फिल्म – फिर आयी हसीन दिलरुबा
निर्देशक -जयप्रद देसाई
निर्माता – कलर येलो प्रोडक्शन
कलाकार -तापसी पन्नू, विक्रांत मेस्सी,सनी कौशल, जिमी शेरगिल,आदित्य श्रीवास्तव, मनोज टाइगर और अन्य
प्लेटफार्म -नेटफ्लिक्स
रेटिंग – ढाई
phir aayi hasseen dillruba नेटफ्लिक्स पर दस्तक दे चुकी है.यह फिल्म 2021 आयी रोमांटिक थ्रिलर फिल्म हसीन दिलरुबा की यह सीक्वल है.पागलपन की हद से ना गुजरे वो प्यार कैसा के मूलमंत्र को लेखिका कनिका ढिल्लन की यह सीक्वल फिल्म भी रोमांचकारी नए मोड़ के साथ फ्रेम दर फ्रेम जीती है. पहली फिल्म की तरह यह सीक्वल फिल्म भी रोमांस, सस्पेंस, ड्रामा और जटिल किरदारों से भरी इस कहानी को एंगेजिंग तरीके से आगे बढाती है लेकिन फिल्म में कहानी इस बार प्रेडिक्टेबल होने के साथ – साथ लॉजिक से भी थोड़ी ज्यादा ही दूर चली गयी है.
प्रेडिक्टेबल है कहानी
फिल्म की कहानी की बात करें तो फिल्म की कहानी रानी (तापसी पन्नू )के पुलिस स्टेशन में पहुंचने से शुरू होती है , जहां वह बताती है कि उसके पति से उसे खतरा है.उसके बाद इस सीक्वल फिल्म वहीँ से शुरू होती है , जहां पहली वाली ख़त्म हुई थी. रानी(तापसी पन्नू )और रिशु (विक्रांत मेस्सी )आगरा में हैं,लेकिन पुलिस की नजरों से बचने के लिए दोनों अलग – अलग रह रहे हैं. कुछ पैसे बनाकर थाईलैंड में बस जाने की प्लानिंग है.पासपोर्ट बन चुका है.बस कुछ हफ्तों की और बात है,लेकिन अतीत कहां आसानी से पीछा छोड़ने वाला है.पिछली फिल्म से इंस्पेक्टर किशोर रावत (आदित्य श्रीवास्तव )के साथ इस बार एक और इंस्पेक्टर (जिमी शेरगिल )रानी से सच कबूल करवाना चाहता है.उसे मालूम है कि रिशु जिन्दा है.कहानी का ट्विस्ट ये है कि वह नील (हर्षवर्धन राणे )के चाचा हैं यानी रिशु के भी मोंटू चाचू।मोंटू चाचू, जिनके लिए यह केस बहुत पर्सनल है। वैसे ट्विस्ट सिर्फ यही नहीं है.एक कम्पाउंडर अभिमन्यु (सनी कौशल ) रानी से इश्क़ कर बैठा है.पुलिस का शक अपनी और से हटाने के लिए रानी अभिमन्यु से शादी कर लेती है. क्या रानी का यह फैसला सही साबित होगा या अभिमन्यु के चक्रव्यूह में रानी और रिशु की मोहब्बत दम तोड़ देगी।नील की तरह क्या रानी अभिमन्यु से भी अट्रैक्ट हो जायेगी। इन्ही सवालों के जवाब यह फिल्म देती है, जिसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी। इस बार कहानी में मगरमच्छ भी अहम धुरी है.
फिल्म की खूबियां और खामियां
दो घंटे की अवधि वाली यह फिल्म फर्स्ट हाफ में सस्पेंस और ड्रामे को कहानी में पूरी तरह से बरकारर रखती है.फिल्म का सेकेंड हाफ कमजोर रह गया है. क्लाइमेक्स को तीन अलग – अलग ढंग से दिखाया है, लेकिन वह प्रेडिक्टेबल ही था.क्लाइमेक्स आपको चौंकाता नहीं है.फिल्म से लॉजिक इस बार और ज्यादा दूर हो गया है. मगरमच्छों को ब्रिज के आसपास से दूर रखने वाली बात एक बार फिर भी हजम की जा सकती है, लेकिन इतनी ऊँची पहाड़ी से कूदना लॉजिक से परे लगता है.वैसे फिल्म में बार बार दिनेश पंडित के सस्ते जासूसी उपन्यास का रेफ़्रेन्स दिया गया है.शायद स्क्रीनप्ले का ट्रीटमेंट में भी वही बात हावी हो गयी है.जिमी शेरगिल के किरदार पर कहानी में थोड़ी और मेहनत की जरुरत थी. जिस तरह से कहानी में उनकी एंट्री होती है. वह काफी दमदार है, लेकिन जैसे – जैसे कहानी आगे बढ़ती है. उनका किरदार कमजोर होता चला गया है.पुलिस के कामकाज को बहुत ही लचर ढंग से दिखाया गया है. सनी कौशल के साइको किलर वाले पहलू पर भी थोड़ा और फोकस करने की जरुरत थी.इससे फिल्म का रोमांच बढ़ सकता था.फिल्म का गीत – संगीत कहानी और किरदारों के साथ न्याय करता है. फिल्म कर्ज का यादगार गीत एक हसीना थी ,फिल्म के प्रभाव को बढ़ाता है. फिल्म का कलर पैलेट इसके विषय के साथ न्याय करता है.फिल्म की सिनेमेटोग्राफी कहानी के अनुकूल है.
सरप्राइज करते हैं सनी कौशल
पिछली फिल्म की तरह तापसी पन्नू इस बार भी उसी अंदाज में नजर आयी हैं. साड़ियां और उनके जुल्फों में लगा लाल गुलाब हमेशा की तरह उनके लुक को मनमोहक बना गया है. विक्रांत मेस्सी इस बार भी अपने सधे हुए अभिनय से तारीफें बटोर ले जाते हैं. सनी कौशल इस बार फिल्म का सरप्राइज पैकेज है.मासूम आशिक से शातिर किलर का उनका ट्रांसफॉर्म अच्छा बन पड़ा है. पूनम दुबे और जिमी शेरगिल भी अपनी भूमिका में जंचे हैं.आदेश श्रीवास्तव , मनोज टाइगर सहित बाकी के किरदार भी अपनी भूमिका के साथ न्याय करते हैं.