deadpool and wolverine review-रयान रेनॉल्ड्स और ह्यूग जैकमैन की केमिस्ट्री है फिल्म की यूएसपी

deadpool and wolverine आगामी 26 जुलाई को सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है. मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की इस दुनिया में क्या कुछ है खास और कहां नहीं बनी बात. आइये जानते हैं इस रिव्यु में

By Urmila Kori | July 25, 2024 5:52 PM


फिल्म -डेडपूल एंड वूल्वरिन

निर्देशक – शॉन लेवी

निर्माता -मार्वल स्टूडियोज

कलाकार -रयान रेनॉल्ड्स,ह्यूग जैकमैन, एमा कोरिन,लेस्ली,मोरेना बाकरनी और अन्य

 प्लेटफार्म -मार्वल स्टूडियो

 रेटिंग -ढाई

deadpool and wolverine की रिलीज से पहले मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की पिछली कुछ फिल्में सिनेमाघरों में दर्शकों को लुभाने में नाकामयाब रही हैं. शायद यही वजह है कि टाइम वैरिएंट अथॉरिटी का इस्तेमाल इसके मेकर्स ने मार्वल की दुनिया को ही नया आकार देने में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.अगर ऐसा नहीं होता तो रयान रेनॉल्ड्स और ह्यूग जैकमैन की जोड़ी डेडपूल और वूल्वरिन बनकर एक साथ स्क्रीन पर साथ नजर नहीं आ सकते थे. 2017 में रिलीज हुई फिल्म लोगन में  सुपरहीरो वूल्वरिन  की मौत को दिखाया गया था,लेकिन मल्टीवर्स के फार्मूले के तहत वूल्वरिन को किसी और दुनिया में जीवित कर इस बार कहानी से जोड़ दिया गया है. फिल्म की यूएसपी इन दोनों कलाकारों की केमिस्ट्री है. फिल्म के संवाद भी दिलचस्प और चुटीले हैं लेकिन फिल्म की कहानी कमजोर रह गयी है. फिल्म अपने एक्शन और वीएफएक्स में भी मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स में कुछ खास नहीं जोड़ पायी है, जो पहले इस यूनिवर्स की फिल्मों में ना देखा गया हो.

दुनिया और अपनों को बचाने की ही है कहानी

मार्वल यूनिवर्स की कहानी है ,तो दुनिया बचाने की ही जिम्मेदारी कहानी में सुपरहीरोज को मिलने वाली है. ये पहले से ही तय है. मल्टीवर्स की दुनिया बीते कुछ समय से एमसीयू की कहानियों  की पसंदीदा धुरी बनी हुई है,इस फिल्म में भी इसी फार्मूले को रिपीट किया गया है. एमसीयू के फैन हैं तो टाइम वैरिएंट अथॉरिटी को भी आप जानते ही होंगे.इस फिल्म में वह भी है और उसके प्रमुख पैराडॉक्स (मैथ्यू ) है, जो वेड यानी डेडपूल (रयान रेनॉल्ड्स ) की कार सेल्समैन की बेकार सी जिंदगी को खास बनाने का वादा करते हुए उसे मल्टीवर्स की दुनिया से लोगन (ह्यूग जैकमैन )को वापस लाने का  काम सौंपता है. वेड को खुद को साबित करना है ,लेकिन दिक्कत सिर्फ इतनी नहीं है.अगर वह ऐसा नहीं कर पाया तो उसकी दुनिया खत्म हो जायेगी.यह सबसे बड़ी परेशानी है. उसके पास तीन दिनों का समय है.  यह सब बातें हमेशा की तरह वेड का किरदार  बेहद चुटीले अंदाज में फोर्थ वॉल ( दर्शकों से सीधे तौर पर स्क्रीन पर बात करते हुए बताना ) के जरिये दर्शकों को बताता है.अलग – अलग मल्टीवर्स में वूल्वरिन ( ह्यूग जैकमैन ) के अतरंगी किरदारों से मिलने के बाद आख़िरकार उसे एंग्री मैन टाइप वाला वूल्वरिन मिल ही जाता है, जिसका अपनी दुनिया को ना बचा पाने का दर्द है, जिस वजह से उसे नशे की आदत भी पड़ गयी है. वेड उसे बताता है कि वह अतीत में जाकर अपनी दुनिया को बचा सकता है, लेकिन इससे पहले उसे वेड की दुनिया को बचाना होगा. एंग्री मैन वाला वूल्वरिन राजी हो जाता है, लेकिन जल्द ही उसे पता चलता है कि वेड ने उससे झूठ कहा है. उसकी दुनिया को वह अतीत में जाकर कभी नहीं बचा पाएगा. धोखा सिर्फ वूल्वरिन ही नहीं बल्कि डेडपूल के साथ भी हुआ है.दरअसल पैराडॉक्स के इरादे अच्छे नहीं है. वह वेड की दुनिया को बचाना ही नहीं चाहता है. वह डेडपूल और वूल्वरिन को शून्य लोक में भेज देता है.ऐसी दुनिया है, जहां से कभी कोई नहीं आ पाया है.वहां से वापस लौटकर डेडपूल क्या अपनी दुनिया को बचा पाएगा और वूल्वरिन इसमें उसका साथ देगा. यही आगे की फिल्म की कहानी है. वैसे पैराडॉक्स नहीं बल्कि इस फिल्म की विलेन कसेंड्रा (एमा कोरिन) है , जो एक्स मैन चार्ल्स ज़ेवियर की जुड़वां बहन है.अपने भाई की तरह वह भी किसी के दिमाग को पढ़ सकती है.उसे कंट्रोल कर सकती है,जो शून्य लोक की रानी है.उसका मकसद मल्टीवर्स में मौजूद सभी दुनिया के अस्तित्व को खत्म कर शून्य लोक की बादशाहत कायम करना है.डेडपूल और वूल्वरिन को इस चुनौती से भी टकराना है.


