगा.
फिटनेस वीडियो पोस्ट करते हुए रखा जाता है ध्यान
मैंने सोशल मीडिया पर श्वेता को वर्कआउट करवाते हुए जो भी वीडियो डाले हैं. मुझे पता है कि लोग इससे प्रभावित होते हैं,तो मैं कोच के तौर पर और श्वेता क्लाइंट के तौर पर हमेशा इस बात का ख्याल रखते हैं . ऐसी चीज प्रमोट ना हो कि सामने वाला आपको ब्लाइंड्ली फॉलो करें और फिर वह चोटिल हो जाए. श्वेता इस बात को लेकर बहुत ज्यादा फिक्रमंद रहती है कि हम सही वीडियो अपलोड कर रहे हैं कि नहीं.इसे करने की कोशिश में कोई चोटिल तो नहीं हो जाएगा.