फिल्म- फाइटर
निर्देशक- सिद्धार्थ आनंद
कलाकार- ऋतिक रोशन, दीपिका पादुकोण, अनिल कपूर, करण सिंह ग्रोवर, संजीदा शेख, ऋषभ साहनी, अक्षय ओबरॉय और अन्य
प्लेटफार्म- सिनेमाघर
रेटिंग- दो
बीते साल की सबसे कामयाब फिल्म पठान के बाद निर्देशक सिद्धार्थ आनंद एक बार फिर देशभक्ति की कहानी को फिल्म फाइटर से लेकर आये हैं. 2019 में बालकोट एयरस्ट्राइक पर फिल्म की कहानी प्रेरित है. दीपिका पादुकोण इस बार भी फिल्म का हिस्सा हैं. इस बार सुपरस्टार ऋतिक रोशन का साथ मिला है. यह भारत की पहली फिल्म कही जा रही है, जिसमें भव्य स्तर पर एरियल एक्शन किया गया है. टॉम क्रूज की फिल्म टॉप गन से इसकी तुलना की जा रही थी. फिल्म में सबकुछ होने के बावजूद फिल्म निराश कर जाती है क्योंकि फिल्म की कहानी और स्क्रीनप्ले बेहद कमज़ोर रह गये हैं.
उरी और टॉप गन का मिश्रण है कहानी
पाकिस्तानी सरजमीं पर अटैक कर भारतीय सेना ने ऊरी अटैक का बदला लिया था. फिल्म की कहानी को ऊरी डे अटैक में दिखाया गया था. फाइटर 2019 में बालकोट एयरस्ट्राइक से प्रेरित कहानी पर है. फिल्म की कहानी की बात करें तो यह एकदम सिंपल है. हर दूसरे राष्ट्रवाद वाली फिल्मों और वेब सीरीज में जो दिखाया जाता है. वह इस फिल्म में भी है. इस बार भी पाकिस्तान का एक आतंकवादी समूह भारत पर घातक हमले की योजना बना रहा है. पड़ोसी देश के इस विनाशकारी मिशन को पटरी से उतारने के लिए इस बार वायु सेना के जाबांज जवानों को दिखाया गया है. एयरफोर्स पायलट की कहानी पर फिल्म आधारित है. जिसका ट्रीटमेंट टॉम क्रूज के टॉप गन के अन्दाज में किया गया है. किस तरह से भारतीय वायुसेना के जवान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जाकर मिशन को अंजाम देते हैं . यही पूरी फिल्म की कहानी है. साथ में पायलटों के अतीत को भी कहानी के सबप्लॉट में जोड़ा गया है.
फिल्म की खूबियां और खामियां
साल 2019 में बालकोट एयरस्ट्राइक से प्रेरित फिल्म की कहानी है, लेकिन कहानी और स्क्रीनप्ले में सबकुछ प्रेडिकेटेबल सा रह गया है. कब क्या होगा यह रोमांच कहानी से पूरी तरह से मिसिंग है. इसके अलावा यह फिल्म एयरफोर्स में एक साथ मिशन पर काम कर रहे कुछ पायलटों की बॉन्डिंग की भी कहानी है, लेकिन कमजोर लेखन कभी भी किसी भी किरदार साथ गहरा संबंध नहीं बनने देती है. सभी पायलटों के साथ में बिताने वाले पलों के संवाद अति साधारण रह गये हैं. फिल्म तकनीकी रूप से यादगार है. हवा में कलाबाजी करते दृश्य रोमांचक हैं. इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. गीत संगीत की बात करें तो वह औसत हैं. बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा बन पड़ा है.
कमजोर लेखन ने कलाकारों के अभिनय को भी किया है प्रभावित
अभिनय की बात करें तो यह फिल्म पूरी तरह से ऋतिक रोशन की फिल्म है. पूरी तरह से उनके किरदार के इर्द गिर्द ही बुनी गई है. उन्होंने पूरे स्वैग और स्टाइलिश अंदाज से इस किरदार को जिया है, लेकिन कमजोर लेखन ने इस किरदार को यादगार नहीं बनने दिया है. दो साल पहले ही अपनी गर्लफ्रेंड को एक मिशन में खो देने की घटना के बाद भी उनके किरदार में दर्द कम और एटीट्यूड ज़्यादा होने की बात समझ नहीं आती है. मिन्नी (दीपिका पादुकोण) एक रेस्क्यू पायलट है. पठान में दीपिका के हिस्से जबरदस्त एक्शन सीन आये थे, लेकिन इस फिल्म में वह मिसिंग है. मिन्नी के किरदार को फिल्म में कुछ करने को खास नहीं था. एक वक्त को ऐसा लगता है कि यह किरदार सिर्फ पैटी (ऋतिक रोशन) के साथ प्यार के लिए ही एयरफोर्स में एंट्री हुई है. दीपिका की बैक स्टोरी भी बहुत सतही रह गयी है. यह फिल्म दीपिका और ऋतिक की जोड़ी को एक साथ पर्दे पर लाने में कामयाब हुई है लेकिन उनके बीच वह केमिस्ट्री मिसिंग है, जिसका दर्शकों को इंतजार था. अनिल कपूर अपनी भूमिका में छाप छोड़ने में कामयाब हुए हैं. करण सिंह ग्रोवर सुर अक्षय ओबरॉय ने भी अपने हिस्से आये सींस में जमे हैं. संजीदा शेख के किरदार को करने को कुछ ख़ास नहीं था.ऋषभ साहनी विलेन की भूमिका में कैरिकेचर से रह गए हैं.