Maharani 3 Review: महारानी 3 मनोरंजन करती हैं, लेकिन पिछले सीजन के मुकाबले एक पायदान नीचे रह गयी है
Maharani 3 Review: वेब सीरीज महारानी 3 रिलीज हो चुकी है. जिस तरह से पिछले दो सीजन में सीरीज ने ओटीटी स्पेस में एक बेंचमार्क बनाया था. उम्मीद तीसरे सीजन से बढ़ गयी थी.
वेब सीरीज – महारानी 3
निर्माता – सुभाष कपूर
निर्देशक – सौरभ भावे
कलाकार – हुमा कुरैशी, अमित सियाल, विनीत कुमार ,अनुजा साठे,अतुल तिवारी, प्रमोद पाठक दिब्येंदु भट्टाचार्य और अन्य
प्लेटफार्म – सोनी लिव
रेटिंग -तीन
वेब सीरीज महारानी एक पॉलिटिकल थ्रिलर के तौर पर ओटीटी स्पेस में अपनी खास जगह बनायी है. यही वजह है कि 2021 में आए महारानी के पहले सीजन के बाद तीन सालों के अंतराल में इस सीरीज का तीसरा सीजन दस्तक दे चुका है. जिस तरह से पिछले दो सीजन में सीरीज ने ओटीटी स्पेस में एक बेंचमार्क बनाया था. उम्मीद तीसरे सीजन से बढ़ गयी थी, लेकिन तीसरे सीजन में वह उससे एक पायदान नीचे रह गयी हैं. कहानी में ट्विस्ट एंड टर्न की कमी खलती है. हालांकि साजिशों से भरा सत्ता का यह खेल इस बार भी आपको बांधे रखने में कामयाब जरूर रहा है.
बदले की है कहानी
महारानी 3 की कहानी वही से शुरू होती है, जहां पर पहली वाली खत्म हुई थी. अपने पति भीमा भारती (सोहम शाह) की हत्या के इल्जाम के लिए रानी भारती (हुमा कुरैशी) जेल की सजा काट रही हैं. तीन साल बीत चुके हैं. इस जेल की सजा का इस्तेमाल रानी भारती अपनी पढाई को पूरा करने के लिए कर रही हैं. उधर नवीन कुमार (अमित सियाल) बिहार के मुख्यमंत्री बन चुके हैं और सत्ता के खेल में अपना दबदबा बढ़ाते जा रहे हैं. क्या रानी भारती बार भी अपने दुश्मनों को पटखनी दे पाएगी. रानी भारती के जेल से निकलने और अपने पति भीमा भारती की हत्या का बदलना लेने की कहानी पर इस सीजन पर फोकस किया गया है. न्याय और बदले में क्या फर्क है, सीरीज इस पहलु को भी छूती है.
सीरीज की खूबियां और खामियां
इस सीजन भी यह सीरीज बिहार की राजनीति में ही उतरती है, लेकिन इस बार शराब बंदी के खेल पर आठ एपिसोड की इस कहानी में ज़्यादा फोकस हो गया है. दूसरे पहलु अछूते से रह गए हैं. रानी भारती का किरदार इस बार कहानी में वह अहमियत नहीं दर्शा पाया है, जैसी उम्मीद थी. इसके साथ ही कहानी में ट्विस्ट की कमी भी खलती है. एपिसोडस की रफ़्तार भी इस बार धीमी रह गयी है. कहानी में ज़्यादा कुछ कहने को नहीं रह गया है. जिस तरह से सजा काट चुकी महिलाएं सत्ता से अहम् लोगों से आसानी से जुड़ जाती हैं. कई बार वह लॉजिक से परे भी लगता है. संवाद औसत हैं. इस बार चुनावी भाषण उस तरह से प्रभवी नहीं बन पाया है, जैसे पिछले दो सीजन में था. सीरीज का गीत – संगीत भी हमेशा एक किरदार की तरह इस सीरीज में नजर आया है. शराब वाला गीत बेहद दिलचस्प है.
अमित सियाल ने अभिनय में मारी बाजी
अभिनय की बात करें तो रानी भारती की भूमिका में एक बार फिर हुमा कुरैशी पूरी तरह से रची – बसी हैं ,लेकिन इस बार कहानी में उन्हें वह स्पेस नहीं मिला है. अमित सियाल की बात करें तो एक बार फिर वह अपने अभिनय से प्रभावित करने में कामयाब रहे हैं. वह एक ऐसे नेता की छवि को बखूबी उकेरते हैं, जिसने अपनी इमेज आदर्शवादी बनायीं है, लेकिन सत्ता में बने रहने के लिए वह कुछ भी बुरा कर गुज़रने के लिए तैयार है. विनीत कुमार ने गौरी शंकर के किरदार में इस बार भी अपने काइयांपन को बखूबी दिखाया है. इसके अलावा बाकी के किरदारों ने भी अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है. कुलमिलाकर पिछले सीजन की तरह इस सीजन में भी किरदारों का अभिनय इस शो की अहम् यूएसपी में से एक है.