फिल्म की खूबियां या खामियां 
एमसीयू के यूनिवर्स की यह पहली फिल्म है ,जिसे एडल्ट सर्टिफिकेट मिला है. फिल्म में ढेर सारे खून खराबे के साथ ना सिर्फ हिंसा दिखायी गयी है,बल्कि फिल्म में जमकर एडल्ट वन लाइनर का भी इस्तेमाल हुआ है, जो इस फिल्म को बच्चों से दूर कर गयी है. वैसे एडल्ट दर्शकों के लिए फिल्म की कहानी में ज्यादा कुछ अपीलिंग नहीं है.खासकर सेकेंड हाफ में कहानी एकदम सपाट हो गयी है. उतार चढ़ाव की कमी खलती है,लेकिन फिल्म में विजुवल ट्रीट की कमी नहीं है. फिल्म के कई एक्शन दृश्य आकर्षक हैं. फिल्म की शुरुआत ही किल और एनिमल के मिले जुले अंदाज में हो रही है. गाना बज रहा है और जमकर हिंसा हो रही है. मार्वल यूनिवर्स की फिल्म है , तो एक कदम आगे बढ़ाते हुए उन्होंने फिल्म  के शुरूआती  क्रेडिट्स में आनेवाले नामों को खून से लिखते हुए पर्दे पर दिखा दिया है.फिल्म में स्टाइलिस्ट तरीके से भी कई जगहों पर एक्शन को जोड़ा गया है. फिल्म में एक्शन दृश्यों की भरमार है लेकिन वह मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की दुनिया में कुछ खास नहीं जोड़ पाए हैं. यही बात वीएफएक्स के लिए भी कही जा सकती है. एमा कोरिन का किसी के भी दिमाग को हाथों से टटोलने वाले दृश्य को छोड़ दें तो. फिल्म के संवाद चुटीले हैं, लेकिन कई मौकों पर इनकी धुरी गे आधरित संवाद और दृश्य जरुरत से ज्यादा हो गए हैं. गालियों का भी जमकर इस्तेमाल हुआ है.बेबीपूल को भी नहीं बक्शा गया है. संवाद से शिकायत ही है ऐसा नहीं है.  फिल्म प्रोडक्शन हाउस 20 सेंचुरी फॉक्स के डिज्नी अधिग्रहण को दिलचस्प ढंग से बताया गया है. मार्वल यूनिवर्स की पिछली फिल्मों की असफलता पर भी चुटकी ली गयी है, तो डेडपूल का किरदार खुद का मजाक बनाने से भी पीछे नहीं हटता है। फिल्म का संवाद इसके रोचक पहलुओं में से एक है.

रयान और ह्यूग की केमिस्ट्री है कमाल 

अभिनय की बात करें तो दो सुपरहीरो की कहानी वाली इस फिल्म की यूएसपी ही रयान और ह्यूग हैं. रयान ने अपनी कॉमेडी और एक्शन से फिल्म को दिलचस्प बनाया है,तो ह्यूग भी अपने एक्शन दृश्यों में खूब जमे हैं. उनका फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन फिल्म में ऊम्फ फैक्टर जोड़ता है.रयान और ह्यूग की केमिस्ट्री अच्छी बन पड़ी है. दोनों ने  ब्रोमांस से ज्यादा खून खराबा ज्यादा मचाया है, लेकिन फिल्म में वह पहलू भी रोचकता को जोड़ता है.एमा कोरिन ने अपनी भूमिका को दमदार तरीके से जिया है, उनका लुक और वीएफएक्स उनके किरदार को और मजबूती देता है.मोरेना बकारनी डेडपूल सीरीज की फिल्मों का चेहरा रही हैं. रयान और उनकी केमिस्ट्री को पिछली फिल्मों में काफी पसंद किया गया था.इस बार उनके हिस्से ज्यादा सीन नहीं आये हैं ,लेकिन डेडपूल के प्रशंसकों के लिए उनको देखना एक नॉस्टेल्जिया की तरह  हो सकता है.मैथ्यू भी अपनी भूमिका में जमे  हैं.ब्लेड , इलेक्ट्रा सहित कई दूसरे सुपरहीरो भी फिल्म में अपनी उपस्थिति को दर्शा गए हैं.

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