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Chakki Movie Review: कॉमनमैन की कहानी बताती फिल्म…कई मोड़ आपको कर देती है इमोशनल

110 मिनट की फिल्म 'चक्की' कॉमनमैन की परेशानी बताती है. झारखंड के रामगढ़ जिले के रहने वाले सतीश मुंडा के निर्देशन में बनी यह फिल्म कई मोड़ पर आपको इमोशनल कर जाती है. एक सामान्य मध्यम वर्ग परिवार से ताल्लुक रखने वाले चरित्र के माध्यम से सतीश ने सरकारी सिस्टम पर प्रहार किया है.

फ़िल्म- चक्की

निर्देशक- सतीश मुंडा

कलाकार- राहुल भट, प्रिया बापट, नेहा बाम, श्रीकांत वर्मा और दुर्गेश कुमार और अन्य

रेटिंग- तीन

प्लेटफार्म- थिएटर

आम आदमी समाज का वह हिस्सा होता है, जो अपनी लाइफ स्टेबल करने में बिता देता है. उसे अक्सर यह लगता है कि वो लाइफ की तमाम समस्याएं खत्म कर लेगा. दायित्वों का निर्वहन कर लेगा. वह सबसे पहले दूसरों की सोचता है. फिर खुद की खुशी तलाश करता है. लेकिन आम आदमी की लाइफ अक्सर ऐसी नहीं मिलती है. जब उसे यह लगने लगता है कि सब कुछ ठीक हो गया है, तभी कुछ ऐसा हो जाता है जो लाइफ को बदल कर रख देता है. एक बार फिर यहां से उसके संघर्ष का सफर शुरू होता है. झारखंड के रहने वाले और फिल्म ने निर्देशक सतीश मुंडा ने अपनी फिल्म चक्की में ऐसे ही आम आदमी की कहानी को फिल्माया है.

क्या है फिल्म की कहानी

डाइरेक्टर सतीश मुंडा ने फिल्म चक्की की कहानी को एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले युवा व्यवसायी विजय के माध्यम से कही है. विजय की छोटी सी आटे की चक्की है. उसकी आटे की चक्की ठीकठाक चल रही होती है. उसे लगता है कि जीवन में सबकुछ ठीक चल रहा है. अब उसे शादी कर सेटल हो जाना चाहिए. वह अपनी बचपन की प्रेमिका से शादी करना चाहता है. तभी जीवन में एक ऐसी तबाही आती है, जो सबकुछ बदल कर रख देती है. बिजली विभाग की ओर से डेढ़ लाख रुपये का बिल भेज दिया जाता है. इसके बाद यहां से विजय के माध्यम से सतीश मुंडा ने साधारण आदमी के भ्रष्टाचार की ‘चक्की’ में पिसने की स्थिति दिखाते हैं. वह बिल ठीक कराने के चक्कर में बड़े बाबू से छोटे बाबू तक के चक्कर लगाता है. विभाग उसके यहां के बिजली का कनेक्शन काट दिया जाता है. इस बिजली बिल के चक्कर में उसकी लाइफ में प्रभावित हो जाती है. सतीश ने कॉमन मैन की समस्या को बड़े बेहतरीन ढंग से फिल्माने की कोशिश की है. इसकी सबसे बड़ी वजह इसका विषय ऐसा है कि हर कोई इससे जुड़ा हुआ महसूस करेगा.

इंडियन ओशॅन ने दिया है संगीत

फिल्म के संगीत की बात करें तो इसके गानों को संगीत से सजाया है संगीत बैंडों में से एक इंडियन ओशॅन ने. बताएं कि इसी बैंड ने ‘मसान’, ‘पीपली लाइव’ और ‘सत्याग्रह’ जैसी बेहतरीन फिल्मों का संगीत तैयार किया है. इसके गाने के बोल पीयूष मिश्रा ने लिखे हैं. इस फिल्म में पीयूष मिश्रा और इंडियन ओशॅन बैंड एक साथ काम कर रहे हैं. इससे पहले दोनों ने अनुराग कश्यप की फिल्म ‘ब्लैक फ्राइडे’ में एक साथ काम किया था. फिल्म के निर्देशक सतीश मुंडा ने कहा कि हमने आम लोगों की बात को रखने की कोशिश की है। जिस मुद्दे को लेकर मैंने फ़िल्म बनाई है वैसे मुद्दे आज भी प्रासंगिक हैं.

ऐसा है स्टार कास्ट

सतीश मुंडा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘चक्की’ में मुख्य भूमिका निभाई है राहुल भट, प्रिया बापट, नेहा बाम, श्रीकांत वर्मा और दुर्गेश कुमार ने। फिल्म को उमेश शुक्ला ने प्रेजेंट किया है. ये वही प्रजेंटर हैं जिन्होंने ‘ओएमजीः ओह माय गॉड’ और ‘102 नॉट आउट’ जैसी बेहतरीन फिल्मों को प्रजेंट किया है. फिल्म के टाइटल के साथ स्लग है, सिस्टम में पिसता आम आदमी. इस स्लग से फिल्म के विषय को समझा जा सकता है.

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